
ग्लोबल रेटिंग एजेंसी फिच रेटिंग्स का कहना है कि भारत में गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) लागू करना उत्पादकता (प्रोडक्टिविटी) में सहयोग करेगा और अर्थव्यवस्था में इसका फायदा लंबी अवधि के बाद देखने को मिलेगा.
फिच के मुताबिक जीएसटी से दीर्घकालिक वृद्धि की संभावना बढ़ेगी लेकिन निकट भविष्य में कर राजस्व बढ़ने की संभावना नहीं है. एक कराधान व्यवस्था का सूत्रपात करने वाला जीएसटी एक जुलाई को लागू किया गया, उसमें चार स्तरीय कर है. हालांकि दीर्घकाल में परोक्ष रुप से राजस्व को बढ़ावा मिलेगा क्योंकि यह जीडीपी वृद्धि को सहयोग करता है तथा कर अनुपालन को बढ़ावा देता है.
अपने प्रतिद्वंदी मूडीज के विपरीत फिच देश की वित्तीय साख पर इस नयी कर व्यवस्था के प्रभाव पर चुप है. गौरतलब है कि मूडीज ने पिछले रविवार को कहा था कि नयी कर व्यवस्था जीडीपी में तेजी लाएगा तथा यह कदम भारत की वित्तीय साख के लिए सकारात्मक साबित होगा.
फिच के मुताबिक जीएसटी का लाभ यह है कि खुदरा कारोबारियों को रिफंड का दावा करने के लिए आपूर्त श्रृंखला में अनुपालन दिखाना होगा. बड़ी कंपनियां अपने छोटे आपूर्तकर्ताओं पर कर अनुपालन के लिए दबाव डालने के लिए प्रोत्साहन देगी.
केन्द्र सरकार ने 1 जुलाई से पूरे देश में जीएसटी लागू करने का फैसला लिया है. सरकार के साथ-साथ कई वैश्विक स्तर पर कई आर्थिक जानकारों का दावा है कि इस कदम से भारत की क्रेडिट रेटिंग में सुधार देखने को मिलेगा वहीं विदेशी निवेशकों का भारत की ओर रुझान में भी इजाफा होगा.
गौरतलब है कि क्रेडिट रेटिंग एजेंसिया दुनियाभर के देशों की आर्थिक और राजनीतिक स्थित के आधार पर उसे क्रेडिट रेटिंग देती हैं. वैश्विक निवेशक इस रेटिंग के आधार पर अपना निवेश किसी देश में करने के लिए तैयार होते हैं. 2017 के आंकड़ों के मुताबिक मौजूदा समय में बड़ी अर्थव्यवस्थाओं और अच्छे निवेश ठिकानों की सूची में भारत की स्थिति यह चार्ट बयान करती है.