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वो मामला जिसमें एयर एशिया के शीर्ष अधिकारियों से ED करेगी पूछताछ

मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में ईडी ने एयर एशिया के सीईओ टोनी फर्नांडीस समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को समन जारी किया है.

2018 में मामला दर्ज हुआ था 2018 में मामला दर्ज हुआ था
aajtak.in
  • नई दिल्‍ली,
  • 16 जनवरी 2020,
  • अपडेटेड 1:38 PM IST

  • एयर एशिया के सीईओ टोनी फर्नांडीस की मुश्किलें बढ़ सकती है
  • मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में फर्नांडीस को ईडी ने भेजा समन

मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में एयर एशिया के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) टोनी फर्नांडीस की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. दरअसल, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पूछताछ के लिए टोनी फर्नांडिस समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को समन जारी किया है.

फर्नांडिस के अलावा जिन अधिकारियों से पूछताछ होगी उनमें एयर एशिया एयरलाइंस के ग्रुप प्रेसिडेंट थरुमलिंगम कनागलिंगम उर्फ बो लिंगम और सीनियर ग्रुप एग्जीक्यूटिव एस. रामादोराई शामिल हैं. इसके अलावा एयर एशिया के पूर्व सीईओ नरेश आलगन व मित्तल चंदिलिया और पूर्व में एयर एशिया में पर्याप्त हिस्सेदारी रखने वाले उद्योगपति अरुण भाटिया को भी तलब किया गया है. आइए जानते हैं एयर एशिया से जुड़े पूरे मामले को...

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20 जनवरी को बुलावा

ईडी अधिकारियों ने बताया कि फर्नांडिस को पूछताछ के लिए 20 जनवरी को बुलाया गया है. इसके बाद अन्य अधिकारियों को उपस्थित होने के लिए कहा गया है. ईडी के मुताबिक जांच को आगे बढ़ाने के लिए नये समन जारी किये गए हैं. बता दें कि ईडी ने एयर एशिया और इसके अधिकारियों के खिलाफ 2018 में मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया था.

क्‍या है मामला

एयर एशिया पर आरोप है कि उसने अपनी भारतीय कंपनी एयर एशिया इंडिया लिमिटेड को अंतरराष्ट्रीय लाइसेंस दिलाने के लिए सरकारी नीतियों को गलत तरीकों से प्रभावित करने की कोशिशें की हैं. ईडी की जांच इसी आरोप से जुड़ी है. इस आरोप के मद्देनजर सीबीआई की प्राथमिकी दर्ज होने के बाद ईडी ने जांच शुरू की. विदेशी विनिमय प्रबंधन अधिनियम (फेमा) के तहत भी इस मामले में ईडी की जांच चल रही है.

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जानकारी के मुताबिक ईडी सिंगापुर की एक फर्म के साथ किए गए कुछ लेनदेन की जांच कर रहा है जो कथित तौर पर कोई भी सेवा प्रदान नहीं करती थी. इतना ही नहीं जांच एजेंसी भारत की एक कथित घोस्ट फर्म (जिसका अता-पता नहीं) के साथ भी लेन-देन की जांच कर रही है, जिसका कोई आंकड़ा सरकार के पास नहीं है.

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