
बैंक खाता खोलने के लिए वेरिफिकेशन की प्रक्रिया डिजिटल KYC (अपने ग्राहकों को जानो) के जरिए होगी. यह प्रक्रिया ग्राहकों के लिए सरल और सुरक्षित होगी. इस संबंध में भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) के CEO अजय भूषण पांडे ने जानकारी दी है.
उन्होंने कहा, ‘‘मोबाइल कनेक्शन देने के लिए डिजिटल केवाईसी टेलिकॉम सेक्टर में सफल है. बैंक खातों में भी अगर किसी के पास आधार, मतदाता पहचान पत्र या ड्राइविंग लाइसेंस हैं, वह टेलिकॉम सेक्टर की तरह डिजिटल KYC का विकल्प अपना सकता है.’’ उन्होंने आगे कहा कि डिजिटल केवाईसी के लिए जो प्रक्रिया अपनाई गई है, वह इसे सुगम, सुरक्षित और धोखाधड़ी मुक्त बनाता है. अजय भूषण पांडे ने कहा कि डिजिटल केवाईसी से उन लोगों के लिए प्रक्रिया सरल होगी जो बैंक खाता खोलने के लिए अपनी आधार संख्या साझा नहीं करना चाहते.
बता दें कि सरकार ने पिछले सप्ताह ही मनी लॉन्ड्रिंग निरोधक नियमों में संशोधन को नोटिफाई किया था. इसमें बैंक खाता खोलने के लिए आधार के स्वैच्छिक उपयोग की अनुमति दी गई है. इसके साथ ही मतदाता पहचान पत्र और ड्राइविंग लाइसेंस जैसे दस्तावेजों के जरिए वेरिफिकेशन के मामले में डिजिटल केवाईसी के लिए विस्तृत प्रक्रिया का उल्लेख किया गया है.
नोटिफिकेशन से वेरिफिकेशन के विभिन्न प्रणालियों के उपयोग का रास्ता साफ हुआ है. इनमें आधार eKYC (जहां आधार दस्तावेज स्वेच्छा से दिया जाता है), ऑफलाइन वेरिफिकेशन और डिजिटल केवाईसी शामिल हैं. यही प्रक्रिया म्यूचुअल फंड में निवेश और डीमैट अकाउंट खोलने के लिए भी अपनाई जाएगी. बता दें कि KYC यानी (Know Your Customer) के जरिए बैंक कस्टमर के बारे में पूरी जानकारी लेते हैं. केवाईसी के जरिए यह सुनिश्चित किया जाता है कि कोई बैंकिंग सेवाओं का दुरुपयोग तो नहीं कर रहा है.