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चिदंबरम ने किया सरकार के दावों का फैक्‍ट चेक, वित्त मंत्री को दी नसीहत

पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने राज्‍यसभा में बजट पर चर्चा के दौरान मोदी सरकार के दावों का फैक्‍ट चेक किया. इसके साथ ही उन्‍होंने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को नसीहत भी दे डाली.

राज्‍यसभा में पी चिदंबरम ने निर्मला सीतारमण को दी नसीहत राज्‍यसभा में पी चिदंबरम ने निर्मला सीतारमण को दी नसीहत
aajtak.in
  • नई दिल्‍ली,
  • 11 जुलाई 2019,
  • अपडेटेड 2:24 PM IST

यूपीए सरकार में वित्त मंत्री रहे पी चिदंबरम गुरुवार को राज्‍यसभा में एक अलग ही अंदाज में दिखे. दरअसल, चिदंबरम ने राज्‍यसभा में आम बजट पर चर्चा के दौरान सरकार के दावों का फैक्‍ट चेक किया. उन्‍होंने इस दौरान बजट डॉक्‍युमेंट में बताए गए आंकड़ों को तथ्‍यात्‍मक रूप से गलत बताया. इसके साथ ही वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को नसीहत भी दे डाली.

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सरकार के दावों का फैक्‍ट चेक

राज्‍यसभा में बजट पर चर्चा के दौरान पी चिदंबरम ने कहा, '' सरकार आयुष्‍मान योजना के तहत 50 करोड़ भारतीयों को लाभ देने का दावा कर रही है लेकिन वास्तविकता ये है कि अब तक सिर्फ 30 लाख नागरिकों को ही फायदा मिला है. वहीं सरकार 40 करोड़ लोगों को पेंशन देने की बात कह रही है लेकिन पहला पेंशन पेआउट 2039 में आएगा. मतलब 2019 के लिहाज से आपको सालों तक कंट्रीब्‍यूट करने के बाद पेंशन स्‍कीम का लाभ मिलेगा.''

पी चिदंबरम ने सरकार के शौचालय बनाने के दावों को भी कठघरे में खड़ा किया. उन्‍होंने कहा कि सरकार 99 फीसदी गांवों में शौचालय बनाने की बात कहती है लेकिन इससे साफ करने वालों के बारे में नहीं सोचती है. एक सरकारी स्टडी के मुताबिक 23 फीसदी के लोगों के पास शौचालय है लेकिन इस्तेमाल नहीं हुआ. एक अन्‍य रिपोर्ट का जिक्र करते हुए उन्‍होंने कहा कि 43 फीसदी शौचालय इस्तेमाल नहीं हुए हैं और न इस्तेमाल होने लायक हैं.

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चिदंबरम ने अपने फैक्‍ट चेक का सिलसिला आगे बढ़ाते हुए कहा कि सरकार ग्राम सड़क योजना के तहत 97 फीसदी गांवों को कवर करने का दावा कर रही है लेकिन 10 साल पहले जो रोड बनी थे वह आज काम के नहीं हैं. चिदंबरम ने सरकार को अपने गांव में आकर सड़कों की हालत देखने की चुनौती दी.

इसके अलावा उन्‍होंने बैंकों के एनपीए का भी जिक्र किया. पूर्व वित्त मंत्री चिदंबरम ने कहा कि सरकार 1 लाख करोड़ एनपीए कम होने का दावा करती है लेकिन पिछले 5 साल में 5.55 लाख करोड़ से ज्यादा रुपये सिर्फ कॉरपोरेट के दिए हैं. इसके साथ ही चिदंबरम ने सरकार से एफडीआई के आंकड़ों को भी दुरुस्‍त करने की सलाह दी.

5 ट्रिलियन इकोनॉमी पर सवाल

चिदंबरम ने सरकार के 5 ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी के दावों पर तंज किया. उन्‍होंने कहा, ''बजट में 5 ट्रिलियन इकोनॉमी का लक्ष्य रखा गया है. इसकी भी वास्‍तविकता बताता हूं. साल 1991 में भारत की अर्थव्यवस्था 325 बिलियन डॉलर थी जो 2003-04 में दोगुनी होकर 680 बिलियन डॉलर हो गई. इसके 4 साल के भीतर यह दोगुना होकर 1.22 ट्रिलियन डॉलर हो गई है. साल 2017 में एक बार फिर इकोनॉमी दोगुनी होकर 2.48 ट्रिलियन डॉलर हो गई, ये भी 5 ट्रिलियन डॉलर होगी. कहने का मतलब यह है कि इकोनॉमी ऐसे ही बढ़ती रहती है.''

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अगली बार से आंकड़ों का करें जिक्र

बजट पर चर्चा के दौरान पी चिदंबरम ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के बजट स्‍पीच पर भी सवाल खड़े किए. उन्‍होंने कहा कि बजट स्‍पीच में किसी भी तरह के आवंटन का जिक्र नहीं था. चिदंबरम ने कहा, '' आम लोग ये जानना चाहते हैं कि बजट में किस सेक्‍टर को कितना फंड मिला. इस बजट स्‍पीच में न तो डिफेंस सेक्‍टर के लिए किसी फंड का जिक्र हुआ और न ही मिड डे मिल और मनरेगा जैसी योजनाओं के लिए किसी तरह के आंवटन की बात कही गई.''  इसके साथ ही चिदंबरम ने निर्मला सीतारमण को आगे से स्‍पीच में हर सेक्‍टर के बजट फंड का जिक्र करने की सलाह दी. वहीं मोदी सरकार से इकोनॉमी को बूस्‍ट देने के लिए गंभीरता दिखाने की अपील की.

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