
देश में डिजिटल लेन-देने को बढ़ावा देने के बीच आयकर विभाग ने भी इस तरफ कदम उठाना शुरू कर दिया है. केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने इसका एक प्रस्ताव तैयार किया है. हालांकि यह प्रस्ताव शिक्षण संस्थानों, अस्पतालों, परमार्थ और धार्मिक न्यासों के लिए तैयार किया गया है.
इस प्रस्ताव के जरिये इन संस्थानों को जल्द कर छूट या मुक्तता दिलाने की कवायद है. आयकर विभाग ने सोमवार को इसको लेकर जानकारी दी. विभाग ने बताया कि इस खातिर नियम संशोधित किए जाएंगे.
हालांकि संशोधन करने से पहले इस प्रस्ताव को लेकर अंशधारकों से 12 नवंबर तक टिप्पणियां मांगी गई हैं. इस तारीख के बाद ही इन नियमों को लागू करने पर विचार किया जाएगा.
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने अपने बयान में कहा, ‘‘जिस तरीके से केंद्र सरकार डिजिटल इंडिया को बढ़ावा देने में जुटी हुई है. उसी तरह ही आय कर विभाग ने तय किया है कि इस तरह के आवेदनों को मैनुअल रूप में देने की प्रक्रिया को खत्म किया जाए.
प्रस्ताव के मुताबिक इस तरह के आवेदन के साथ कंपनी पंजीयक के साथ पंजीकरण की स्वसत्यापित प्रति भी देनी होगी. इसके साथ ही इसमें लेखे-जोखे और बही खाते की प्रति जोड़नी होगी.