
देश का अंतरिम बजट 1 फरवरी को पेश होने जा रहा है. बजट से पहले दस्तावेजों की प्रिंटिंग की औपचारिक शुरुआत सोमवार से हो गई. हर साल की तरह इस बार भी वित्त मंत्रालय में प्रिंटिंग शुरू होने से पहले हलवा सेरेमनी का आयोजन हुआ. इस कार्यक्रम में वित्त राज्य मंत्री शिव प्रताप शुक्ल के अलावा वित्त सचिव सुभाष गर्ग और सड़क परिवहन एवं राजमार्ग राज्य मंत्री पी. राधाकृष्णन मौजूद रहे.
क्या है हलवा सेरेमनी
भारतीय परंपरा के मुताबिक, कोई भी शुभ काम शुरू करने से पहले लोगों का मुंह मीठा कराया जाता है. हलवा सेरेमनी भी उसी परंपरा का हिस्सा है. यह सेरेमनी बजट प्रक्रिया के आखिरी दौर की शुरुआत है. इसके बाद अगले कुछ दिन तक वित्त मंत्रालय के करीब 100 कर्मचारी नॉर्थ ब्लॉक के बेसमेंट में बने प्रिटिंग प्रेस में रहते हैं. आसान भाषा में समझें तो बजट को सीक्रेट रखने के मकसद की वजह से बजट से जुड़े अधिकारी और कर्मचारी लगभग नजरबंद कर दिए जाते हैं. संसद में बजट पेश होने के बाद ही ये अधिकारी बाहर आ पाते हैं. इस दौरान वह परिवार या किसी बाहरी शख्स से न तो बात कर सकते हैं और न ही मिल सकते हैं.
वित्त मंत्री अरुण जेटली की गैर-मौजूदगी
वैसे तो हलवा सेरेमनी का यह कार्यक्रम देश के वित्त मंत्री की अगुवाई में होता है लेकिन इस बार सेहत खराब होने की वजह से वित्त मंत्री अरुण जेटली कार्यक्रम में शामिल नहीं हो सके. अरुण जेटली का अमेरिका में इलाज चल रहा है. बता दें कि जेटली का दिल्ली के एम्स में 14 मई, 2018 को किडनी ट्रांसप्लांट हुआ था. इससे पहले भी वित्त मंत्री को सर्जरी से गुजरना पड़ा था.
मोदी सरकार का अंतरिम बजट
मोदी सरकार का यह पूर्ण नहीं बल्कि अंतरिम बजट होगा. यह बजट तब पेश किया जाता है जब सरकार के पास पूर्ण बजट पेश करने का समय नहीं बचा हो या फिर लोकसभा चुनाव करीब हो. मोदी सरकार के साथ भी कुछ ऐसा ही होने वाला है. दरअसल, सरकार को दो महीने बाद चुनाव में जाना है. यही वजह है कि अंतरिम बजट संसद में पेश किया जाएगा.