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सभी कंपनियों के लिए हो सकता है 25% कॉरपोरेट टैक्स, वित्त मंत्री ने दिए संकेत

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संकेत दिए हैं कि सरकार 25 फीसदी के कम कॉरपोरेट टैक्स रेट को सभी कंपनियों के लिए लागू कर सकती है. अपने 5 जुलाई के बजट भाषण में वित्त मंत्री ने करीब 99 फीसदी कंपनियों के लिए कॉरपोरेट टैक्स रेट घटाकर 25 फीसदी कर दिया था. 

वित्त मंत्री ने दिए राहत के संकेत (फाइल फोटो: रॉयटर्स) वित्त मंत्री ने दिए राहत के संकेत (फाइल फोटो: रॉयटर्स)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 24 जुलाई 2019,
  • अपडेटेड 10:35 AM IST

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संकेत दिए हैं कि सरकार 25 फीसदी के कम कॉरपोरेट टैक्स रेट को सभी कंपनियों के लिए लागू कर सकती है. यह कॉरपोरेट जगत के लिए काफी अच्छी खबर है. अपने 5 जुलाई के बजट भाषण में वित्त मंत्री ने करीब 99 फीसदी कंपनियों के लिए कॉरपोरेट टैक्स रेट घटाकर 25 फीसदी कर दिया था, लेकिन बड़ी कंपनियों को इस छूट से बाहर रखा गया था.

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राज्य सभा में विनियोग और वित्त विधेयक पर चर्चा के दौरान मंगलवार को एक सवाल के जवाब में सीतारमण ने कहा, 'हमने कॉरपोरेट रेट को घटाकर 25 फीसदी कर दिया है जिसका फायदा 99.3 फीसदी कंपनियों को मिलेगा. इसलिए अब बमुश्किल कुछ ही कंपनियां बची हैं. हम उन्हें भी जल्दी इस दायरे में लाएंगे.'

उन्होंने कहा कि इसके लिए मोदी सरकार ने साल 2014 में अपने पहले बजट में ही प्रतिबद्धता जारी की थी और इसका सम्मान होगा. इकोनॉमिक टाइम्स के अनुसार उन्होंने कहा, 'हमने कॉरपोरेट टैक्स रेट को घटाने का वादा पूरा किया.' सीतारमण ने कहा कि सरकार के टैक्स प्रपोजल का उद्देश्य धन का पुनर्वितरण है ताकि समावेशी विकास हो सके.

वित्त वर्ष 2019-20 का बजट पेश करते हुए निर्मला सीतारमण ने 400 करोड़ रुपये तक के टर्नओवर वाली कंपनियों पर कॉरपोरेट टैक्स 30 फीसदी से घटाकर 25 फीसदी करने का ऐलान किया था. इसका फायदा देश की 99.3 फीसदी कंपनियों को मिलेगा, जो इस सालाना टर्नओवर के दायरे के भीतर आती हैं.

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इस तरह अब सिर्फ 0.7 फीसदी कंपनियां ज्यादा कॉरपोरेट टैक्स दे रही हैं और सरकार आगे उन्हें भी छूट दे सकती है. उन्होंने कहा कि सरकार ज्यादा ताकत के साथ सत्ता में आई है और इसलिए अब ऐसा न्यू इंडिया बनाया जाएगा, जिसमें ज्यादा पारदर्श‍िता, कम सरकार, ज्यादा शासन और संसाधनों का पुनर्वितरण होगा.

इस प्रावधान के साथ पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली की ओर से कॉरपोरेट टैक्स में कटौती के लिए तय किया गया चार साल का रोडमैप पूरा हो गया. आयकर विभाग के मुताबिक, करीब 100 कंपनियां कॉरपोरेट टैक्स संग्रह में 40% से अधिक योगदान देती हैं. ये 100 कंपनियां 8,00,000 कंपनियों का सिर्फ़ 0.12% हिस्सा ही हैं.

सरकार ऐसी स्थिति में नहीं है कि ऐसे अहम करदाताओं को कॉरपोरेट टैक्स कटौती के दायरे में ले आए. फरवरी में सरकार वित्त वर्ष 2019-20 के लिए कॉरपोरेट टैक्स संग्रह का लक्ष्य 7.6 लाख करोड़ रुपए निर्धारित कर चुकी है. अर्थव्यवस्था सुस्त है और आर्थिक विकास की दर इस साल की पहली तिमाही में 5.8% दर ही रही. जबकि 2018 की आखिरी तिमाही में ये 6.6% थी.

वित्त वर्ष 2016 के बजट में तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कॉरपोरेट टैक्स को 30% से घटाकर 25%  करने के लिए चार साल के रोडमैप का ऐलान किया था. छोटी और मीडियम साइज कंपनियों को इस कटौती का लाभ मिला लेकिन बड़े घरेलू और विदेशी कॉरपोरेशन अब भी कॉरपोरेट टैक्स की दर में कटौती के लिए लॉबिंग कर रहे हैं.   

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