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दुनिया की अर्थव्यवस्थाओं को लगेगा ब्रेक्ज‍िट का झटका, कम होगी ग्रोथ, बढ़ेगी अनिश्चितता: IMF

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने चेतावनी दी है कि दुनिया की अर्थव्यवस्था को ब्रेक्जिट का झटका लग सकता है और साल 2019 में दुनिया की ग्रोथ दर अनुमान से कम रह सकती है.  दुनिया की अर्थव्यवस्था को लेकर अनश्चितता बनी रहेगी.

आईएमएफ की प्रमुख क्रिस्टीन लेगार्ड (फोटो: रायटर्स) आईएमएफ की प्रमुख क्रिस्टीन लेगार्ड (फोटो: रायटर्स)
दिनेश अग्रहरि
  • नई दिल्ली,
  • 03 अप्रैल 2019,
  • अपडेटेड 10:47 AM IST

अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) ने चेतावनी दी है कि 2019 में वैश्विक वृद्धि पहले लगाए गए अनुमान से भी कम हो सकती है. हालांकि, उसने कहा है कि इस साल के अंतिम महीनों में वैश्विक वृद्धि में कुछ सुधार देखने को मिल सकता है पर वह भी ‘अनिश्चित’लगता है. आईएमएफ ने कहा है कि दुनिया की अर्थव्यवस्था को ब्रेक्जिट का झटका लगने की आशंका है.

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विश्वबैंक और मुद्राकोष की अगले हफ्ते होने वाली ग्रीष्मकालिक बैठकों से पहले अपने संबोधन में आईएमएफ की प्रमुख क्रिस्टीन लेगार्ड ने कहा कि विश्व अर्थव्यवस्था को ब्रेक्जिट का झटका लगने का खतरा है. इसके अलावा कर्ज के ऊंचे स्तर, व्यापार तनाव के अलावा वित्तीय बाजारों की बेचैनी से भी वैश्विक अर्थव्यवस्था प्रभावित होगी. समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक लेगार्ड ने यूएस चैंबर आफ कॉमर्स में कहा कि इस साल वैश्विक वृद्धि दर में अनिश्चितता रहेगी.

दुनिया की दो-तिहाई अर्थव्यवस्थाओं में कम होगी ग्रोथ

लेगार्ड ने कहा कि आईएमएफ अगले हफ्ते जनवरी में लगाए गए अपने वैश्विक वृद्धि के अनुमान को और कम करेगा. उन्होंने कहा कि इसकी वजह यह है कि दुनिया की दो-तिहाई अर्थव्यवस्थाओं की वृद्धि दर सुस्त रहेगी. इस साल की शुरुआत में आईएमएफ वैश्विक आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को काफी कम कर चुका है. आईएमएफ का अनुमान है कि इस साल और अगले वर्ष वैश्विक वृद्धि दर 3.5 प्रतिशत रहेगी. अगले हफ्ते वाशिंगटन में होने वाली केंद्रीय बैंकरों और वित्त मंत्रियों की अर्द्धवार्षिक बैठक ऐसे समय हो रही है, जबकि अमेरिका और चीन अपने आठ माह से चल रहे व्यापार विवाद को सुलझाने का प्रयास कर रहे हैं.

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हालांकि, लेगार्ड ने कहा कि उम्मीद का भी कुछ आधार है. अमेरिकी फेडरल रिजर्व सहित कई केंद्रीय बैंक ब्याज दरों में वृद्धि को लेकर धैर्य बरत रहे हैं. वहीं, चीन अपनी अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन देने के लिए कदम उठा रहा है.

गौरतलब है कि यूरोपियन यूनियन इस बात पर राजी हो गया है कि ब्रिटेन को ब्रेक्जिट के लिए और समय दिया जाना चाहिए. ब्रिटेन ने इसके लिए ईयू से 30 जून तक का समय मांगा था. इससे पहले ब्रिटेन को ईयू से बाहर होने के लिए 29 मार्च तक का समय था. ब्रिटेन में इसको लेकर सदन के बाहर और अंदर काफी असमंजस की स्थिति है, लेकिन इन सभी के बीच यह बात आशंका भी घर करने लगी है कि ब्रेक्जिट के बाद न सिर्फ ब्रिटेन बल्कि यूरोपियन यूनियन को आर्थिक तौर पर काफी नुकसान होने वाला है. यह नुकसान अरबों डालर का भी हो सकता है.

भारत में बनी रहेगी तेजी

इसके पहले आईएमएफ भारत को दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती हुई अर्थव्यवस्थाओं में से एक करार दे चुका है. आईएमएफ के कम्युनिकेशंस डायरेक्टर गेर्री राइस ने हाल में कहा था कि भारत दुनिया की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है, जहां पर पिछले पांच वर्षों के दौरान औसत वृद्धि करीब सात फीसदी से ऊपर रही है. हालांकि अंतरराष्‍ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने साल 2019 के लिए भारत की अनुमानित विकास दर में 0.1 प्रतिशत की मामूली कटौती कर इसे 7.4 प्रतिशत कर दिया है. पहले यह 7.5 फ़ीसदी बताई गई थी.

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