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तरक्की के रास्ते आज फिर चीन को पछाड़कर नंबर 1 बनेगा भारत?

भारत एक बार फिर चीन को पछाड़ कर दुनिया की सबसे तेज भागने वाली अर्थव्यवस्था बनने जा रही है. जहां केन्द्र सरकार ने जनवरी-मार्च तिमाही के लिए जीडीपी विकास दर का अनुमान 6.9 से 7.7 फीसदी रखा है वहीं चीन को इस तिमाही में 6.8 फीसदी की ग्रोथ दर्ज हुई है. गुरुवार को भारत सरकार जनवरी-मार्च तिमाही के आंकड़े जारी करने जा रही है.

चीन को पीछे छोड़ने के लिए तैयार भारत चीन को पीछे छोड़ने के लिए तैयार भारत
राहुल मिश्र
  • नई दिल्ली,
  • 31 मई 2018,
  • अपडेटेड 8:01 AM IST

भारत एक बार फिर चीन को पछाड़ कर दुनिया की सबसे तेज भागने वाली अर्थव्यवस्था बनने जा रही है. जहां केन्द्र सरकार ने जनवरी-मार्च तिमाही के लिए जीडीपी विकास दर का अनुमान 6.9 से 7.7 फीसदी रखा है वहीं चीन को इस तिमाही में 6.8 फीसदी की ग्रोथ दर्ज हुई है. गुरुवार को भारत सरकार जनवरी-मार्च तिमाही के आंकड़े जारी करने जा रही है.

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आर्थिक जानकारों का दावा है कि आलोच्य तिमाही में भारतीय अर्थव्यवस्था को मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर और उपभोक्ता खर्च में फायदा हुआ है. इसके चलते संभवना तेज है कि केन्द्र सरकार अपने अनुमान पर खरा उतरते हुए चीन को एक बार फिर ग्रोथ में पछाड़ने का आंकड़ा जारी कर दे.

वहीं इस हफ्ते के शुरुआत में केन्द्र सरकार के आर्थिक मामलों के सचिव सुभाष चन्द्र गर्ग ने दावा किया था कि जनवरी-मार्च तिमाही के दौरान एशिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में जीडीपी ग्रोथ 7.3 से 7.5 फीसदी रहने का अनुमान है.

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राइटर ने एक पोल के जरिए भी दावा किया है कि जनवरी-मार्च तिमाही के दौरान भारत की जीडीपी ग्रोथ 7.3 फीसदी रहेगी. गौरतलब है कि ग्रोथ का यह स्तर जुलाई-सितंबर 2016 तिमाही के बाद उच्चतम स्तर है जब अगली तिमाही के दौरान केन्द्र सरकार ने देश में नोटबंदी का ऐलान किया था.

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रेपो रेट पर सस्पेंस बरकरार?

आर्थिक जानकारों की दलील है कि केन्द्र सरकार को उक्त तिमाही के दौरान मिले उत्पादन और खपत के आंकड़ों को अप्रैल 2019 में 4.58 फीसदी की महंगाई दर के साथ देखें तो साफ है कि अगले हफ्ते केन्द्रीय रिजर्व बैंक पर रेपो रेट में इजाफा करने का दबाव बढ़ जाएगा. हालांकि कुछ जानकारों का यह भी दावा है कि वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में हो रहे इजाफे से सरकारी खर्च पर पड़ने वाले दबाव से एक बार फिर केन्द्र सरकार ब्याज दरों में इजाफे को टाल सकती है.  

वैश्विक रेटिंग एजेंसियों पर सवाल?

इस उम्मीद से इतर ग्लोबल रेटिंग एजेंसी मूडीज ने बुधवार को कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों का हवाला देते हुए भारत की जीडीपी ग्रोथ के अनुमान को घटाने का फैसला लिया था. हालांकि मूडीज ने भी इस साल साल वृद्धिर दर के 7.3 फीसदी रहने का अनुमान लगाया है. इससे पहले उसने जीडीपी के 7.5 फीसदी पर रहने का अनुमान लगाया था.

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मूडीज ने कहा, ''भारतीय अर्थव्यवस्था बेहतर निवेश और खर्च के बूते अच्छा प्रदर्शन कर रही है. लेकिन कच्चे तेल की बढ़ी हुई कीमतें और कड़ी वित्तीय परिस्थितियां जीडीपी ग्रोथ की रफ्तार पर ब्रेक लगा सकती हैं.'' मूडीज ने अनुमान जताया है कि 2018 में वृद्धिा दर 7.3 फीसदी रह सकती है. यह पिछले अनुमान से कम है. हालांकि मूडीज ने 2019 के अनुमान में कोई बदलाव नहीं किया है और उसे 7.5 फीसदी ही रखा है.

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