Advertisement

वित्त वर्ष 2017-18 में जीडीपी ग्रोथ घटकर 6.5 फीसदी रहेगी: CSO

केन्द्रीय सांख्यिकी विभाग के आंकड़ों के मुताबिक वित्त वर्ष 2017-18 दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) में जीडीपी ग्रोथ रेट 6.3 फीसदी रही. जीडीपी के इन आंकड़ों से केन्द्र सरकार को राहत पहुंची है क्योंकि चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में जीडीपी विकास दर 5.7 फीसदी थी.

जीएसटी से झटका, कम रहेगी आर्थिक विकास दर जीएसटी से झटका, कम रहेगी आर्थिक विकास दर
राहुल मिश्र
  • नई दिल्ली,
  • 05 जनवरी 2018,
  • अपडेटेड 6:17 PM IST

केन्द्र सरकार द्वारा जारी ताजा आंकड़ों के मुताबिक चालू वित्त वर्ष 2017-18 के दौरान जीडीपी विकास दर 6.5 फीसद रहने का अनुमान है. वहीं पिछले वित्त वर्ष के दौरान यह विकास दर 7.1 फीसदी के स्तर पर थी.

केन्द्रीय सांख्यिकी विभाग के आंकड़ों के मुताबिक वित्त वर्ष 2017-18 दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) में जीडीपी ग्रोथ रेट 6.3 फीसदी रही. जीडीपी के इन आंकड़ों से केन्द्र सरकार को राहत पहुंची है क्योंकि चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में जीडीपी विकास दर 5.7 फीसदी थी.

Advertisement

इसे पढ़ें: जीएसटी के दबाव से राहत, दूसरी तिमाही में 6.3 फीसदी रही जीडीपी ग्रोथ

लिहाजा, मौजूदा वित्त वर्ष के दौरान 6.5 फीसदी के अनुमान से साफ है कि देश की अर्थव्यवस्था पर पड़ रहा जीएसटी का असर अब धीरे-धीरे खत्म हो रहा है. हालांकि बीते वर्ष के मुकाबले मौजूदा वित्त वर्ष में केन्द्र सरकार के बड़े आर्थिक फैसलों से विकास दर पर दबाव देखने को मिला है.

गौरतलब है कि वैश्विक रेटिंग एजेंसी फिच ने मौजूदा वित्त वर्ष में भारत की जीडीपी वृद्धि दर 6.7 फीसदी रहने का अनुमान जताया था. हालांकि इससे पहले एजेंसी ने यह दर 6.9 फीसदी रहने का अनुमान दिया था. एजेंसी ने भारतीय अर्थव्यवस्था में सुधार अपेक्षा से कमजोर है इसलिए उसने अपने वृद्धि दर अनुमान में कटौती की थी.

एजेंसी ने कहा था कि अगले वर्ष 2018-19 में भी भारत की वृद्धि दर 7.3 फीसदी रहने का अनुमान है. जबकि अपने सितंबर वैश्विक आर्थिक परिदृश्य (जीईओ) में उसने यह अनुमान 7.4 फीसदी रखा था. इसके साथ ही एजेंसी को उम्मीद है कि ढांचागत सुधार एजेंडे तथा खर्च योग्य आय में बढोतरी के बीच जीडीपी वृद्धि दर आने वाले दो साल में मजबूत होगी.

Advertisement

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement