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कांग्रेस का आरोप- बजट के लिए ई अहमद की मौत छुपाती रही सरकार

मंगलवार को राष्ट्रपति के अभिभाषण के दौरान ई अहमद को दिल का दौरा पड़ा था. उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया जहां उनकी हालत बेहद गंभीर बताई गई और उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया. शक तब हुआ जब अहमद के परिजनों को उनसे मिलने नहीं दिया गया.

क्या सरकार रखना चाह रही थी अहमद की मौत पर सस्पेंस? क्या सरकार रखना चाह रही थी अहमद की मौत पर सस्पेंस?
विजय रावत
  • नई दिल्ली,
  • 01 फरवरी 2017,
  • अपडेटेड 11:43 AM IST

पूर्व केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ सांसद ई अहमद की मौत क्या इस बारे में आधिकारिक ऐलान से पहले ही हो गया था? ये सवाल इसलिए क्योंकि केंद्र सरकार पर ये आरोप लग रहे हैं कि उसने बजट टलने से रोकने के लिए अहमद की मौत की खबर छुपाई. खुद कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने पत्रकारों से बातचीत में इस बात की आशंका जताई.

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मौत पर जानबूझकर सस्पेंस?
मंगलवार को राष्ट्रपति के अभिभाषण के दौरान ई अहमद को दिल का दौरा पड़ा था. उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया जहां उनकी हालत बेहद गंभीर बताई गई और उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया. शक तब हुआ जब अहमद के परिजनों को उनसे मिलने नहीं दिया गया. तभी से सोशल मीडिया पर और कई वरिष्ठ पत्रकारों ने इस बात की आशंका जताई कि अहमद का निधन हो चुका है और सरकार बजट टलने से रोकने के लिए ये बता छुपा रही है.

कांग्रेस का आरोप
खैर, बीती देर रात अहमद की मौत की पुष्टि की गई लेकिन सुबह पत्रकारों से बात करते हुई लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि मुझे लगता है कि ई अहमद का निधन पहले ही हो चुका है. मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि मुझे लगता है कि कल ही मौत की बात सामने आ गई थी पर सरकार ने उसे सीक्रेट बनाया रखा. उन्होंने सीक्रेट इसलिए रखा कि कल बजट पेश कर इसका ऐलान करेंगे. ये इंसानियत के खिलाफ है. ऐसे वक्त एक नेता साथ ऐसा बर्ताव करना बहुत गलत है.

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