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क्या डूब रहा है Cryptocurrency का मार्केट, क्रिप्टोकरेंसी के लिए कैसा रहा साल 2022?

क्रिप्टोकरेंसी के लिए साल 2022 बहुत बुरा रहा. बिटकॉइन और इथेरियम समेत सभी बड़े कॉइन्स इस साल औंधे मुँह गिरे. इस साल न केवल कई बड़े संस्थागत निवेशक क्रिप्टो मार्केट से बाहर हुए बल्कि रिटेल निवेशकों का भी विश्वास कम हुआ.

2022 में क्रिप्टो मार्केट कई बार क्रैश हुआ 2022 में क्रिप्टो मार्केट कई बार क्रैश हुआ
पंकज कुमार
  • ,
  • 19 दिसंबर 2022,
  • अपडेटेड 12:42 PM IST

पहले लॉकडाउन के कुछ महीने बाद पहली बार मेरा राब्ता क्रिप्टोकरेंसी से हुआ. बतौर निवेशक जुलाई-अगस्त साल 2020 में मैंने पहली बार कुछ क्रिप्टो करेंसी खरीदी. इन्वेस्टमेंट के बेसिक रूल के हिसाब से मैंने किसी एक क्रिप्टो में पैसे नहीं लगाए बल्कि थोड़ा-थोड़ा ही कई करेंसीज़ में निवेश किया. जिस समय मैं क्रिप्टो में पैसा लगा रहा था उस समय बिटकॉइन की कीमत करीब 8-9 लाख रुपये के आसपास थी. इथेरियम करीब 18 हजार रुपये का था. महज़ कुछ महीने बाद ही अप्रैल-मई 2021 में बिटकॉइन करीब 48 लाख रुपये का हो गया और इथेरियम की कीमत 2 लाख 80 हजार रुपये तक पहुंच गई. 

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ठीक एक साल बाद यानी अप्रैल 2022 में बिटकॉइन करीब 35-40 लाख रुपये के बीच और इथेरियम 2-2.5 लाख के बीच रहा. अब जब मैं यह लेख लिख रहा हूं तब बिटकॉइन करीब 14 लाख रुपये का है और इथेरियम करीब 1 लाख 8 हजार रुपये का है.

Date Bitcoin Highest Price Ethereum Highest Price
01-01-2018 1,121,726 91,131
01-01-2019 288,292 11,182
01-01-2020 682,953 13,331
01-01-2021 3,074,446 107,148
01-01-2022 3,567,933 289,102
14-12-2022 1,471,941 109,138


अगर पिछले एक साल की कीमतों का ट्रेंड देखा जाए तो बिटकॉइन 60 फ़ीसदी, इथेरियम 65 फ़ीसदी, बीएनबी 45 फ़ीसदी, रिपल 48 फ़ीसदी, डॉजकॉइन 45 फ़ीसदी, Cardano 74 फ़ीसदी और Polygon 53 फ़ीसदी गिरा है.

ऊपर के डेटा में जैसा आप देख भी सकते हैं कि क्रिप्टो हाईली वोलेटाइल है. ऐसे में साल 2022 क्रिप्टो के लिए बेहद बुरा रहा. एक के बाद एक ऐसी बड़ी ख़बरें आईं जिन्होंने क्रिप्टो को लेकर फिर से दुनिया को सोचने पर मजबूर कर दिया है.

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क्रिप्टो करेंसी की कीमतों पर नजर रखने वाली वेबसाइट Coinmarketcap के मुताबिक फिलहाल क्रिप्टोकरेंसी का मार्केट कैप 879 बिलियन डॉलर है. जो नवंबर 2021 में करीब 2.9 बिलियन डॉलर था. यानी की क्रिप्टो करेंसी अपने उच्चतम स्तर से करीब एक तिहाई वैल्यूएशन पर है. हालांकि अभी भी क्रिप्टो करेंसी के कुल वैल्यूएशन का लगभग आधा अकेले बिटकॉइन का है. यानी आप कह सकते हैं कि क्रिप्टो करेंसी को अकेले बिटॉकॉइन ड्राइव करता है.


अब सवाल यह है कि आखिर ऐसी क्या वजहें रहीं जिनकी वजह से क्रिप्टो मार्केट के लिए साल 2022 बेहद बुरा रहा.

Terra-Luna क्रैश

मई, 2022 में Terra USD और Terra LUNA क्रिप्टो करेंसी क्रैश हो गई. इस साल यह पहला बड़ा मौका था, जब क्रिप्टो मार्केट अचानक से क्रैश हो गया. मई महीने के शुरुआती दिनों में ही Terraform Labs ने अपने ब्लॉकचेन पर ट्रेडिंग रोक दी. जिससे Terra के सभी कॉइन्स की कीमतों में भारी गिरावट आई. Terra Luna 95 फीसदी से भी ज्यादा गिरा. अप्रैल में जिस एक Terra Luna की कीमत करीब 118 डॉलर थी वो गिरकर 0.000057 डॉलर हो गई. 

विश्लेषकों ने अनुमान लगाया कि Luna-Terra के क्रैश होने की वजह से करीब 200 बिलियन डॉलर का नुकसान हुआ है. 

क्रैश होने से पहले तक Luna-Terra स्टेबल कॉइन्स थी, जैसे Tether(USDT) और USD Coin(USDC) है. एक स्टेबल कॉइन के क्रैश होने से निवेशकों में मैसेज गया कि क्रिप्टो की दुनिया भरोसेमंद नहीं है. कुछ भी हो सकता है. निवेशकों ने दूसरी करेंसीज से भी पैसे निकाले. जिसकी वजह से क्रिप्टो मार्केट में भारी गिरावट आई.

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सेल्सियस नेटवर्क ने विथड्रॉल रोका

क्रिप्टो एक्सचेंज सेल्सियस नेटवर्क ने जून में विथड्रॉल रोक दिया. यानी जिनके पैसे या क्रिप्टो सेल्सियस नेटवर्क पर थे वो उसे निकाल नहीं सकते थे. सेल्सियस ने अपने इस फैसले के लिए मार्केट की खराब स्थिति का हवाला दिया. अगले महीने जुलाई में जब सेल्सियस ने खुद को दिवालिया घोषित किया तब उसके पास 4.3 बिलियन डॉलर के एसेट्स थे और 5.5 बिलियन की लाइबिलिटी थी.

Binance ने विथड्रॉल रोका

जून 2022 में दुनिया के बड़े क्रिप्टो एक्सचेंज बिनांस ने बिटकॉईन का विथड्रॉल रोक दिया.

WazirX पर ED का छापा

भारत के बड़े क्रिप्टो एक्सचेंज वजीरएक्स भी निगेटिव ख़बरों की वजह से इस साल सुर्खियों में रहा. वज़ीर एक्स पर मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगा. भारत की एजेंसियां फिलहाल इसकी जांच कर रही हैं, प्रवर्तन निदेशालय ने वजीरएक्स के अकाउंट भी फ्रीज़ किए. कंपनी के मालिक भारत से जाकर अब दुबई में रह रहे हैं.

FTX फ्रॉड

FTX भी एक क्रिप्टो एक्सचेंज है, जहां क्रिप्टो करेंसी की खरीद और बिक्री की जाती है. जिसकी स्थापना साल 2019 में सैम बैंकमैन-फ़्राइड ने गैरी वॉन्ग के साथ की थी. FTX के कारनामे का पता 2 नंवबर 2022 को चला, जब कॉइनडेस्क ने एक लेख प्रकाशित करके बताया कि FTX ने ग्राहकों का बिलियन डॉलर सैम बैंकमैन-फ़्राइड के क्रिप्टो हेज़ फंड अल्मेडा रिसर्च में ट्रांसफर कर दिया है. अलमेडा रिसर्च वो कंपनी है जिसकी स्थापना बैंकमेन फ्राइन ने साल 2017 में की थी. यानी की FTX से पहले की थी. FTX के ग्राहक/निवेशक जब पैसे निकालने आये तो एफटीएक्स के पास पैसे देने के लिए नहीं था.  पिछले दिनों कंपनी के संस्थापक को बहामास से गिरफ्तार किया गया है.

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क्रिप्टो एक्सचेंज की अनियमितताएं बड़ा कारण हैं कि लोगों का विश्वास क्रिप्टो करेंसी पर से कम हुआ है.  इसके अलावा कई सरकारों ने इसकी माइनिंग पर रोक लगाई है. साथ ही कुछ सरकारें अब इसे नियंत्रित करने की कोशिश भी कर रही हैं.

क्रिप्टो माइनिंग पर रोक

पिछले कुछ सालों में क्रिप्टो करेंसी दुनियाभर की सरकारों के लिए चुनौती बनकर उभरा है. केंद्रीय सरकारें, केंद्रीय बैंक के ज़रिये देश की मुद्रा को नियंत्रित करती हैं, जबकि क्रिप्टों करेंसी पर उनका प्रत्यक्ष कोई नियंत्रण नहीं है. जून 2021 में चीन ने पर्यावरण का हवाला देते हुए क्रिप्टो की माइनिंग को बैन कर दिया. 

साल की शुरुआत में ही रूस के सेंट्रल बैक ने क्रिप्टो के प्रयोग और माइनिंग पर रोक लगा दी. इसके अलावा मिस्र, इराक, कतर, ओमान, मोरेक्को, अल्जीरिया, ट्यूनेशिया और बांग्लादेश भी इस पर रोक लगा चुके हैं.

मुनाफे पर टैक्स

भारत में क्रिप्टो करेंसी पर रिज़र्व बैंक ने पहले बैन लगाया था, जिसे साल 2020 में सुप्रीम कोर्ट ने हटा दिया. बैन हटाने के बाद क्रिप्टो एक्सचेंज प्लेटफॉर्म बहुत तेजी से बढ़े लेकिन साल 2022 में केंद्र सरकार ने क्रिप्टो से होने वाली इनकम पर 30 फीसदी का टैक्स लगा दिया.

संस्थागत निवेशक बाहर हुए

क्रिप्टोकरेंसी हो या फिर शेयर मार्केट इसे रिटेल ग्राहक बहुत कम प्रभावित करते हैं. संस्थागत निवेशक ही इसके दाम को प्रभावित करने की क्षमता रखते हैं. साल 2021 की शुरुआत से ही संस्थागत निवेशकों की नज़र क्रिप्टो मार्केट पर थी. कार बनाने वाली कंपनी टेस्ला समेत दुनिया की कई बड़ी कंपनियों ने भी बिटकॉइन खरीदे. लेकिन क्रिप्टो एक्सचेंज की अनियमितताएं और सरकारों के रूख को देखते हुए धीरे-धीरे बहुत से संस्थागत निवेशकों ने इससे दूरी बना ली.

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ट्विटर के नये मालिक एलन मस्क, जिन्होंने क्रिप्टो को खूब प्रमोट किया उन्होंने पर्यावरण का हवाला देते हुए टेस्ला कार की खरीद के बदले पेमेंट के रूप में बिटकॉइन लेने से मना कर दिया.

दुनियाभर के बाज़ारों में अस्थिरता

कोरोना महामारी से ऊबर रही दुनिया के लिए साल 2022 कुछ खास अच्छा नहीं रहा. दुनियाभर के बाज़ार अस्थिर रहे.  साल के मध्य में अमेरिका का S&P इंडेक्स करीब 20 फीसदी से ज्यादा गिरा.  S&P इंडेक्स उन 500 बड़ी कंपनियों का इंडेक्स है जो अमेरिकी स्टॉक मार्केट में लिस्टेड हैं. S&P इंडेक्स से आपका यह अंदाजा हो जाएगा कि मार्केट की हालत कैसी है. मंदी की आहट में निवेशक पैसा लगाने के लिए सुरक्षित ठिकाना ढूढ़ते हैं.

बड़े निवेशकों ने हर उस जगह से पैसे निकाले जहां मार्केट वोलेटाइल है. जैसा की हम जानते हैं कि क्रिप्टो मार्केट बहुत ज्यादा संवेदनशील और अस्थिर है, यानी इसमें उतार चढ़ाव बहुत ज्यादा होता है. इसलिए निवेशकों ने यहां से भी पैसे निकालकर सुरक्षित जगहों पर लगाया.

अमेरिका ने अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए और आर्थिक मंदी का सामना करने के लिए कई बार और रिकॉर्ड स्तर पर ब्याज़ दरें बढ़ाईं, न केवल अमेरिका ने बल्कि दुनियाभर की सरकारों ने ऐसा किया. जब भी केंद्रीय बैंक ब्याज़ दरें बढ़ाते हैं, तो ऐसा माना जाता है कि आर्थिक मंदी जैसे हालात बन रहे हैं. ऐसे में निवेशकों का शेयर मार्केट और क्रिप्टो पर भरोसा कम हो जाता है. 

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ये वो तमाम कारण हैं, जिन्होने इस साल क्रिप्टो करेंसी की कीमतों को अर्श से फर्श पर ला दिया.

क्रिप्टो करेंसी क्या है

क्रिप्टो करेंसी ऑनलाइन भुगतान का एक तरीका है, जिसे वस्तु और सेवाओं के बदले दिया जाता है. वास्तविक पैसे और क्रिप्टो में शुरुआती फर्क यह है कि हम और आप जिस पैसे को खर्च करते हैं उसे देश की केंद्रीय सरकार या रिज़र्व बैंक जारी करती है, जबकि क्रिप्टो करेंसी कोई व्यक्ति या कंपनी जारी कर सकती है. क्रिप्टो करेंसी ब्लॉकचेन तकनीक पर आधारित है. ब्लॉकचेन एक डिसेंट्रलाइज्ड तकनीक है. फिलहाल दुनियाभर में करीब 10 हजार क्रिप्टो करेंसी व्यापार के लिए उपलब्ध हैं.

 

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