
लॉकडाउन के वक्त लोग अपने घरों में कैद हैं. व्यापार और इंडस्ट्री काफी हद तक बंद हैं, लेकिन इस बीच 1 अप्रैल से देश में मोबाइल फोन पर लगने वाली जीएसटी दर 12 फीसदी से बढ़कर 18 फीसदी हो गई है.
दरअसल, इस बढ़ोतरी की घोषणा केंद्र सरकार ने लॉकडाउन शुरू होने से कुछ दिन पहले ही कर दी थी. उस वक्त किसी को अंदाजा नहीं था कि भारत में लॉकडाउन इतने लंबे समय के लिए लगेगा.
यही वजह है कि अब जब 1 अप्रैल से मोबाइल फोन पर लगने वाली जीएसटी दरों में बदलाव लागू हो गया है. अब दिल्ली के बड़े मोबाइल व्यवसायी बेहद परेशान नजर आ रहे हैं.
करोल बाग में मोबाइल होलसेल का काम करने वाले गौरव बंसल कहते हैं कि हमें मौका ही नहीं मिला पुरानी दरों में अपने मोबाइल फोन का स्टॉक खत्म करने का, ऐसे में अब जब दरों में बढ़ोतरी हो गई है तब इस बात की आशंका कम ही है कि महंगी दरों में लोग मोबाइल खरीदेंगे.
कोरोना कमांडोज़ का हौसला बढ़ाएं और उन्हें शुक्रिया कहें...
गौरव आगे कहते हैं कि मेरी तरह करोल बाग में सैकड़ों बड़े व्यापारी हैं, इसके अलावा देश में हजारों बड़े मोबाइल व्यवसायी हैं, उन सब के पास करोड़ों और अरबों रुपये के मोबाइल फोन का पुराना स्टॉक बचा हुआ है, जिसे उन्होंने 12 फीसदी जीएसटी शुल्क के साथ खरीदा था, लेकिन अब जब ग्राहकों को 18 फीसदी जीएसटी शुल्क के साथ वह नया मोबाइल बेचेंगे, तब इस बात की गारंटी कम ही है कि उनका स्टॉक क्लियर हो पाए.
इसी तरह गुरुग्राम के ओप्पो डिस्ट्रीब्यूटर सुनील हरजाई कहते हैं कि सरकार तुरंत 6 महीने के लिए जीएसटी बढ़ाने के फैसले को टाल दे, तभी मोबाइल व्यापारी खड़े रह पाएंगे.
कोरोना पर भ्रम फैलाने से बचें, आजतक डॉट इन का स्पेशल WhatsApp बुलेटिन शेयर करें