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GST के बहाने सरकार अपनी आमदनी बढ़ाने में जुटी: मनीष सिसोदिया

जीएसटी कॉन्क्लेव के चौथे सत्र में दिल्ली सरकार के उपमुख्यमंत्री और वित्तमंत्री मनीष सिसोदिया ने जीएसटी की तैयारी और चुनौतियों पर अपना पक्ष रखा. इस सत्र का संचालन श्वेता सिंह ने किया. श्वेता ने मनीष सिसोदिया से पूछा कि आखिर क्यों जीएसटी काउंसिल में सरकार के साथ सुर में सुर मिलाने के बाद आम आदमी पार्टी सरकार का विरोध कर रही है

मनीष सिसोदिया मनीष सिसोदिया
राहुल मिश्र
  • नई दिल्ली,
  • 30 जून 2017,
  • अपडेटेड 7:14 PM IST

जीएसटी कॉन्क्लेव के चौथे सत्र में दिल्ली सरकार के उपमुख्यमंत्री और वित्तमंत्री मनीष सिसोदिया ने जीएसटी की तैयारी और चुनौतियों पर अपना पक्ष रखा. इस सत्र का संचालन श्वेता सिंह ने किया. श्वेता ने मनीष सिसोदिया से पूछा कि आखिर क्यों जीएसटी काउंसिल में सरकार के साथ सुर में सुर मिलाने के बाद आम आदमी पार्टी सरकार का विरोध कर रही है.

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मनीष सिसोदिया ने कहा कि केंद्र सरकार का ये आइडिया काफी अच्छा है, लेकिन इसे लागू करने का तरीका सही नहीं है. सिसोदिया ने कहा कि उन्होंने काउंसिल में जीरो फीसदी टैक्स की बात रखी थी. वहीं सरकार ने कई तरह के टैक्स लगाए हैं जिनपर सवाल उठ रहा है. सिसोदिया के मुताबिक चाय के बिस्कुट पर 28 % टैक्स कौन दे पाएगा.

उन्होंने कहा कि ये पहली बार है कि कपड़ों पर भी टैक्स लगेगा. ये जीएसटी सिर्फ सरकार की आमदनी बढ़ाने वाला टैक्स है. मनीष ने कहा कि जीएसटी के लागू होने से काफी महंगाई बढ़ जाएगी. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने हमारे कई आइडिया मानें, उन्होंने इस कई तरह से इसमें अच्छी बहस की. लेकिन बड़ा फैसला नहीं ले पाए, जीएसटी से काफी कुछ बिगड़ सकता है.

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मनीष सिसोदिया ने कहा कि 28% टैक्स देश के आम आदमी के लिए काफी ज्यादा है. उन्होंने कहा कि शराब और रियल स्टेट को इससे बाहर रखना गलत फैसला, इन दोनों को जीएसटी के दायरे में लाना चाहिए था. आप सीमेंट जैसी चीजों पर जीएसटी लगा रहे हैं पर रियल स्टेट नहीं लगाना गलत है.

सिसोदिया बोले कि हमने टैक्स सिस्टम में दिल्ली में काफी अच्छा बदलाव किया है, अगर केंद्र सरकार लोगों को विश्वास में लेती तो काफी अच्छा होता. मनीष सिसोदिया बोले कि अभी भी मेरे पास इसको लेकर सवाल ज्यादा हैं, और उनके जवाब कम हैं. उन्होंने कहा कि इसके लागू होने से केंद्र और राज्य सरकार को ज्यादा फायदा होगा, आम आदमी को नहीं.

उन्होंने कहा कि जीएसटी लाना कोई अपराध नहीं है, लेकिन इससे जनता को फायदा होना जरुरी है लेकिन ऐसा नहीं दिख रहा है. अभी भी लोगों में इसको लेकर डर है. सिसोदिया ने कहा कि इसका जश्न मनाना सही नहीं है, ये बिना जश्न के लागू होना चाहिए था. उन्होंने कहा कि जिसको टैक्स की समझ है वो समझेगा कि अब वह वैट से हटकर GST के शिकंजे में आ गया है.

उन्होंने कहा कि ऐसा सिस्टम होना चाहिए कि लोग खुशी-खुशी टैक्स दें, ऐसा माहौल नहीं बनना चाहिए कि लोग चोरी करना शुरू करदें. हमारी सरकार ने टैक्स को घटाया तो टैक्स का रेवन्यू बढ़ गया है. ये कोई आजादी नहीं है, क्या हम पहले आर्थिक आजादी में थे. अगर ये आजादी है, तो हम आजादी का मतलब ही नहीं जानते हैं.

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मनीष सिसोदिया ने कहा कि अभी कोई भी नहीं कह सकता कि वह जीएसटी का एक्सपर्ट है. GST का फायदा तब होगा जब लोग खुशी-खुशी टैक्स देना शुरू करदें. अगर व्यापारियों को लगता है कि कुछ गलत हो रहा है, तो विरोध करना उनका हक है. उन्होंने कहा कि दिल्ली में मध्यम वर्गीय व्यापारियों को इससे काफी दिक्कत होने वाली है.

 

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