
पंजाब नेशनल बैंक घोटाले में मुख्य आरोपी नीरव मोदी पर जांच एजेंसियां शिकंजा कसने की तैयारी कर रही हैं. ललित मोदी और विजय माल्या ने कथित रूप से जिस तरह से कानूनी लड़ाई लड़ने में धन का इस्तेमाल किया उससे सीख लेते हुए भारतीय जांच एजेंसियां नीरव मोदी को आर्थिक रुप से कमजोर बनाने की तैयारी कर रही हैं.
डाइमंड मर्चेंट नीरव मोदी द्धारा विजय माल्या के लीगल टीम से मदद लिए जाने की रिपोर्ट के बाद एजेंसियां ने अपने मोडस ऑपरेंडी में बदलाव किया है. रिपोर्ट में कहा जा रहा है कि जिस तरीके से ललित मोदी और विजय माल्या ने धन का इस्तेमाल कर सिस्टम के साथ खेला उससे सीख लेते हुए एजेंसियां नीरव मोदी के मामले में कोई गलती नहीं करना चाहती हैं.
ललित मोदी के पास विदेशी पासपोर्ट है, भारत सरकार माल्या के खिलाफ इंटरपोल रेड कॉर्नर नोटिस पाने में असफल रही, उसके बाद से माल्या यूके में खुलेआम घूम रहा है. इससे पहले अप्रैल में, जिन देशों में शक था कि नीरव मोदी कि संपत्ति हो सकती है उन देशों को भारतीय अधिकारियों ने मल्टिपल लेटर रोगेटरी (एलआर)भेजे हैं.
कहां है नीरव मोदी की रकम
इन लेटर में एक बेल्जियम को भेजा जाता है. नीरव मोदी के साम्राज्य के संचालन का आधार यहीं माना जाता है. भारतीय अधिकारियों द्वारा उनके बेल्जियम समकक्षों को भेजी जाने वाली पत्र और इंडिया टुडे द्वारा की गई समीक्षा में दिखाता है कि नीरव मोदी की बेल्जियम स्थित 4 कंपनियों के पास उसके बैंक खातों में केवल 20.5 करोड़ रुपये थे.
बेल्जियम को भेजे गए एलआरएस में, फायरस्टार डायमंड बीवीबीए( खाता संख्या 66800199****2 में 12,43, 040 रुपये थे, जबकि कंपनी के दूसरे खाते में 19, 29, 44, 900 कैश हैं. एंटवर्प स्थित नीरव मोदी ज्वेल्स बीवीबीए के पास खाता संख्या 66800215 ***** 2 में 55,29,760 रुपये और खाता संख्या 66800215 ***** 3 में 58,13,500 रुपये थे.
जांच एजेंसियों के अलावा, पंजाब नेशनल बैंक और कॉर्पोरेट मामलों का मंत्रालय भी अमेरिका और हांगकांग में मुकदमेबाजी में शामिल हैं. माना जा रहा है नीरव मोदी यूके में छिपा और सूत्रों के मुताबिक नीरव मोदी को यहां पर कानूनी लड़ाई लड़ने के लिए ज्यादा पैसे की जरुरत है.
डिप्लोमैटिक तरीका
इंडिया टुडे द्वारा समीक्षा की गई कि भारतीय अधिकारियों द्वारा भेजे गए अनुरोधों के मुताबिक, भारत ने इन देशों के अनुरोधों में संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों और घोषणाओं का भी आह्वान किया है.
भारत ने संयुक्त राष्ट्र के इन संकल्प का हवाला दिया है.
- संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा संयुक्त राष्ट्र संकल्प संख्या 58/4 को 31 अक्टूबर 2003 को भ्रष्टाचार के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन में 58 वें सत्र में अपनाया गया.
- 8 जून 1998 को संयुक्त राष्ट्र विशेष सत्र द्वारा अपनाए गए एंटी मनी-लॉन्ड्रिंग की घोषणा.
- फरवरी 1990 में अपने सत्रहवीं विशेष सत्र में यूएनजीए द्वारा अपनाए गए राजनीतिक घोषणा और वैश्विक कार्यक्रम के एंटी मनी-लॉन्ड्रिंग क्लॉज.
सूत्रों के अनुसार, एजेंसियां नीरव मोदी तक नकदी प्रवाह को रोकना चाहती हैं. इंडिया टुडे को सूत्रों ने बताया कि जैसा कि हमने पिछले मामलों में देखा है, यह बेहद महत्वपूर्ण था, अब इसको किया गया है और भारतीय अदालत में आरोपपत्र दाखिल किया गया है, जल्द ही प्रत्यर्पण प्रक्रिया भी शुरू हो जाएगी.