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भारत के सबसे बड़े एयरपोर्ट के लिए काम तेज, स्विट्जरलैंड की टीम ने किया जेवर का दौरा

स्व‍िट्जरलैंड की कंपनी ज्यूरिख एयरपोर्ट इंटरनेशनल एजी की टीम पहुंची है और उसने साइट का दौरा करने के अलावा ग्रेटर नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (NIAL) के अध‍िकारियों से मुलाकात की है. इस कंपनी को ही एयरपोर्ट के विकास का ठेका मिला है.

प्रतीकात्मक तस्वीर प्रतीकात्मक तस्वीर
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 16 जनवरी 2020,
  • अपडेटेड 4:10 PM IST

  • जेवर में बनने वाले एयरपोर्ट का कामकाज हुआ तेज
  • काम का जायजा लेने पहुंची ज्यूरिख एयरपोर्ट की टीम

ग्रेटर नोएडा के जेवर में बनने वाले भारत के सबसे बड़े एयरपोर्ट के लिए कामकाज तेज हो गया है. स्व‍िट्जरलैंड की कंपनी ज्यूरिख एयरपोर्ट इंटरनेशनल एजी की टीम पहुंची है और उसने साइट का दौरा करने के अलावा ग्रेटर नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (NIAL) के अध‍िकारियों से मुलाकात की है. कंपनी जल्दी ही जरूरी सुरक्षा मंजूरी के लिए गृह मंत्रालय में आवेदन करेगी.

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इसी साल शुरू होगा निर्माण

गौरतलब है कि ज्यूरिख एयरपोर्ट इंटरनेशनल एजी को ही एयरपोर्ट के विकास का ठेका मिला है. कंपनी इसी साल एयरपोर्ट का निर्माण शुरू करना चाहती है. कंपनी के सीईओ स्टीफन विडरिग के नेतृत्व में एक टीम ने बुधवार को एयरपोर्ट बनने वाले साइट का दौरा किया है. टीम ने NIAL के सीईओ अरुण वीर सिंह के अलावा कई वरिष्ठ अध‍िकारियों से मुलाकात की है और नए एयरपोर्ट के बारे में एक विस्तृत प्रजेंटेशन भी पेश किया है. तैयार होने के बाद यह भारत का सबसे बड़ा एयरपोर्ट हो सकता है.

NIAL के नोडल ऑफिसर शैलेंद्र भाटिया ने न्यूज एजेंसी पीटीआई को बताया, 'प्राजेक्ट कंसल्टेंट PwC के द्वारा इस प्रोजेक्ट के विकास के बारे में एक विस्तृत प्रजेंटेशन पेश किया गया.'

उन्होंने कहा कि स्व‍िट्जरलैंड की टीम ने जेवर में उपलब्ध अच्छी सड़क कनेक्टिविटी जैसे ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे और यमुना एक्सप्रेसवे से जुड़ाव की तारीफ की है. 

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कैसे मिला विदेशी कंपनी को ठेका

गौरतलब है कि दिल्ली से सटे जेवर एयरपोर्ट के निर्माण के लिए ज्यूरिख एयरपोर्ट इंटरनेशनल को पिछले साल नवंबर माह में जिम्‍मेदारी मिली है. ज्यूरिख एयरपोर्ट इंटरनेशनल ने अडानी ग्रुप और DIAL को पछाड़ते हुए बाजी मारी थी. जेवर एयरपोर्ट के 29,560 करोड़ रुपये के प्रोजेक्‍ट के लिए जिन चार ग्रुप ने बोली लगाई थी उनमें एंकोरेज इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट्स होल्डिंग्स लिमिटेल भी शामिल है.

स्विट्जरलैंड में मुख्यालय वाली ज्यूरिख एयरपोर्ट इंटरनेशनल ने जेवर एयरपोर्ट के लिए प्रति यात्री सबसे ज्यादा 400.97 रुपये की बोली लगाई. ज्यूरिख एयरपोर्ट के अलावा DIAL (दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड) ने 351, अडानी इंटरप्राइजेज ने 360 और एंकोरेज इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट्स होल्डिंग्स ने 205 की बोली लगाई थी. ये बिडिंग प्रति यात्री मिलने वाले राजस्व के हिसाब से की गई थी.

यहां बनेगा जेवर एयरपोर्ट (फोटो: Getty Images)

दुनिया का पांचवां बड़ा एयरपोर्ट होगा

यह पूरा प्रोजेक्ट करीब 5,000 हेक्टेयर में फैला होगा. इस तरह जेवर एयरपोर्ट देश का सबसे बड़ा और एश‍िया का दूसरा सबसे बड़ा एयरपोर्ट हो जाएगा. इसमें 6 से 8 रनवे होंगे. इसका पहला चरण 2023 तक तैयार हो सकता है. क्षेत्र के लिहाज से यह दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से दोगुना हो जाएगा और दुनिया का 5वां सबसे बड़ा हवाई अड्डा बन जाएगा.

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दुनिया का सबसे बड़ा एयरपोर्ट सऊदी अरब में है. सऊदी अरब में दम्मम के किंग फहद इंटरनेशनल एयरपोर्ट 77,600 हेक्टेयर जमीन पर बना है. इसके बाद अमेरिका के डेंवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट का नंबर आता है जो 13,571 हेक्टेयर जमीन पर बना है.

तीसरे नंबर पर अमेरिका का ही डलास इंटरनेशनल एयरपोर्ट है जो 6,963 हेक्टेयर जमीन पर फैला हुआ है. चौथे और पांचवें नंबर पर अमेरिका के ही ओरलैंडो इंटरनेशनल एयरपोर्ट और वाशिंगटन ड्यूलेस इंटरनेशनल एयरपोर्ट हैं जो क्रमशः 5,383 और 4,856 हेक्टेयर जमीन पर बने हुए हैं.

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