Advertisement

LIC को शेयर बाजार में उतारने की तैयारी, रिलायंस को पछाड़ बन सकती है नंबर एक कंपनी

एलआईसी को यदि स्टॉक एक्सचेंजों पर सूचीबद्ध किया गया तो यह बाजार मूल्य के हिसाब से आसानी से देश की नंबर एक सूचीबद्ध कंपनी बन सकती है और मौजूदा दिग्गज रिलायंस इंडस्ट्रीज को पीछे छोड़ देगी.

LIC को शेयर बाजार में उतारने की तैयारी LIC को शेयर बाजार में उतारने की तैयारी
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 29 जुलाई 2019,
  • अपडेटेड 2:02 PM IST

भारत की सबसे बड़ी जीवन बीमा कंपनी 'भारतीय जीवन बीमा निगम' (LIC) को शेयर बाजार में उतारने यानी एक्सचेंजों पर लिस्ट‍िंग की सरकार तैयारी कर रही है. सरकार इस वित्त वर्ष में अपने विनिवेश कार्यक्रम को तेज करने और भारी रकम जुटाने के लिए ऐसी तैयारी कर रही है. एलआईसी को यदि स्टॉक एक्सचेंजों पर सूचीबद्ध किया गया तो यह बाजार मूल्य के हिसाब से आसानी से देश की नंबर एक सूचीबद्ध कंपनी बन सकती है और मौजूदा दिग्गज रिलायंस इंडस्ट्रीज को पीछे छोड़ देगी.

Advertisement

असल में एलआईसी का पूंजीगत आधार सिर्फ 5 करोड़ रुपये का है, लेकिन इसका वित्त वर्ष 2017-18 में मुनाफा या वैल्युएशन सरप्लस 48,436 करोड़ रुपये का था और एसेट अंडर मैनेजमेंट 31.11 लाख करोड़ रुपये का था. इसकी वजह से एलआईसी का आईपीओ काफी प्रीमियम पर लिस्टेड होगा. इंडियन एक्सप्रेस ने सूत्रों के हवाले से खबर दी है कि यह प्रक्रिया अभी शुरुआती चरण में है और सरकार के उच्च अधिकारियों में इसको लेकर चर्चा हुई है. प्रस्ताव यह है कि सरकार नियंत्रित इस संस्था का पहले आईपीओ लाकर थोड़ा हिस्सा बेचा जाए और बाद में सरकार की हिस्सेदारी बेची जाए.

गौरतलब है कि सरकार ने बजट में यह घोषणा की है कि सूचीबद्ध कंपनियों में पब्लिक होल्ड‍िंग कम से कम 35 फीसदी करनी होगी. इसके पहले सरकार दो साल पहले जनरल इंश्योरेंस कॉरपोरेशन और न्यू इंडिया एश्योरेंस का आईपीओ लाकर शेयर बाजार में सूचीबद्ध कर चुकी है. जब किसी कंपनी को पहली बार शेयर बाजार में लिस्टेड किया जाता है तो उसके लिए इनीशियल पब्लिक ऑफर यानी आईपीओ जारी किया जाता है. एलआईसी को शेयर बाजार में लाने के लिए सबसे पहले एलआईसी एक्ट में बदलाव करना होगा.

Advertisement

गौरतलब है कि अभी तक एलआईसी को सरकार शेयर बाजार में उतारने से शायद इस वजह से हिचकती रही है, क्योंकि अभी तक शेयर बाजार में सरकारी कंपनियों को उबारने में एलआईसी की महत्वपूर्ण भूमिका रही है. असल में जब किसी सरकारी कंपनी के शेयरों में बिकवाली की वजह से ज्यादा गिरावट आती है, या खरीदार कम रहते हैं तो अक्सर यह देखा गया कि एलआईसी इन कंपनियों के शेयर खरीद लेती है, जिससे उन्हें सहारा मिल जाता है. एलआईसी के पास लाखों करोड़ रुपये की नकदी है जिसका वह कई साधनों में निवेश करती है. एलआईसी ने डिबेंचर और बॉन्ड में करीब 4,34,959 करोड़ रुपये और कई बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में 3,76,097 करोड़ रुपये का निवेश कर रखा है. साल 2018-19 में एलआईसी को शेयर बाजार में निवेश से 23,621 करोड़ रुपये का मुनाफा हासिल हुआ है. कंपनी ने इस दौरान शेयर बाजार में 68,621 करोड़ रुपये का निवेश किया था.

एलआईसी फिलहाल भारतीय बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण (IRDAI) के रेगुलेशन के तहत आता है, हालांकि इसका संचालन 1956 के एलआईसी एक्ट के तहत होता है. इसकी शेयर बाजार में लिस्ट‍िंग से पहले सरकार को इस एक्ट में बदलाव करना होगा.  

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement