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Jet Airways संकट: नरेश गोयल ने बनाई दूरी, क्‍या बंद होगी एयरलाइन?

आर्थिक संकट से जूझ रही एयरलाइन जेट एयरवेज ठप होने की कगार पर है. इस पर आखिरी फैसला निदेशक मंडल की बैठक में हो सकता है.

निदेशक मंडल की आपात बैठक में Jet Airways पर अहम फैसला संभव निदेशक मंडल की आपात बैठक में Jet Airways पर अहम फैसला संभव
aajtak.in
  • नई दिल्‍ली,
  • 16 अप्रैल 2019,
  • अपडेटेड 2:23 PM IST

संकट में फंसी एयरलाइन जेट एयरवेज अब ठप होने की कगार पर है. इस पर आखिरी फैसला मंगलवार यानी आज होने वाली निदेशक मंडल की आपात बैठक में हो सकता है. इस बीच, जेट एयरवेज के संस्थापक नरेश गोयल ने संकटग्रस्त एयरलाइन में हिस्सेदारी के अधिग्रहण के लिए बोली प्रक्रिया से खुद को अलग कर लिया है.

इससे पहले जेट एयरवेज को संकट से उबारने के लिए कर्जदाता बैंकों की सोमवार को बैठक हुई. कई घंटों तक चली इस मैराथन बैठक में कोई फैसला नहीं हुआ. इस बीच,जेट एयरवेज ने सोमवार को अपने अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को 18 अप्रैल तक रोकने की घोषणा की है. वहीं जेट एयरवेज के पायलटों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बैंकों से इस एयरलाइन को ध्वस्त होने बचाने की अपील की है.

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जेट एयरवेज के मुख्य कार्यकारी अधिकारी विनय दुबे के मुताबिक कर्जदाताओं से फंड नहीं मिलने की वजह से अंतरराष्‍ट्रीय उड़ानों को रोका गया है. दुबे ने कहा कि हम कर्जदाताओं के साथ काम कर रहे हैं ताकि परिचालन के लिए फंड जुटा सकें. अभी तक हमें यह कोष नहीं मिला है. उन्होंने कहा कि कर्ज दाताओं के साथ बातचीत की मौजूदा स्थिति के अलावा अन्य संबंधित मामलों को मंगलवार को बोर्ड के समक्ष रखा जाएगा.

दुबे ने कहा कि हम अपनी अंतरराष्ट्रीय उड़ानें 18 अप्रैल तक बंद रखेंगे. बता दें कि एयरलाइन का लंबी दूरी का परिचालन बड़े आकार के बोइंग बी 777 और एयरबस ए330 विमानों के जरिये किया जाता है.  वहीं एयरलाइन ने पश्चिम एशिया, दक्षेस और दक्षिण पूर्व एशियाई बाजारों के लिए छोटे बी 737 विमान लगाए हुए हैं.

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निदेशक मंडल की अहम बैठक

इन परिस्थितियों में इस बात की आशंका जताई जा रही है कि मंगलवार यानी आज की निदेशक मंडल की बैठक में एयरलाइन को ठप करने का आधिकारिक फैसला हो सकता है. बता दें कि एयरलाइन की अधिकतर घरेलू विमान पहले से ही किराया नहीं चुकाए जाने की वजह से उड़ान नहीं भर पा रही हैं. ऐसे में फंड नहीं मिलने की वजह से मुश्किलें और ज्‍यादा बढ़ गई हैं.

पायलटों ने पीएम से की अपील

इस बीच जेट एयरवेज के पायलटों ने पीएम मोदी को पत्र लिखकर एयरलाइन को बचाने की अपील की है. पायलटों के संगठन नेशनल एविएटर्स गिल्ड (एनएजी) के उपाध्यक्ष असीम वलियानी ने कहा, ‘‘हम एयरलाइन को जारी रखने के लिए 1,500 करोड़ रुपये की पूंजी जारी करने की एसबीआई से अपील करना चाहेंगे. हम 20,000 नौकरियों को बचाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी अपील करते हैं. ’’

इससे पहले पायलटों के संगठन ने एयरलाइन के खिलाफ हड़ताल को टाल दिया था.  उल्लेखनीय है कि जेट एयरवेज के पायलटों, इंजीनियरों और वरिष्ठ कर्मियों को दिसंबर 2018 के बाद से वेतन नहीं मिला है.  कंपनी मार्च महीने में कुछ अन्य श्रेणियों के कर्मचारियों को भी वेतन देने में असफल रही है.

सुरेश प्रभु ने समीक्षा का निर्देश दिया

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इस बीच नागर विमानन मंत्री सुरेश प्रभु ने विमान किरायों में वृद्धि और उड़ानों के रद्द होने सहित संकटग्रस्त जेट एयरवेज से जुड़े विभिन्न मुद्दों की समीक्षा का निर्देश दिया है. प्रभु ने नागर विमानन सचिव प्रदीप सिंह खारोला को यात्रियों के अधिकार एवं सुरक्षा के लिए जरूरी कदम उठाने का निर्देश दिया. प्रभु ने ट्वीट कर कहा, 'नागर विमानन मंत्रालय के सचिव को उड़ान की कीमतों में इजाफा, उड़ानों के रद्द होने और जेट एयरवेज से जुड़े मुद्दों की समीक्षा का निर्देश दिया है. '

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