
आने वाले दिनों में छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरों में बदलाव हो सकता है. भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने वित्त मंत्रालय को सुझाव दिया है कि छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दरें बाजार दरों के समान हों.अगर ऐसा होता है तो छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दर पहले के मुकाबले कम हो सकती है.
न्यूज एजेंसी आईएएनएस सूत्रों ने बताया, "आरबीआई ने मंत्रालय को छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दरों को एक समान बनाने की आवश्यकता बताई है, जिससे बेहतर तरीके से हस्तांतरण हो. आरबीआई ने सरकार को इस संबंध में बैंकों की प्रतिक्रिया से अवगत कराया है."
आरबीआई ने ऐसे समय में ये सुझाव दिया है जब जनवरी-मार्च की तिमाही के लिए छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दर की घोषणा होने वाली है. ऐसा अनुमान है कि आगामी तिमाही के लिए ब्याज दरों की घोषणा 31 दिसंबर तक हो सकती है. बता दें कि छोटी बचत योजनाओं पर हर तिमाही के लिए ब्याज दरों में बदलाव किया जाता है. अगर, इसमें कोई बदलाव नहीं होता है तो वित्त मंत्रालय मौजूदा दरों को ही कायम रखता है.
बता दें कि छोटी बचत योजनाओं में डाकघर बचत योजनाएं आती हैं, जिनमें कई उत्पादों की एक सूची होती है जो भरोसेमंद होते हैं और इसमें निवेश पर बिना किसी जोखिम के रिटर्न मिलता है. मुख्य तौर पर छोटी बचत योजनाओं में पीपीएफ, सुकन्या समृद्धि योजना, पोस्ट ऑफिस मंथली इनकम, पोस्ट ऑफिस आरडी और नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट जैसी योजनाएं शामिल हैं.
वर्तमान में पीपीएफ पर 7.9 फीसदी, सुकन्या समृद्धि योजना पर 8.50 फीसदी और पोस्ट ऑफिस मंथली इनकम स्कीम पर 7.3 फीसदी की ब्याज दर मिलता है. इसके अलावा पोस्ट ऑफिस आरडी पर 7.20 फीसदी और किसान विकास पत्र पर 7.60 फीसदी का ब्याज मिलता है. वहीं अगर फिक्सड डिपॉजिट पर ब्याज दरों की बात करें तो इसमें लगातार कटौती हो रही है.