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'मुंबई को डूबने से बचाने का बस एक तरीका, चाहिए नया ड्रेनेज सिस्टम'

सुचेता की बात का सपोर्ट करते हुए निरंजन हीरानंदानी ने कहा कि यह सच है कि बिल्डर्स ने कीमतों में इजाफा कराने की लगातार कोशिश की है. लेकिन हकीकत यह भी है कि मुंबई देश का कारोबारी राजधानी है और इसपर दबाव भी लाजमी है. लिहाजा, जरूरत है कि हमें मुंबई के इर्द-गिर्द इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करने की जरूरत है.

मुंबई की मौजूदा समस्या का कोई हल नहीं है मुंबई की मौजूदा समस्या का कोई हल नहीं है
राहुल मिश्र
  • मुंबई,
  • 26 अक्टूबर 2017,
  • अपडेटेड 8:40 PM IST

मंथन आजतक के सेशन 'क्यों डूबती है मुंबई?' में हीरानंदानी ग्रुप के को-फाउंडर और मैनेजिंग डायरेक्टर निरंजन हीरानंदानी, मोतीलाल ओसवाल सिक्योरिटीज के चेयरमैन मोतीलाल ओसवाल, मुंबई के म्युनिसिपल कमिश्नर अजॉय मेहता, मनीलाइफ मैगजीन के मैनेजिंग एडिटर सुचेता दलाल और फिल्म प्रोड्यूसर और डायरेक्टर ने शिरकत की. इस सत्र का संचालन राजदीप सरदेसाई ने किया.

क्या डूब चुकी है मुबंई?

सुचेता दलाल का कहना है कि मुंबई में बिल्डर लॉबी ने पूरी कोशिश की है कि शहर में कनजेशन बना रहे जिससे यहां प्रॉपर्टी की कीमतों में लगातार इजाफा होता रहे. सुचेता की बात का सपोर्ट करते हुए निरंजन हीरानंदानी ने कहा कि यह सच है कि बिल्डर्स ने कीमतों में इजाफा कराने की लगातार कोशिश की है. लेकिन हकीकत यह भी है कि मुंबई देश का कारोबारी राजधानी है और इसपर दबाव भी लाजमी है. लिहाजा, जरूरत है कि हमें मुंबई के इर्द-गिर्द इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करने की जरूरत है जिससे मुबंई में कीमतों पर लगाम भी लगे और शहर को डीकंजेस्ट किया जा सके.

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दौड़ती-भागती मुंबई में पिस रहा आम आदमी?

क्या मुंबई मे लगातार हो रहे विस्तार और गिरते म्युनिसिपल स्तर का सीधा असर आम मुंबईकर पर पड़ रहा है? सुचेता दलाल ने कहा कि शहर के रईस लोग सिर्फ अपनी दिक्कतों पर ध्यान देते हैं. उन्होंने कभी यह जानने की कोशिश नहीं की कि उनके घर में काम करने के लिए आने वाले लोग किन दिक्कतों का सामना कर रहे हैं. मुंबई की समस्या ऐसे इलाकों में ज्यादा खराब है जहां आम मुंबईकर रहता है. बीते 2-3 दशकों के दौरान यदि इस बात पर ध्यान दिया गया होता तो आज एक आम मुंबईकर के लिए यह शहर इतना निर्दयी नहीं होता.

कहां फंस जाता है बाढ़ का पानी?

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इससे पहले मुंबई के पुलिस कमिश्नर अजोय मेहता ने कहा कि मुंबई में बाढ़ और पानी निकासी की समस्या बहुत बड़ी है. इसे ठीक करने के लिए पूरा ड्रेनेज सिस्टम बदलना होगा. इसके लिए बहुत खर्चा होगा. शहरों और कॉलोनियों को बदलना होगा. झुग्गियों को हटना होगा. ऐसा करने में बहुत बड़ी प्रॉब्लम खड़ी हो जाएगी. इसके बजाय हम ड्रेनेज सिस्टम को ठीक कर रहे हैं. हालांकि कई सालों में एक बार जब बहुत ज्यादा बारिश होगी और हाईटाइड साथ आएगी, तो मुंबई को प्रॉब्लम होगी.

प्रोड्यूसर और डायरेक्टर शशि रंजन ने कहा कि वह भी मुंबई के बाहर से आए हैं. लेकिन उनका मानना है कि देश में सबसे ज्यादा भ्रष्ट संस्था बीएमसी है. सड़कों पर अवैध अतिक्रमण है. 120 मीटर की सड़क 8 मीटर की रह गई है. उन्होंने कहा कि अगर सालों की हेडलाइन देखें, तो एक ही खबर मिलेगी. आंदोलन करने और आवाज उठाने के बावजूद कोई काम नहीं होता. ये शहर खत्म हो रहा है. किसी के पास कोई वीजन नहीं है. शशि रंजन के आरोपों पर अजॉय मेहता ने कहा कि परसेप्शन बनाया जा रहा है. बिनी किसी रिपोर्ट के कोई आरोप नहीं लगाया जाना चाहिए. उन्होंने पूछा कि क्या ट्रांसपैरेंसी इंटरनेशनल की इस आशय रिपोर्ट आई है.

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