
देश के निजी क्षेत्र के सबसे बड़े बैंक HDFC बैंक के मैनेजिंग डायरेक्टर और सीईओ आदित्य पुरी को वित्त वर्ष 2018-19 में 55.87 करोड़ रुपये का सैलरी पैकेज मिला है. इस पैकेज के तहत बैंक के शेयर यानी स्टॉक ऑप्शंस भी शामिल हैं. इसके एक साल पहले की तुलना में पुरी की कुल कमाई में 36 फीसदी की बढ़त हुई है.
पुरी के कार्यकाल में ही एचडीएफसी बैंक देश का निजी क्षेत्र का सबसे बड़ा बैंक बन गया. जहां अन्य बैंक मुश्किल में चल रहे हैं, वहीं एचडीएफसी लगातार मजबूत बना हुआ है. जाहिर है उन्हें इसका इनाम मिल रहा है.
बैंक की सालाना रिपोर्ट के अनुसार, पुरी को फिक्स्ड सैलरी के रूप में 10.73 करोड़ रुपये मिले, 2.26 करोड़ रुपये के अन्य अनुलाभ, 0.67 करोड़ रुपये का प्रोविडेंट फंड और पेंशन वाला हिस्सा मिला है. यह कुल मिलाकर 13.67 करोड़ रुपये होता है. इसके अलावा, पुरी को 42.20 करोड़ रुपये का एम्प्लॉयी स्टॉक ऑप्शन्स (ESOP) मिला है. इस प्रकार पूरे साल के दौरान उनकी कमाई 55.87 करोड़ रुपये की हुई है.
पुरी किसी निजी बैंक के देश में सबसे लंबे समय तक बने रहे मुखिया हैं. इसके पिछले वित्त वर्ष में पुरी को कुल 31.41 करोड़ रुपये का सैलरी पैकेज मिला था. रिपोर्ट के अनुसार, पुरी के सैलरी पैकेज में बेसिक सैलरी, भत्ते, परफॉर्मेंस बोनस, कैश अलाउंस आदि शामिल हैं.
दूसरी तरफ, बैंक के डिप्टी मैनेजिंग डायरेक्टर परेश सुतांकर को महज 6.33 करोड़ रुपये की सैलरी मिली है. असल में सुतांकर ने नवंबर, 2018 में बैंक छोड़ दिया था. मुंबई मुख्यालय वाले इस बैंक के कर्मचारियों के वेतन में औसतन 10.31 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. 31 मार्च, 2019 तक बैंक में 98,061 स्थायी कर्मचारी थे.
पिछले साल रिजर्व बैंक ने आदित्य पुरी के एमडी और सीईओ के रूप में दो साल के और कार्यकाल को मंजूरी दी थी. वह 70 साल की उम्र होने तक इस पद पर रहेंगे. पुरी 1994 में बैंक की स्थापना के समय से ही इसके साथ हैं.
वित्त वर्ष 2018-19 में बैंक मुनाफे में 20.5 फीसदी की बढ़त हुई है और यह 21,078 करोड़ रुपये तक पहुंच गया. एचडीएफसी ने अपने शेयरधारकों को प्रति शेयर 15 रुपये का लाभांश दिया है.