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वित्त मंत्री अरुण जेटली से मिले जेट एयरवेज के कर्मचारी, कहा- हमारी सैलरी दिला दो

नकदी संकट से जूझ रही जेट एयरवेज के कर्मचारियों ने शनिवार को वित्त मंत्री अरुण जेटली से मुलाकात की. कर्मचारियों ने इस दौरान वित्त मंत्री से मामले में समाधान तलाशने की अपील की. इसके पहले जेट एयरवेज के कर्मचारियों ने अपने वेतन और अन्य बकायों के भुगतान एवं एयरलाइन को फौरी मदद उपलब्ध कराने के लिए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हस्तक्षेप का आग्रह किया.

वित्त मंत्री अरुण जेटली से मिले जेट एयरवेज के कर्मचारी (ANI) वित्त मंत्री अरुण जेटली से मिले जेट एयरवेज के कर्मचारी (ANI)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 20 अप्रैल 2019,
  • अपडेटेड 10:29 PM IST

नकदी संकट से जूझ रही जेट एयरवेज के कर्मचारियों ने शनिवार को वित्त मंत्री अरुण जेटली से मुलाकात की. कर्मचारियों ने इस दौरान वित्त मंत्री से मामले में समाधान तलाशने की अपील की. इसके पहले जेट एयरवेज के कर्मचारियों ने अपने वेतन और अन्य बकायों के भुगतान एवं एयरलाइन को फौरी मदद उपलब्ध कराने के लिए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हस्तक्षेप का आग्रह किया. आर्थिक संकट से जूझ रही जेट एयरवेज के पायलटों सहित करीब 23,000 कर्मचारियों के वेतन भुगतान में देरी हुई है.

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एयरलाइन ने परिचालन के लिए पर्याप्त धन नहीं होने की वजह से अपने सेवाओं को अस्थायी तौर पर निलंबित कर दिया है. एयरलाइन के भविष्य को लेकर अनिश्चितताओं के बीच कर्मचारियों की दो यूनियनों ने राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को पत्र लिखा है. सोसायटी फॉर वेलफेयर ऑफ इंडियन पॉयलट्स (एसडब्ल्यूआईपी) और जेट एयरक्राफ्ट मेंटेनेंस इंजीनियर्स वेलफेयर एसोसिएशन (जेएएमईडब्ल्यूए) ने दो अलग-अलग पत्र लिखकर अपने बकाया वेतन के भुगतान में मदद का अनुरोध किया है.

एक पत्र में कहा गया है, 'हम आपसे इस मुद्दे पर तत्काल विचार करने और जेट एयरवेज प्रबंधन को प्रभावित कर्मचारियों के बकाया वेतन का तत्काल भुगतान करने का निर्देश देने का आपसे आग्रह करते हैं.' पत्र में कहा गया है, 'एयरलाइन को तत्काल धन उपलब्ध कराने की प्रक्रिया में तेजी लाने का आपसे आग्रह करते हुए हम कहना चाहते हैं कि इस चुनौतीपूर्ण समय में हर मिनट और हर निर्णय बहुत महत्वपूर्ण है.'

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बता दें कि कई महीनों की अनिश्चितता के बाद जेट एयरवेज ने 17 अप्रैल को अपना परिचालन अस्थाई रूप से निलंबित कर दिया. विमानन कंपनी को ऋणदाताओं से आपात ऋण सहायता नहीं मिलने की वजह से यह कदम उठाना पड़ा.

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