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श्रीनगर और लेह को जोड़ेगी 10,050 करोड़ की जोजिला सुरंग, IRB इंफ्रा को मिला कॉन्ट्रैक्ट

आईआरबी इंफ्रा के सीएमडी वीरेंद्र म्हैसकर ने ऑर्डर की पुष्टि‍ करते हुए बताया कि जम्मू-कश्मीर में सुरंग बनाने के लिए 10,050 करोड़ रुपये का बड़ा ऑर्डर मिला है.

आईआरबी इंफ्रा के सीएमडी वीरेंद्र म्हैसकर आईआरबी इंफ्रा के सीएमडी वीरेंद्र म्हैसकर
स्‍वपनल सोनल
  • नई दिल्ली,
  • 04 जनवरी 2016,
  • अपडेटेड 6:53 PM IST

सड़क परिवहन और हाईवे मंत्रालय ने श्रीनगर-करगिल और लेह राष्ट्रीय राजमार्ग पर जोजिला सुरंग के निर्माण के लिए आईआरबी इंफ्रास्ट्रक्चर को 10050 करोड़ रुपये का कॉन्ट्रैक्ट दिया है. बता दें कि 14 किलोमीटर लंबी यह सुरंग दक्षिण-पूर्व एशिया की सबसे बड़ी सुरंग है, जो श्रीनगर और लेह को जोड़ने का काम करेगी.

आईआरबी इंफ्रा के सीएमडी वीरेंद्र म्हैसकर ने ऑर्डर की पुष्टि‍ करते हुए बताया कि जम्मू-कश्मीर में सुरंग बनाने के लिए 10,050 करोड़ रुपये का बड़ा ऑर्डर मिला है. नेशनल हाइवे के लिए मिला यह ऑर्डर, कुल ऑर्डर बुक के 60 फीसदी के बराबर है. मौजूदा ऑर्डर बुक 16,430 करोड़ रुपये के आसपास है.

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7 साल में पूरा करने का लक्ष्य
वीरेंद्र म्हैसकर ने बताया कि आईआरबी इंफ्रा को जम्मू-कश्मीर में जोजिला सुरंग बनाने के साथ ही रख-रखाव के लिए यह ऑर्डर मिला है. इस प्रोजेक्ट को 7 साल में पूरा करने का लक्ष्य है. म्हैसकर के मुताबिक, यह प्रोजेक्ट अक्टूबर 2016 से शुरू होगा और इससे 15 साल तक कंपनी को सरकार से एन्यूटी मिलेगी. 15 साल तक 981 करोड़ रुपये की एन्यूटी मिलेगी.'

उन्होंने बताया कि जोजिला सुरंग के प्रोजेक्ट की कुल लागत 10,000 करोड़ रुपये की है और कंस्ट्रक्शन लागत 6,500 करोड़ रुपये है. प्रोजेक्ट से 16 फीसदी आईआरआर की उम्मीद है. इस साल 10-12 फीसदी ग्रोथ की उम्मीद है और पहली छमाही के मुकाबले दूसरी छमाही बेहतर होगी.

बर्फबारी के कारण बाधित होता है यातायात
कंपनी ने जारी बयान में बताया कि डिजाइन, निर्माण, वित्त, संचालन और हस्तांतरण आधारित यह परियोजना जम्मू-कश्मीर के साथ ही लेह और लद्दाख के लोगों के लिए रणनीति, सामाजिक एवं आर्थिक दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण है. सर्दी के दिनों में जोजिला दर्रें के आसपास के इलाकों में भारी बर्फबारी के कारण एनएच-1 पर यातायात बाधित हो जाता है. ऐसे में 14.08 किलोमीटर लंबे जोजिला सुरंग के निर्माण से सभी मौसम में राजमार्ग पर यातायात संभव हो सकेगा.

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परियोजना के लिए छूट अवधि 22 साल है, जिसमें सात साल की निर्माण अवधि शामिल है. कंपनी को काम शुरू करने के लिए सड़क एवं परिवहन मंत्रालय से 981 करोड़ रुपये प्राप्त होंगे, वहीं, परियोजना पूरी होने पर छूट अवधि के अंत तक साल में दो बार करके उसे शेष राशि मिलेगी.

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