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कोरोना से OYO होटल्स के कारोबार को तगड़ा झटका, 5000 कर्मचारियों की करेगी छंटनी

कोरोना वायरस के प्रकोप का दुनिया की इकोनॉमी और बिजेनस सेक्टर पर बहुत गंभीर असर पड़ रहा है. खासकर ट्रैवल और टूरिज्म इंडस्ट्री को इससे भारी नुकसान हुआ है. इसकी वजह से ही ओयो होटल्स अपने 5,000 कर्मचारियों की छंटनी करने की तैयारी कर रही है.

ओयो करेगी 5000 कर्मचारियों की छंटनी ओयो करेगी 5000 कर्मचारियों की छंटनी
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 05 मार्च 2020,
  • अपडेटेड 3:13 PM IST

  • कोरोना के कहर से इकोनॉमी और बिजनेस को तगड़ा नुकसान
  • होटल बुकिंग करने वाली कंपनी ओयो होटल्स को भी झटका
  • भारत, अमेरिका और चीन में नौकरियों में छंटनी करेगी कंपनी
  • कंपनी 5,000 कर्मचारियों की छंटनी करने की तैयारी कर रही है

कोरोना वायरस के प्रकोप की वजह से ओयो होटल्स (OYO Hotels) के कारोबार को तगड़ा झटका लगा है. इसकी वजह से कंपनी 5,000 कर्मचारियों की छंटनी करने की तैयारी कर रही है. कंपनी भारत, अमेरिका और चीन में बड़े स्तर पर नौकरियों में कटौती करेगी.

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चीन में ज्यादा नुकसान

कंपनी अपने ग्लोबल वर्कफोर्स से लगभग 5,000 कर्मचारियों को नौकरी से निकालेगी और अपने वर्कफोर्स को घटाकर 25,000 के आसपास रखेगी. सबसे बड़ा जॉब कट चीन में होगा, जहां कोरोना वायरस के चलते ओयो होटल्स को बिजनेस को ज्यादा नुकसान हुआ है.

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ओयो होटल्स एक भारतीय स्टार्टअप है जिसमें जापानी बहुराष्ट्रीय कंपनी सॉफ्टबैंक ग्रुप कॉरपोरेशन ने निवेश किया है. ओयो की साल 2013 में स्थापना हुई थी और इसके बाद उसका वैल्यूएशन बढ़कर करीब 10 अरब डॉलर तक पहुंच गया. सॉफ्टबैंक के विजन फंड ने ओयो में करीब 1.5 डॉलर का निवेश किया है.

क्यों हो रही छंटनी

लेकिन कंपनी लगातार कई साल से घाटे में ही चल रही है. अब कोरोना की वजह से कारोबार को लगे झटके की वजह से उसे इस कटौती के लिए मजबूर होना पड़ा है. कंपनी के फाउंडर और चीफ एक्जीक्यूटिव ऑफिसर रीतेश अग्रवाल ने न्यूज एजेंसी ब्लूमबर्ग को दिए गए एक इंटरव्यू में कहा कि 2020 में कंपनी का फोकस प्रॉफिटेबिलिटी के साथ ग्रोथ बढ़ाना है.

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उन्होंने कहा कि इससे कंपनी का वर्कफोर्स, जो जनवरी में 30,000 था, उसमें 17% की कमी आ जाएगी. जब तक रीस्ट्रक्चरिंग प्रोसेस पूरा होगा, OYO में कुल 25,000 कर्मचारी रह जाएंगे.

चीन में कोरोनावायरस के कहर और ट्रैवल प्रतिबंधों को लेकर कंपनी वहां अपने 6,000 डायरेक्ट फुल टाइम कर्मचारियों में से लगभग आधे कर्मचारियों को निकाल सकती है. वहीं भारत में कंपनी के 10,000 कर्मचारी हैं, इनमें से 12 फीसदी कर्मचारियों की नौकरी जा सकती है.

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