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चीनी एक्सपर्ट्स ने कहा-भारत के मेच्योर शेयर बाजार से चीन को सीख लेनी चाहिए

चीन के कई विशेषज्ञों ने भारतीय शेयर बाजार के परिपक्वता की तारीफ की है. उनका कहना है कि चीन को भारतीय शेयर बाजार से सीख लेनी चाहिए.

बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (फाइल फोटो: रायटर्स) बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (फाइल फोटो: रायटर्स)
दिनेश अग्रहरि
  • नई दिल्ली,
  • 10 अगस्त 2018,
  • अपडेटेड 4:40 PM IST

पिछले एक दशक में भारतीय शेयर बाजार के जबर्दस्त प्रदर्शन से चीन के विशेषज्ञ भी काफी प्रभावित हैं. चीनी एक्सपर्ट्स का कहना है कि पिछले एक दशक में भारत और चीन के शेयर बाजार में काफी अंतर देखा गया है. भारतीय शेयरों ने जबर्दस्त प्रदर्शन किए हैं. इससे ऐसा लगता है कि चीन के शेयर बाजार में कुछ तो कमी है और चीन को भारत के परिपक्व शेयर बाजार व्यवस्था से कुछ सीख लेनी चाहिए.

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चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स की एक रिपोर्ट में कहा गया है, 'अक्टूबर, 2008 से अब तक भारतीय शेयरों में 394 फीसदी की बढ़त हुई है, जबकि इस दौरान चीन के मुख्य शेयर इंडेक्स में सिर्फ 70 फीसदी की बढ़त हुई है.'

चाइनीज एकेडमी ऑफ सोशल साइंसेज के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ इंटरनेशनल स्ट्रेटेजी की एसोसिएट रिसर्च फेलो लिउ शिआयोक्सुए ने अखबार से कहा, 'चीन के मुख्यभूमि शेयर बाजार की तुलना में भारतीय शेयर बाजार ज्यादा परिपक्व है. उसमें ज्यादा विदेशी संस्थागत निवेशक (FII) हैं, जो कि जोखिम के ज्यादा अभ्यस्त होते हैं, जबकि चीनी बाजार में ज्यादातर सटोरिए किस्म के निजी निवेशक हैं. इसकी वजह से चीन का शेयर बाजार काफी उतार- चढ़ाव वाला है और वित्तीय जोखिमों को लेकर संवेदनशील है.' उन्होंने कहा कि चीनी रेगुलेटर्स को भारत से सीख लेनी चाहिए.

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गौरतलब है कि भारत के बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज की स्थापना 1875 में हुई थी और यह एशिया का पहला शेयर बाजार था, जबकि चीन में पहले स्टॉक एक्सचेंज की स्थापना 1990 में हुई थी.

लिउ ने कहा कि भारतीय शेयर बाजार पूंजी के मुक्त प्रवाह की इजाजत देता है और सबसे महत्वपूर्ण बात है कि उसमें ऐसी शॉर्टिंग व्यवस्था है जो निवेशकों को जोखिम से हेजिंग यानी बचाव करने की सुविधा देती है.

चीन के बैंक ऑफ कम्युनिकेशंस में सीनियर एनालिस्ट लिउ शुएजेही ने कहा, 'भारतीय शेयर बाजार में तेजी से यह पता चलता है कि वहां की मजबूत अर्थव्यवस्था में दुनिया को भी भरोसा है.' यही नहीं, अमेरिका के साथ चीन के बढ़ते व्यापारिक टकराव का भी शायद भारत को फायदा मिल रहा है. कोई भी यदि उभरते एशियाई बाजार में निवेश करना चाहेगा तो वह चीन की जगह भारत की ओर रुख करेगा.'

गौरतलब है कि भारत के बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज ने इसी महीने 38,000 का स्तर पार किया था. शुक्रवार को बीएसई का कारोबार 37,869 के स्तर पर बंद हुआ. जबकि चीन के शंघाई कम्पोजिट इंडेक्स में शुक्रवार को कारोबार की शुरुआत 2,791 पर हुई.

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