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LTCG की वजह से इनकम टैक्स रिटर्न फाइलिंग में परेशानी, क्या बढ़ेगी लास्ट डेट?

उन टैक्सपेयर्स को दिक्कत हो रही है जिन्होंने सिक्यूरिटीज की बिक्री पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स हासिल किया है. फॉर्म 16 जारी करने की तिथि 15 जून से 10 जुलाई तक बढ़ा दी गई थी, जिसकी वजह से वेतनभोगी टैक्सपेयर्स अपनी इनकम टैक्स फाइलिंग की प्रक्रिया हाल में ही शुरू कर पाए हैं.

आयकर रिटर्न फाइलिंग में मुश्किल आयकर रिटर्न फाइलिंग में मुश्किल
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 18 जुलाई 2019,
  • अपडेटेड 10:40 AM IST

इनकम टैक्स रिटर्न की ऑनलाइन फाइलिंग से जुड़े सॉफ्टवेयर में हाल में हुए एक अपडेट से उन टैक्सपेयर्स को दिक्कत हो रही है जिन्होंने सिक्यूरिटीज की बिक्री पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स हासिल किया है. फॉर्म 16 जारी करने की तिथि 15 जून से 10 जुलाई तक बढ़ा दी गई थी, जिसकी वजह से वेतनभोगी टैक्सपेयर्स अपनी इनकम टैक्स फाइलिंग की प्रक्रिया हाल में ही शुरू कर पाए हैं.

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गौरतलब है कि 80 साल से ऊपर के सुपर सीनियर सिटीजन के अलावा बाकी सभी टैक्सपेयर्स के लिए इनकम टैक्स रिटर्न की ई-फाइलिंग अनिवार्य है. लेकिन इनकम टैक्स रिटर्न की लास्ट डेट ज्यादातर लोगों के लिए 31 जुलाई है. इसकी वजह से अब टैक्सपेयर्स में बेचैनी बढ़ती जा रही है.

टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, इस बारे में राय बन रही है कि इनकम टैक्स फाइलिंग की डेट बढ़ानी चाहिए. जिन प्रोफेशनल या कारोबारियों का टैक्स ऑडिट करना होता है, उनके लिए रिटर्न फाइल करने की लास्ट डेट 30 सितंबर है.

गौरतलब है कि लास्ट डेट तक आईटी रिटर्न फाइल न करने पर 10 हजार रुपये तक का जुमार्ना देना पड़ सकता है. दिसंबर तक रिटर्न फाइल करने पर 5 हजार रुपये और उसके बाद 10 हजार रुपये का जुर्माना लगेगा. हालांकि जिन लोगों की टैक्सेबल इनकम 5 लाख से कम है, उनके लिए जुर्मान सिर्फ 1 हजार रुपये का होगा.

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क्या होता है LTCG टैक्स

एक साल के भीतर यदि किसी ने लिस्टेड शेयरों और इक्विटी म्यूचुअल फंडों से 1 लाख रुपये से ज्यादा की कमाई की है तो उसे लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स देना पड़ता है. पहले इस तरह के टैक्स से शेयरधारकों को छूट थी, लेकिन 2018-19 के बजट में इसे फिर से लागू कर दिया गया.

टैक्स के लिहाज से इसकी गणना करना काफी कठिन है, क्योंकि बहुत से टैक्सपेयर्स को अप्रैल 2018 से पहले खरीदे गए शेयरों पर फायदा मिला है. इसकी गणना के लिए आयकर विभाग ने हाल में आईटीआर-2 और आईटीआर-3 फॉर्म के लिए यूटिलिटी अपडेट किया है जिसमें आईएसआईएन और सिक्यूरिटीज के फोलियो नंबर भरने की व्यवस्था है.

कारोबारी और प्रोफेशनल आईटीआर-3 का इस्तेमाल करते हैं. आईटीआर-2 फॉर्म को वो लोग फाइल करते हैं जिनकी कमाई कारोबार या पेशे से नहीं है और यह सालाना 50 लाख रुपये से ज्यादा है. आईटीआर-1 देश में रहने वाले वे लोग भर सकते हैं जिनकी सैलरी, एक मकान, संपत्ति, अन्य स्रोत (ब्याज) से कुल आय 50 लाख रुपये और कृषि आय 5,000 रुपये तक है. इसमें वे लोग शामिल नहीं हैं, जो निदेशक हैं या जिन्होंने गैर-सूचीबद्ध कंपनियों में निवेश कर रखा है.

गौरतलब है कि तहत आयकर विभाग ने आयकर रिटर्न (ITR) फॉर्म को आसान बनाने समेत कई पहल की है. राजस्व विभाग ने बताया है कि 16 जुलाई तक 1.46 करोड़ से अधिक आयकर रिटर्न फाइल किए जा चुके हैं.

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राजस्‍व विभाग के आंकड़ों के मुताबिक 1.46 करोड़ आईटीआर में से 90.8 लाख रिटर्न सालाना 50 लाख रुपये तक की कमाई करने वालों ने भरे हैं. सिर्फ 16 जुलाई को 7.94 लाख टैक्‍स रिटर्न भरे गए. इसमें से 5.26 लाख आईटीआर-1 या सहज थे.

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