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IMF ने भारत के जीडीपी ग्रोथ अनुमान में भारी कटौती की, पूरी दुनिया पर होगा असर

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने भारतीय अर्थव्यवस्था में बढ़त के अनुमान को काफी घटा दिया है. आईएमएफ ने कहा है कि वित्त वर्ष 2019-20  में भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में बढ़त दर महज 4.8 फीसदी रहेगी.

भारत सरकार की चुनौतियां लगातार बढ़ रही हैं भारत सरकार की चुनौतियां लगातार बढ़ रही हैं
aajtak.in
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  • 20 जनवरी 2020,
  • अपडेटेड 12:39 AM IST

  • आईएमएफ ने भारत के जीडीपी ग्रोथ अनुमान को घटा दिया है
  • 2019-20 में भारत के जीडीपी में महज 4.8 फीसदी बढ़त का अनुमान
  • भारत में सुस्ती की वजह दुनिया के ग्रोथ अनुमान को घटाना पड़ा है
  • विश्व आर्थिक मंच की बैठक के दौरान आईएमएफ ने जारी किया अनुमान

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने भारतीय अर्थव्यवस्था में बढ़त के अनुमान को काफी घटा दिया है. आईएमएफ ने कहा है कि वित्त वर्ष 2019-20  में भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में बढ़त दर महज 4.8 फीसदी रहेगी. आईएमएफ ने कहा कि भारत और इसके जैसे अन्य उभरते देशों में सुस्ती की वजह दुनिया के ग्रोथ अनुमान को उसे घटाना पड़ा है.

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हालांकि, आईएमएफ ने यह उम्मीद भी जताई है कि अमेरिका-चीन के बीच व्यापारिक डील से जल्दी ही दुनिया की मैन्युफैक्चरिंग गतिविध‍ियों में सुधार होगा. आईएमएफ ने यह भी कहा है कि वर्ष 2020 तक भारतीय अर्थव्यवस्था में बढ़त 5.8 फीसदी और आगे 2021 में और सुधरकर 6.5 फीसदी रह सकती है.

ग्लोबल जीडीपी में कितनी होगी बढ़त

आईएमएफ ने साल 2019 में दुनिया की अर्थव्यवस्था में 2.9 फीसदी और 2020 में 3.3 फीसदी की बढ़त होने का अनुमान जारी किया है. आईएमएफ के अनुसार साल2021 में वैश्विक अर्थव्यवस्था की गति और बढ़ेगी और इसमें बढ़त 3.4 फीसदी हो सकती है.

क्यों आई सुस्ती

आईएमएफ ने दावोस में चल रहे विश्व आर्थिक मंच (WEF) की बैठक के दौरान इस अनुमान को जारी किया है. इसके पहले आईएमएफ ने चालू वित्तवर्ष में 6.1 फीसदी बढ़त होने का अनुमान जारी किया था. आईएमएफ की वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत के गैर बैंकिंग वित्तीय सेक्टर में मुश्किल की वजह से घरेलू मांग तेजी से घटी है और कर्ज बढ़त की रफ्तार सुस्त हुई है.

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गौरतलब है कि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की मुख्य अर्थशास्त्री गीता गोपीनाथ ने हाल में यह चेतावनी दी थी कि आईएमएफ जनवरी में भारत की वृद्धि के अपने अनुमान में उल्लेखनीय कमी कर सकता है. एक कार्यक्रम में गोपीनाथ ने कहा, ‘हम अपने आंकड़ों को संशोधित करते हुए जनवरी में नए आंकड़े जारी करेंगे. इसमें भारत के मामले में उल्लेखनीय रूप से कमी आ सकती है.’

5 ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी के लक्ष्‍य पर संशय

इसके साथ ही गोपीनाथ ने सरकार के 5 ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी के लक्ष्‍य पर संशय जताया था. उन्‍होंने कहा कि इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए भारत को पिछले 6 साल के 6 फीसदी की ग्रोथ रेट के मुकाबले बाजार मूल्य पर 10.5 फीसदी की जीडीपी ग्रोथ हासिल करनी होगी. वहीं स्थिर मूल्य के लिहाज से इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए 9 फीसदी तक की वृद्धि जरूरी है.

6 साल के निचले स्‍तर पर जीडीपी

सितंबर तिमाही में भारत की जीडीपी ग्रोथ 4.5 फीसदी पर पहुंच गई थी. यह 6 साल का निचला स्‍तर है. वहीं लगातार 6 तिमाही से ग्रोथ रेट में गिरावट आ रही है. यही नहीं, आगे भी हालात ठीक नहीं दिख रहे हैं. मूडीज समेत कई रेटिंग एजेंसियां भारत के विकास दर अनुमान में कटौती कर चुकी हैं.

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