
आर्थिक सुस्ती को दूर करने के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एक्शन मोड में नजर आ रही हैं. इसी के तहत शनिवार को निर्मला सीतारमण तेल कंपनियों के प्रमुखों के साथ बैठक की. इस बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में निर्मला सीतारमण ने कहा, '' सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों ने करीब 60,000 करोड़ रुपये की खरीदारी ई-मार्केटप्लेस (GEMs) से नहीं की है.ऐसे में कंपनियों को यह बताना होगा कि GEMs का उपयोग क्यों नहीं किया गया और खरीद बाहर से क्यों की गई. ''
- यहां बता दें कि जीईएम यह एक सरकारी ऑनलाइन प्लेटफॉर्म है जो किसी भी प्रकार का सामान और सेवाएं प्रदान करने के लिए एक माध्यम की भूमिका निभाता है. निर्मला सीतारमण ने बताया कि सरकार की तरफ से जो कुछ हम करना चाहते थे वह अब पूरा हो गया है.
- निर्मला सीतारमण ने बताया कि 15 अक्टूबर तक ठेकेदारों और आपूर्तिकताओं का सारा बकाया निपटाने का आदेश दिया गया है. वित्त मंत्री ने कहा कि सार्वजनिक कंपनियों को 15 अक्टूबर तक एक पोर्टल बनाने के लिए कहा गया है जहां सेवा प्रदाता, आपूर्तिकर्ता और ठेकेदार अपने बिलों तथा भुगतान की स्थिति को देख सकेंगे.इसके अलावा पोर्टल पर सार्वजनिक उपक्रमों को आपूर्तिकर्ताओं व ठेकेदारों के साथ ऐसे कानूनी विवादों की समयावधि की जानकारी भी मुहैया कराने के लिए कहा गया है जिनके कारण भुगतान रुका है.
इस बैठक में एनएचएआई, HAL, एनएचपीसी, सीआईएल, इंडियन ऑयल, ओएनजीसी, पावर ग्रिड, एनटीपीसी, गेल, और हिंदुस्तान पेट्रोलियम शामिल हुए.
शुक्रवार को भी बैठक
इससे पहले शुक्रवार को निर्मला सीतारमण ने अलग-अलग मंत्रालयों के वित्तीय सलाहकारों के अलावा वित्त सचिवों के साथ बैठक की. इस बैठक में पूंजीगत व्यय से जुड़े मुद्दे पर चर्चा हुई.बैठक में वित्त मंत्री ने सभी मंत्रालयों से अगली चार तिमाहियों के लिए पूंजीगत व्यय की विस्तृत योजनाएं पेश करने को कहा है.
इसके साथ ही वित्त मंत्री ने कहा कि सरकारी विभाग सभी बकायों को समय से चुकता करेंगे. निर्मला सीतारमण ने कहा, 'सभी मंत्रालयों से अगली चार तिमाहियों के लिए पूंजीगत व्यय की विस्तृत योजनाएं पेश करने को कहा गया है ताकि खर्च बढ़ाकर आर्थिक गतिविधियों को तेज किया जा सके.' निर्मला सीतारमण ने यह भी बताया कि 23 अगस्त तक के 90 फीसदी जीएसटी रिफंड का भुगतान किया जा चुका है.
बैठक के बाद एक्सपेंडिटर सेकेट्री जीसी मुर्मू ने बताया कि 21 मंत्रालयों को 3.38 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए जा चुके हैं. वहीं पहले से बकाया 60,000 करोड़ रुपये में से 40,000 करोड़ भुगतान किए जा चुके हैं. बाकी भुगतान जो विवादित नहीं है, उसे अक्टूबर के पहले हफ्ते में जारी कर दिया जाएगा.
बता दें कि गुरुवार को निर्मला सीतारमण ने प्राइवेट सेक्टर के अलग-अलग बैंकों के प्रमुखों से मुलाकात की थी. इस मुलाकात के बाद वित्त मंत्री ने बताया कि आर्थिक सुस्ती अब अंत की ओर है और आगामी त्योहारी सीजन की वजह से अर्थव्यवस्था में तेजी आएगी.
किस-किस सेक्टर को मिल चुकी है राहत?
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बीते एक महीने में अलग-अलग सेक्टर के लिए कई अहम फैसले ले चुकी हैं. इनमें कॉरपोरेट टैक्स में कटौती, बैंकों का मर्जर और हाउसिंग सेक्टर के लिए 10 हजार करोड़ रुपये देने का ऐलान अहम है. वहीं निर्यात को बढ़ावा देने के लिए भी कई रियायते दी गई है. इसके अलावा देश के अलग-अलग जिलों में लोन मेला लगाने की भी घोषणा की जा चुकी है.