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साइरस मिस्त्री: खरबपति परिवार का लाडला, जिसने टाटा ग्रुप को शिकस्‍त दी

टाटा ग्रुप की अगुवाई करने वाली टाटा संस के चेयरमैन पद के लिए साइरस मिस्त्री ने कानूनी जंग जीत ली है. दरअसल, NCALT ने टाटा संस के चेयरमैन पद से साइ‍रस मिस्त्री के हटाने को अवैध ठहरा दिया है और उन्हें इस पद पर फिर से बहाल करने का आदेश दिया है.

साइरस मिस्‍त्री को 2012 में टाटा की कमान मिली थी साइरस मिस्‍त्री को 2012 में टाटा की कमान मिली थी
दीपक कुमार
  • नई दिल्‍ली,
  • 19 दिसंबर 2019,
  • अपडेटेड 2:02 PM IST

  • चर्चित खरबपति पलोनजी शापूरजी के सबसे छोटे बेटे हैं साइरस मिस्‍त्री
  • वर्तमान में पलोनजी शापूरजी मिस्‍त्री की 15.7 बिलियन डॉलर संपत्ति है
  • साइरस मिस्‍त्री को एनसीएलएटी ने टाटा ग्रुप का चेयरमैन बहाल किया है

साल 2012 के दिसंबर महीने की बात है, रतन टाटा ने टाटा ग्रुप की अगुवाई करने वाली टाटा संस की कमान साइरस मिस्त्री को देने का ऐलान किया. ठीक 7 साल बाद एक बार फिर साइरस मिस्‍त्री टाटा संस की कमान संभालने की तैयारी में हैं. लेकिन इस बार मामला थोड़ा अलग है.

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दरअसल, इस बार साइरस मिस्‍त्री को नेशनल कंपनी लॉ अपेलीट ट्राइब्यूनल (एनसीएलएटी) ने टाटा ग्रुप का चेयरमैन बहाल किया है, जो रतन टाटा की मर्जी के खिलाफ है. रतन टाटा को इस फैसले को चुनौती देने के लिए चार हफ्ते का वक्‍त मिला है. लेकिन सवाल है कि आखिर साइरस मिस्‍त्री कौन हैं, जिन्‍होंने टाटा ग्रुप को शिकस्‍त दी है. आइए जानते हैं..

ये है पलोनजी मिस्‍त्री का परिवार

मीडिया की लाइमलाइट से दूर रहने वाले साइरस मिस्त्री कोई साधारण नाम नहीं हैं. वह भारतीय मूल के चर्चित खरबपति पलोनजी शापूरजी मिस्‍त्री के सबसे छोटे बेटे हैं. पलोनजी मिस्‍त्री ने आयरिश महिला से शादी की और बाद में आयरलैंड के नागरिक हो गए. यही वजह है कि पलोनजी शापूरजी के बेटे साइरस मिस्‍त्री का जन्‍म भी आयरलैंड में हुआ है.

यहां बता दें कि पलोनजी शापूरजी के दो बेटे- शापूर और साइरस मिस्‍त्री हैं. जबकि दो बेटियां- लैला और अल्‍लू हैं. पलोनजी शापूरजी की बेटी अल्‍लू की शादी नोएल टाटा से हुई है, जो रतन टाटा के सौतेले भाई हैं. कहने का मतलब ये है कि टाटा परिवार से साइरस मिस्‍त्री के पारिवारिक संबंध भी हैं. 

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मिस्‍त्री परिवार का कारोबार

भारतीय मूल के सबसे सफल और ताकतवर कारोबारियों में से एक 90 साल के पलोनजी मिस्‍त्री के नियंत्रण में एक ऐसा कंस्ट्रक्शन साम्राज्‍य है जो भारत, पश्चिम एशिया और अफ्रीका तक फैला हुआ है. अपने बेटों के साथ मिलकर उनकी टाटा संस में भी 18.5 फीसदी हिस्सेदारी है.

पलोनजी मिस्‍त्री ग्रुप का कारोबार कपड़े से लेकर रियल एस्टेट, हॉस्पिटेलिटी और बिजनेस ऑटोमेशन तक फैला हुआ है. एसपीजी समूह में शापूरजी पालोनजी इंजीनियरिंग ऐंड कंस्ट्रक्शन, एफकॉन्स इंफ्रास्ट्रक्चर, फोर्ब्स टेक्सटाइल्स, गोकक टेक्सटाइल्स, यूरेका फोर्ब्स, फोर्ब्स एंड कंपनी, एसपी कंस्ट्रक्शन मटीरियल ग्रुप, एसपी रियल एस्टेट और नेक्स्ट जेन जैसी कई कंपनियां शामिल हैं. फोर्ब्‍स की रियल टाइम नेटवर्थ के मुताबिक वर्तमान में पलोनजी मिस्‍त्री की 15.7 बिलियन डॉलर संपत्ति है.

लंदन बिजनेस स्कूल से पढ़ाई

आयरलैंड में पैदा हुए 48 साल के साइरस मिस्त्री ने लंदन बिजनेस स्कूल से पढ़ाई की है. साइरस ने परिवार के पलोनजी ग्रुप में 1991 में काम करना शुरू किया. उन्हें 1994 में शापूरजी पलोनजी ग्रुप का निदेशक नियुक्त किया गया. साइरस मिस्‍त्री के नेतृत्व में उनकी कंपनी ने भारत में कई बड़े रिकॉर्ड बनाए, इनमें सबसे ऊंचे रिहायसी टॉवर का निर्माण, सबसे लंबे रेल पुल का निर्माण और सबसे बड़े बंदरगाह का निर्माण शामिल है.

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वहीं टाटा संस के बोर्ड में साइरस मिस्‍त्री ने 2006 में एंट्री की. साल 2012 के दिसंबर महीने में उन्‍होंने टाटा संस के चेयरमैन के तौर पर कमा संभाली. टाटा ग्रुप ने 18 महीने की खोज के बाद इस पद के लिए साइरस मिस्‍त्री का चयन किया गया. जिन लोगों को इस पद की खोज की जिम्‍मेदारी मिली थी उनमें ब्रिटेन के प्रभावशाली कारोबारी और वारविक मैन्यूफैक्च रिंग के संचालक लॉर्ड सुशांत कुमार भट्टाचार्य, प्रतिष्ठित वकील शिरीन भरुचा और एन.ए. सूनावाला (टाटा संस के उपाध्यक्ष) थे.

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