
देश में वित्त वर्ष 2018-19 के शुरुआती नौ माह के दौरान देश की राजधानी दिल्ली में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की हिस्सेदारी एक चौथाई रही. दिल्ली के अलावा उत्तर प्रदेश और हरियाणा का भी कुछ हिस्सा शामिल है. वहीं इस दौरान प्राप्त कुल एफडीआई में महाराष्ट्र, दादर और नागर हवेली के अलावा दमन एवं दीव की हिस्सेदारी करीब 24 फीसदी रही.
जिन प्रमुख क्षेत्रों में अधिकतम विदेशी निवेश आया उसमें सर्विस सेक्टर, कंप्यूटर सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर, टेलिकॉम, ट्रेडिंग, केमिकल और ऑटो सेक्टर शामिल हैं.हालांकि इस अवधि के दौरान देश में कुल प्रत्यक्ष विदेशी निवेश 7 फीसदी घटकर 33.5 अरब डॉलर रहा. बता दें कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया क्षेत्रीय कार्यालयों को कंपनियों ने यह जानकारी दी है.
आंकड़ों के मुताबिक वित्त वर्ष के शुरुआती नौ महीने की अवधि में दिल्ली में 8.3 अरब डॉलर मूल्य का एफडीआई आया. जबकि महाराष्ट्र क्षेत्र में इसी अवधि में 8 अरब डॉलर का निवेश प्राप्त किया गया है. इसके अलावा जिन क्षेत्रों में निवेश आया है उसमें बेंगलुरु (4.44 अरब डॉलर), चेन्नई (2 अरब डॉलर), अहमदाबाद (1.67 अरब डॉलर) और कानपुर (2.6 करोड़ डॉलर) शामिल हैं.
किस देश से कितना निवेश
वित्त वर्ष 2018-19 के अप्रैल-दिसंबर में आए एफडीआई में सिंगापुर का सबसे ज्यादा निवेश रहा. सिंगापुर से 12.97 अरब डॉलर का निवेश आया. उसके बाद क्रमश: मॉरीशस (6 अरब डॉलर), नीदरलैंड (2.95 अरब डॉलर), जापान (2.21 अरब डॉलर), अमेरिका (2.34 अरब डॉलर) और ब्रिटेन (1.05 अरब डॉलर) का स्थान रहा.
विदेशी बाजारों से जुटाई गई रकम में गिरावट
भारतीय कंपनियों की विदेशी बाजारों से जुटाई गई रकम जनवरी 2019 में एक साल पहले के की तुलना में 45 फीसदी गिर गई है. रिजर्व बैंक के आंकड़ों के मुताबिक अब यह 2.42 अरब डॉलर रह गई है. घरेलू कंपनियों ने एक साल पहले जनवरी माह में विदेशों से 5.40 अरब डॉलर का कर्ज जुटाया था. आंकड़ों के मुताबिक माह के दौरान जुटाई गई कुल रकम में 2.27 अरब डालर बाह्य वाणिज्यिक उधारी (ईसीबी) के जरिये जुटाया गया. बता दें कि ईसीबी में विदेशी बाजारों से स्वत: मंजूरी मार्ग के जरिये राशि जुटाई जाती है.