
अफ्रीका की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था मोरक्को अपनी अर्थव्यवस्था में नागरिकों के लिए विभिन्न सेवाओं को आधार से जोड़ने के लिए भारत की सफलता को दोहराना चाहता है.
बता दें कि इस प्रक्रिया का अध्ययन करने के लिए मोरक्को ने अपने आंतरिक मंत्री नूरुद्दीन बोतायब के नेतृत्व में 10 दिनों के लिए एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल भेजा था. ताकि आधार लिंक करने की प्रक्रिया को समझा जा सके.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, मोरक्को से आए प्रतिनिधिमंडल का 10 दिनों का दौरा 6 नवंबर को खत्म हुआ था. यहां प्रतिनिधिमंडल ने आधार, अपराध और आपराधिक ट्रैकिंग नेटवर्क और सिस्टम (सीसीटीएनएस) के भारतीय अनुभव और डीबीटी, गैस सब्सिडी और डिजिटलीकृत बैंकिंग सिस्टम जैसे लाभों के बारे में अध्ययन किया.
नूरुद्दीन ने की भारत की तारीफ
प्रतिनिधिमंडल ने गृह मंत्री किरन रिजिजू और अन्य अधिकारियों के साथ बात की थी. नूरुद्दीन बोतायब ने विभिन्न संस्कृतियों वाले और इतनी बड़ी आबादी होने के बावजूद इतनी कम अवधि में आधार को लागू करने के लिए भारत की प्रशंसा की.
उन्होंने कहा कि मोरक्को भारत के सामाजिक-आर्थिक मॉडल पर आधारित स्कीमों को लागू करने की तैयारी में है. उन्होंने कहा कि प्रतिनिधिमंडल का उद्देश्य सीखना है कि मोदी सरकार द्वारा शुरू किए गए सामाजिक-आर्थिक सुधारों के साथ भारत कैसे विकसित हुआ.
आतंकवाद से जुड़े मद्दों पर रहा फोकस
अधिकारियों के मुताबिक, उन्होंने रिजिजू से कहा कि मोरक्को आतंकवाद के खिलाफ अभियान में उत्तर अफ्रीका में भारत के लिए अहम पार्टनर के तौर पर उभर रहा है. वह इस संबंध में भारत के साथ अपने अनुभवों को साझा करने के लिए तैयार है. दोनों मंत्रियों का आतंकवाद से जुड़े मद्दों पर फोकस रहा. उन्होंने आतंकवाद के खिलाफ सहयोग को बढ़ाने का फैसला किया.