
पेट्रोल के भाव में मंगलवार को लगातार चौथे दिन बढ़ोतरी का सिलसिला जारी रहा. तेल विपणन कंपनियों ने दिल्ली, मुंबई और चेन्नई में पेट्रोल के दाम में फिर छह पैसे प्रति लीटर की वृद्धि कर दी है. कोलकाता में पेट्रोल के भाव में फिर 10 पैसे प्रति लीटर का इजाफा हो गया है.
इंडियन ऑयल की वेबसाइट के मुताबिक दिल्ली, कोलकता, मुंबई और चेन्नई में पेट्रोल के दाम बढ़कर क्रमश: 73.27 रुपये, 75.65 रुपये, 78.88 रुपये और 76.09 रुपये प्रति लीटर हो गए हैं. इससे पहले सोमवार को पेट्रोल की कीमतों में इजाफा हुआ था.
तेल कंपनियों ने सोमवार को दिल्ली और मुंबई में पेट्रोल के दाम में 13 पैसे, जबकि कोलकाता में 17 पैसे और चेन्नई में 14 पैसे प्रति लीटर की वृद्धि की थी. इस बढ़ोतरी के बाद दिल्ली में पेट्रोल की कीमत पिछले साढ़े सात महीने के उंचे स्तर पर पहुंच गया था. बता दें कि 29 नवंबर 2018 को देश की राजधानी में पेट्रोल का भाव 73.24 रुपये प्रति लीटर था.
वहीं अगर डीजल की बात करें तो लगातार चौथे दिन दाम में कोई बदलाव नहीं किया गया है. दिल्ली, कोलकता, मुंबई और चेन्नई में डीजल के दाम पूर्ववत क्रमश: 66.24 रुपये, 68.31 रुपये और 69.43 रुपये और 69.96 रुपये प्रति लीटर बने हुए हैं.
बता दें कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के भाव में बढ़त बरकरार है. अंतरराष्ट्रीय वायदा बाजार इंटरकांटिनेंटल एक्सचेंज पर ब्रेंट क्रूड के सितंबर वायदा अनुबंध में पिछले सत्र के मुकाबले 0.15 फीसदी की तेजी के साथ 66.58 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार चल रहा था. वहीं, न्यूयार्क मर्केंटाइल एक्सचेंज पर वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट (डब्ल्यूटीआई) के अगस्त सौदे में तकरीबन स्थिरता के साथ 59.60 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार चल रहा था.
तेल के आयात पर कम खर्च
बता दें कि जून में अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम में नरमी रहने के कारण भारत को तेल के आयात पर पिछले साल के मुकाबले कम खर्च करना पड़ा है. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक भारत को इस साल जून में पेट्रोलियम, कच्चा तेल व उत्पाद के आयात पर 11.03 अरब डॉलर खर्च करना पड़ा जबकि पिछले साल जून में देश को पेट्रोलियम, कच्चा तेल व उत्पाद के आयात पर 12.72 अरब डॉलर खर्च करना पड़ा था. इस प्रकार डॉलर के मूल्य में इनके आयात पर 13.33 फीसदी कम खर्च हुआ है.