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कोरोना: एविएशन सेक्‍टर की सबसे बड़ी छंटनी, बोइंग ने निकाले 12,000 कर्मचारी

कोरोना संकट की वजह से विमान बनाने वाली वैश्विक कंपनी बोइंग 12,000 से अधिक लोगों की छंटनी कर रही है.

कंपनी कर्मचारियों की कुल संख्‍या का 10 फीसदी छंटनी करेगी कंपनी कर्मचारियों की कुल संख्‍या का 10 फीसदी छंटनी करेगी
aajtak.in
  • नई दिल्‍ली,
  • 28 मई 2020,
  • अपडेटेड 11:43 AM IST

  • अमेरिकी कंपनी बोइंग इस हफ्ते 6,770 कर्मचारियों को निकालेगी
  • वहीं 5,520 कर्मचारियों ने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति का विकल्प चुना है

कोरोना की वजह से दुनिया भर के अलग-अलग सेक्‍टर की इंडस्‍ट्री तबाह हो रही है. इस वजह से बड़े पैमाने पर लोगों की नौकरियां भी जाने लगी हैं. इसी के तहत एविएशन सेक्‍टर में बोइंग ने 12 हजार से अधिक लोगों की छंटनी का ऐलान किया है. विमान बनाने वाली अमेरिकी कंपनी बोइंग ने बताया कि इस हफ्ते 6,770 अमेरिकी कर्मचारियों को निकालेगी.

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इसके अलावा 5,520 कर्मचारियों ने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति यानी वीआरएस का विकल्प चुना है. इसके साथ ही कंपनी आगे और लोगों को भी नौकरी से निकाल सकती है. बता दें कि बोइंग के कुल कर्मचारियों की संख्या करीब 1,60,000 है. बोइंग कर्मचारियों की कुल संख्‍या का 10 फीसदी छंटनी करेगी. कोरोना की वजह से एविएशन सेक्‍टर की ये सबसे बड़ी छंटनी मानी जा रही है.

दरअसल, लंबे समय से 737 मैक्स संकट की वजह से बोइंग की वित्तीय सेहत ठीक नहीं है. वहीं, कोरोना की वजह से कारोबार ठप हो गया और इसने कंपनी की कमर तोड़ दी है. बता दें कि दो बड़ी दुर्घटनाओं के बाद 737 मैक्स विमान एक साल से भी अधिक समय जमीन पर खड़े हैं. हालांकि, कंपनी ने 737 मैक्स विमान के प्रोडक्‍शन को फिर से शुरू कर दिया है.

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भारत के एविएशन सेक्‍टर का हाल

कोरोना की वजह से भारत का एविएशन सेक्‍टर भी बुरी तरह प्रभावित हुआ है. बीते दिनों इंटरनेशनल एविएशन ट्रैवल ए​सोसिएशन (IATA) की एक रिपोर्ट जारी हुई थी. इस रिपोर्ट के मुताबिक कोरोना की वजह से भारतीय विमान सेवा कंपनियों को इस साल 1,122 करोड़ डॉलर (करीब 86 हजार करोड़ रुपये) का नुकसान होगा और 29 लाख से भी ज्यादा लोग बेरोजगार हो सकते हैं.

ये पढ़ें- विमान 737 मैक्स 8 के सुधार करेगी बोइंग, 50 देश में लग चुका है बैन

एशिया-प्रशांत क्षेत्र के लिए जारी इस रिपोर्ट में सबसे ज्यादा नौकरियां भारत में जाने की आशंका जताई गयी है जबकि आय के नुकसान के मामले में जापान और ऑस्ट्रेलिया के बाद भारत तीसरे स्थान पर रहेगा. एयरलाइंस की कमाई में जापान में 2,200 करोड़ डॉलर और ऑस्ट्रेलिया में 1,400 करोड़ डॉलर से अधिक की गिरावट की आशंका व्यक्त की गई है.

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