
केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने गुरुवार को यस बैंक (YES Bank) मामले में बैंक के संस्थापक राणा कपूर, उनके परिजनों, दीवान हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड (DHFL) के प्रमोटर एवं कार्यकारी निदेशकों कपिल और धीरज वधावन के खिलाफ चार्जशीट फाइल की है.
करीब 100 पेज की इस चार्जशीट में इन सभी लोगों सहित DOiT अरबन वेंचर्स लिमिटेड और डीएचएफएल को भी आरोपी बनाया गया है.
क्या है मामला
गौरतलब है कि यस बैंक द्वारा संदिग्ध तरीके से डीएचएफल को लोन देने के मामले में सीबीआई ने 7 मार्च को मामला दर्ज किया था. इसमें आरोप था कि यस बैंक के फाउंडर राणा कपूर और डीएचएफएल के प्रमोटर कपिल वधावन, धीरज वधावन के बीच एक-दूसरे को फायदा पहुंचाने का मामला बनता है.
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यस बैंक द्वारा डीएचएफएल के शॉर्ट टर्म डिबेंचर में करीब 3,700 करोड़ के निवेश और डीएचएफएल द्वारा DOiT अरबन वेंचर्स लिमिटेड (DUVPL) को दिया गया 600 करोड़ रुपये का लोन जांच के घेरे में था. DOiT Urban Ventures Ltd (DUVPL) असल में राणा कपूर की बेटियों की कंपनी है. ऐसा माना जाता है कि डीएफएचल द्वारा कंपनी को दिया गया 600 करोड़ रुपये का लोन राणा कपूर को डीएचएफएल के डिबेंचर में पैसा लगाने के बदले दी गई रिश्वत थी.
DUVPL को जो लोन दिया गया वह एक प्रॉपर्टी के मॉर्टगेज के बदले था, जिसकी मार्केट वैल्यू करीब 40 करोड़ रुपये ही थी, लेकिन लोन खाते में इसकी वैल्यू 750 करोड़ रुपये की दिखाई गई. इसी तरह यस बैंक ने एक अन्य कंपनी को 750 करोड़ रुपये का लोन दिया जिसके मालिक असल में कपिल और धीरज वधावन है. यह लोन भी सीबीआई जांच के घेरे में है.
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अप्रैल में हुई थी गिरफ्तारी
सीबीआई ने गत 26 अप्रैल को वधावन बंधुओं को महाराष्ट्र के महाबलेश्वर जिले में स्थित सतारा जिले से हिरासत में लिया था. वधावन के साथ 21 अन्य लोगों को सतारा पुलिस ने तब पकड़ा था जब वे लॉकडाउन और क्वारनटीन का नियम तोड़ते पाए गए. दोनों भाइयों को पहले सीबीआई की कस्टडी रिमांड दी गई और बाद में उन्हें ज्यूडिशियल कस्टडी में भेज दिया गया.
राणा कपूर और वधावन बंधु फिलहाल महाराष्ट्र की तलोजा जेल में बंद हैं. सीबीआई की चार्जशीट अभी दो दिन तक क्वारनटीन सेक्शन में रखी जाएगी, उसके बाद इसे कोर्ट में भेजा जाएगा.