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लॉकडाउन लंबा चला तो मुश्किल में आएंगे निर्यातक, निर्यातकों के संगठन FIEO ने किया अलर्ट

फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गेनाइजेशन (FIEO) ने कहा कि अगर लॉकडाउन लंबा चला तो इससे निर्यातकों को काफी मुश्किल हो सकती है. लॉकडाउन लंबा चला तो निर्यातक काफी मुश्किल में आ सकते हैं. इससे बड़े पैमाने पर रोजगार जाने की आशंका बढ़ जाएगी.

लंबे लॉकडाउन से निर्यातकों को होगा भारी नुकसान लंबे लॉकडाउन से निर्यातकों को होगा भारी नुकसान
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 24 अप्रैल 2020,
  • अपडेटेड 9:53 PM IST

  • लंबे लॉकडाउन से निर्यातकों को होगा भारी नुकसान
  • निर्यातकों के संगठन FIEO ने सरकार को चेताया है
  • निर्यातक मुश्किल में आए तो रोजगार में होगी कटौती

लॉकडाउन लंबा चला तो निर्यातक काफी मुश्किल में आ सकते हैं. इससे बड़े पैमाने पर रोजगार जाने की आशंका बढ़ जाएगी. निर्यातकों के संगठन फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गेनाइजेशन (FIEO) ने शुक्रवार को सरकार को इस बारे में अलर्ट किया है.

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फिओ ने कहा कि अगर लॉकडाउन लंबा चला तो इससे निर्यातकों को काफी मुश्किल हो सकती है. फिओ के अध्यक्ष शरद कुमार सराफ ने कहा कि बांग्लादेश, दुबई और ब्रिटेन जैसे कई देशों ने लॉकडाउन समाप्त करने के लिए अब समाधान व दिशानिर्देश तैयार किए हैं.

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गौरतलब है कि देश में 25 मार्च से ही लॉकडाउन है और सारे काम-धंधे ठप पड़ गए हैं. इसकी वजह से पूरी अर्थव्यवस्था का पहिया रुक गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना वायरस महामारी की रोकथाम के लिए पहले तीन हफ्ते के राष्ट्रीय लॉकडाउन की घोषणा की थी. बाद में इसकी समयसीमा तीन मई तक बढ़ाने का फैसला किया गया.

उन्होंने न्यूज एजेंसी पीटीआई से कहा, ‘पूरी तरह से लॉकडाउन लागू किये एक महीने से अधिक हो चुके हैं और इसके कारण उद्योगों व श्रमिकों के लिये मुश्किलें खड़ी हो रही हैं. अगर यह लंबे समय तक जारी रहा तो निर्यातकों के सामने दिक्कतें आ सकती हैं.'

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निर्यात का पहिया पहले से है सुस्त

देश में निर्यात की स्थिति पहले भी बहुत बेहतर नहीं थी. कोरोना वायरस के प्रकोप और लॉकडाउन की वजह से देश की इकोनॉमी को भारी नुकसान हो रहा है. इसका असर देश के आयात और निर्यात पर भी पड़ा है. मार्च में देश का निर्यात 11 साल के निचले स्तर पर रहा, जबकि इस दौरान आयात भी 52 माह में सबसे कम हुआ है. पूरे वित्त वर्ष के हिसाब से 2019-20 के दौरान आयात 9.12 प्रतिशत गिरकर 467.19 अरब डॉलर रहा, जबकि वित्त वर्ष में देश का निर्यात 4.78 प्रतिशत गिरकर 314.31 अरब डॉलर पर आ गया.

क्या होगा असर

निर्यात में गिरावट का असर लोगों के रोजगार पर पड़ता है. अगर निर्यातक मुश्किल में आते हैं, निर्यात में गिरावट होती है, तो कई सेक्टर में छंटनी शुरू हो जाती है. सराफ ने गृह मंत्रालय द्वारा 15 अप्रैल को जारी किए गए छूट संबंधी दिशा-निर्देश का स्वागत किया, लेकिन कहा कि इनका ऊपर से नीचे तक अमल होना महत्वपूर्ण है.

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