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एयरलाइन के बाद अब जेट के कर्मचारियों पर आई आर्थिक तंगी, कीमती सामान बेचने को मजबूर

जेट एयरवेज का एक पायलट अपनी अपनी रेसिंग बाइक तक बेचने को मजबूर हो गया है. जिन तकनीकी कर्मियों का तबादला दूसरे शहरों में हो चुका है, उनको अपने परिवारों से मिलने के लिए ट्रेनों से यात्रा करनी पड़ रही है.

जेट कर्मचारी (फाइल फोटो- PTI) जेट कर्मचारी (फाइल फोटो- PTI)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 19 अप्रैल 2019,
  • अपडेटेड 11:23 PM IST

परिचालन को अस्थाई रूप से बंद कर चुकी एयरलाइन जेट एयरवेज के कर्मचारियों के लिए जीवन का संकट खड़ा हो गया है. कर्मचारियों के लिए नौकरी जाने के बाद रोजमर्रा के सामान जुटाना भी मुश्किल हो गया है. ऐसे में वित्तीय संकट से जूझ रहे जेट के कर्मचारी अपने जरूरतों को पूरा करने के लिए अपना कीमती सामान बेचने को मजबूर हैं.

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जेट एयरवेज का एक पायलट अपनी अपनी रेसिंग बाइक तक बेचने को मजबूर हो गया है. जिन तकनीकी कर्मियों का तबादला दूसरे शहरों में हो चुका है, उनको अपने परिवारों से मिलने के लिए ट्रेनों से यात्रा करनी पड़ रही है, क्योंकि उनकी यात्रा के लिए कोई उड़ान उपलब्ध नहीं है. जिनको पैसों की सख्त जरूरत है, वे नजदीकियों के व्हाट्सएप ग्रुपों को SMS भेज रहे हैं और अपने सामाजिक पूंजी का इस्तेमाल करना शुरू कर दिए हैं.

नेशनल एविएटर्स गिल्ड के उपाध्यक्ष कैप्टन असीम वालियानी ने कहा, "मुझे आज सुबह एक साथी पायलट का फोन आया, जिन्होंने अपनी महंगी बाइक बेचने का फैसला किया है. अनेक लोगों को रोजमर्रा के खर्च चलाने में कठिनाई होने लगी है"

इलाज कराने में भी दिक्कत

करीब 15 साल से जेट एयरवेज से जुड़े रहे एक सीनियर इंजीनियर ने कहा कहा कि उनके कई सहकर्मी गंभीर वित्तीय संकट से जूझ रहे हैं. उन्होंने एक सहकर्मी का जिक्र किया, जिन्होंने अपने कई सहकर्मियों से पिछले सप्ताह अपनी बहन की शादी के लिए पैसों की व्यवस्था करने का आग्रह किया. उन्होंने कहा, "पिछले महीने हमने एक सहकर्मी के बेटे के इलाज के लिए पैसे जमा किए. लाखों रुपये का बिल होने के बाद भी लड़के को बचाया नहीं जा सका."

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एक अन्य कर्मी ने नाम जाहिर नहीं करने की शर्त पर एयरलाइन द्वारा जारी प्रतिबंधात्मक आदेश के बारे में बताया कि इंजीनियरिंग विभाग के उनके एक सहकर्मी का तबादला मुंबई से दिल्ली हो गया है, लेकिन वेतन में देरी होने की वजह से वह किराया चुकाने में असमर्थ है.

अधिकारी ने कहा, "वह कोई उड़ान नहीं पकड़ सकता है, क्योंकि उड़ान उपलब्ध नहीं है. यहां तक कि ट्रेन का टिकट भी उपलब्ध नहीं है. काफी मुश्किल हालात बन गए हैं."

जेट के साथ क्या हुआ?

जेट एयरवेज का आर्थिक संकट साल 2010 से शुरू हुआ और एयरलाइन का कर्ज लगातार बढ़ने लगा. इस दौरान कंपनी को लगातार घाटा झेलना पड़ा. इसके बाद जेट एयरवेज कर्ज के भुगतान में असफल होने लगी. पिछले साल दिसंबर में 123 विमानों के साथ परिचालन करने वाली कंपनी ने बीते मंगलवार को सिर्फ 5 विमानों के साथ परिचालन किया. वर्तमान में जेट एयरवेज पर बैंकों का 8,500 करोड़ रुपये से अधिक का बकाया है.

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