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कांग्रेस को नाबार्ड का जवाब, नोटबंदी में नियमों के तहत जमा किए बंद नोट

अहमदाबाद के सहकारी बैंक में नोटबंदी के दौरान सबसे ज्यादा बंद नोट जमा होने के कांग्रेस के दावे का नाबार्ड ने खंडन किया है. वित्तीय संस्था ने कहा है कि नोटबंदी के दौरान पुराने नोट जमा करने के लिए आरबीआई के नियमों को पालन किया गया है.

प्रतीकात्मक तस्वीर प्रतीकात्मक तस्वीर
विकास जोशी
  • नई दिल्ली,
  • 22 जून 2018,
  • अपडेटेड 4:39 PM IST

अहमदाबाद के सहकारी बैंक में नोटबंदी के दौरान सबसे ज्यादा बंद नोट जमा होने के कांग्रेस के दावे का नाबार्ड ने जवाब दिया है. वित्तीय संस्था ने कहा है कि नोटबंदी के दौरान पुराने नोट जमा करने के लिए आरबीआई के नियमों का पालन किया गया है. नाबार्ड ने कहा कि इस दौरान गुजरात के मुकाबले महाराष्ट्र के सहकारी बैंकों में सबसे ज्यादा 500 और 1000 के पुराने नोट जमा हुए.

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दरअलस कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि भाजपा अध्यक्ष अमित शाह जिस सहकारी बैंक में निदेशक हैं, उसमें नोटबंदी के दौरान सबसे ज्यादा पुराने नोट जमा किए गए हैं. कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने शुक्रवार को इस मामले में भाजपा अध्यक्ष और पार्टी को घेरा.

इसको लेकर नाबार्ड ने कहा कि नोटबंदी के दौरान अहमदाबाद के जिला सहकारी बैंक के ज्यादातर ग्राहकों ने बंद नोट बैंक में जमा किए. वित्तीय फर्म के मुताब‍िक बैंक में कुल 17 लाख खाते हैं. इस दौरान सिर्फ 1.60 लाख ग्राहकों ने पुराने नोट जमा किए या बदले. यह आंकड़ा कुल जमा खातों का 9.7 फीसदी है.

इनमें से 2.5 लाख रुपये से भी कम पैसे 98.94% खातों में जमा किए गए. सिर्फ 0.09 फीसदी खातों में 2.6 लाख रुपये से ज्यादा की रकम पुराने नोटों में जमा किए गए थे. नाबार्ड ने बताया कि नोटबंदी के दौरान 1.60 लाख ग्राहकों की तरफ से बंद नोट में 746 करोड़ रुपये जमा किए गए या बदले गए. यह कुल जमा राश‍ि का सिर्फ 15 फीसदी है.

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नाबार्ड ने दावा किया कि नोटबंदी के दौरान 500 और 1000 रुपये के पुराने नोट गुजरात के मुकाबले महाराष्ट्र के सहकारी बैंकों में ज्यादा जमा हुए और बदले गए. नाबार्ड के मुताबिक अहमदाबाद का सहकारी बैंक 9000 करोड़ रुपये के कारोबार के साथ देश के टॉप 10 जिला सहकारी बैंकों में से एक है.

बता दें कि कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने  एक प्रेस कॉन्फेंस में नोटबंदी को इस देश का सबसे बड़ा घोटाला बताया. उन्होंने इस दौरान आरोप लगाया कि गुजरात में बीजेपी नेताओं द्वारा चलाए जा रहे 11 जिला सहकारी बैंकों में नोटबंदी के दौरान सिर्फ 5 दिनों में 14,300 करोड़ रुपये जमा किए गए हैं.'

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