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स्टार्टअप के लिए IIT मंडी ने खोला खजाना, अब पाएं 50 लाख का अनुदान

आईआईटी मंडी कैटालिस्ट अगले पांच वर्षों में स्टार्टअप्स को 10 करोड़ रुपये का अनुदान देगी, इसकी घोषणा मंगलवार को की गई.

स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए बढ़ाई गई अनुदान राशि स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए बढ़ाई गई अनुदान राशि
अमित कुमार दुबे
  • नई दिल्ली,
  • 28 अगस्त 2019,
  • अपडेटेड 12:05 AM IST

  • पहले स्टार्टअप के लिए अनुदान राशि की अधिकतम सीमा 15 लाख रुपये थी
  • अब कोई स्टार्टअप IIT मंडी कैटालिस्ट से 50 लाख रुपये का सीड कैपिटल हासिल कर सकती

आईआईटी मंडी कैटालिस्ट अगले पांच वर्षों में स्टार्टअप्स को 10 करोड़ रुपये का अनुदान देगी, इसकी घोषणा मंगलवार को की गई. अब कोई स्टार्टअप आईआईटी मंडी कैटालिस्ट से 50 लाख रुपये का सीड कैपिटल हासिल कर सकती है, पहले अधिकतम सीमा 15 लाख रुपये थी.

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यह घोषणा विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के राष्ट्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी उद्यमिता विकास बोर्ड की ओर से IIT मंडी कैटालिस्ट में सीड सपोर्ट सिस्टम कार्यक्रम की स्थापना को मंजूरी देने के बाद की गई है.

सीड सपोर्ट सिस्टम कार्यक्रम के तहत, स्टार्टअप्स को कम से कम तीन महीने आईआईटी मंडी में रेसीडेंशी कार्यक्रम के तहत रहना होगा. इस अवधि में, कैटालिस्ट स्टार्टअप के विचार पर काम शुरू करने और अपनी योग्यता साबित करने के लिए 1.5 लाख रुपये का अतिरिक्त अनुदान देगी.

जो उद्यमी सफलतापूर्वक अपने विचार की योग्यता साबित कर पाएंगे, वे 50 लाख रुपये का अनुदान प्राप्त करने के योग्य होंगे. कैटालिस्ट के फैकल्टी इंचार्ज पूरन सिंह ने कहा, 'आईआईटी मंडी इस क्षेत्र में मजबूत पारिस्थितिकी तंत्र बनाने को लेकर प्रतिबद्ध है और स्टार्टअप्स के लिए अनुदान बढ़ाना इस दिशा में मजबूत कदम है.'

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उन्होंने कहा, 'हमारा विजन कामांड वैली को देश भर के स्टार्टअप्स का पसंदीदा गंतव्य बनाना है. पिछले तीन सालों में आईआईटी मंडी ने 1 करोड़ रुपये से अधिक का अनुदान जारी किया है और 30 से अधिक स्टार्टअप्स में निवेश किया है, जिन्होंने तीन महीने की रेसिडेंशी कार्यक्रम में भाग लिया था.'

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