
अगस्त का महीना भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए काफी खराब रहा. जीडीपी विकास दर गिरकर छह साल के न्यूनतम स्तर पर पहुंच गई. इसके साथ ही ऑटोमोबाइल सेक्टर का संकट और गहरा गया है.
मौजूदा वित्त वर्ष की अप्रैल से जून की तिमाही में भारतीय अर्थव्यवस्था की विकास दर बमुश्किल 5 फीसदी रही. ऑटोमोबाइल सेक्टर पहले से ही भारी संकट से जूझ रहा था. रविवार को नए आंकड़े आने के बाद पता चलता है कि इस सेक्टर में संकट अब और गहरा हो गया है.
उत्पादनकर्ताओं की ओर से जारी प्रेस रिलीज से मिले कार बिक्री के आंकड़ों का विश्लेषण करने पर इंडिया टुडे की डाटा इंटेलीजेंस यूनिट (DIU) ने पाया कि वाहन बनाने वाली सभी बड़ी कंपनियों की बिक्री में नकारात्मक वृद्धि दर्ज हुई है. कंपनियों की बिक्री में सबसे बड़ी गिरावट टाटा मोटर्स में दर्ज की गई है.
अगर 2018 के मुकाबले टाटा मोटर्स के वाहनों की बिक्री के आंकड़े देखें तो एक साल में कंपनी की बिक्री में 60.28 फीसदी की गिरावट आई है. बाकी सभी वाहन निर्माताओं से टाटा मोटर्स की तुलना करें तो टाटा की गिरावट सबसे ज्यादा है.
टाटा मोटर्स के बाद जापानी कार निर्माता कंपनी होंडा की बिक्री में 51 फीसदी की गिरावट आई है. इस बाद तीसरे नंबर पर मारुति सुजुकी है, जिसकी बिक्री में 36 फीसदी की गिरावट आई है. मारुति सुजुकी भारत में यात्री वाहन बनाने वाली सबसे बड़ी कंपनी है.
इसी तरह महिंद्रा की बिक्री में 25 फीसदी, टोयोटा की बिक्री में 24 और हुंडई की बिक्री में 9 फीसदी की गिरावट आई है.
मासिक विकास दर
मासिक आधार पर देखें तो सभी कंपनियों की बिक्री के आंकड़े अस्थिर रहे. किसी महीने में कुछ कंपनियों ने अच्छी छलांग लगाई तो किसी महीने में उन्हें संकट से निपटने के लिए संघर्ष करना पड़ा. अस्थिरता का यह चढ़ाव उतार जून 2019 तक चलता रहा.
मई के मुकाबले जून के महीने में सिर्फ टाटा मोटर्स की बिक्री में सुधार दिखा, बाकी सभी कंपनियों में गिरावट दर्ज की गई.
जुलाई से सभी वाहन निर्माता कंपनियां एक साथ घाटे की नाव में सवार हैं और नाव डूब रही है. सबकी मासिक बिक्री में गिरावट दर्ज की गई है.