
लोकसभा चुनाव से पहले वोटर्स को लुभाने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने न्यूनतम आय योजना (न्याय) का ऐलान किया. राहुल गांधी के दावे के मुताबिक इस स्कीम के तहत 5 करोड़ परिवारों को सालाना 72 हजार रुपये की मदद के जरिए गरीबी मिटाने की कोशिश की जाएगी.
राहुल गांधी की योजना के मुताबिक गरीब परिवारों को हर महीने 6 हजार रुपये मिलेंगे. हालांकि मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के प्रोफेसर अभिजीत बनर्जी ने कांग्रेस को सलाह दी थी कि न्याय स्कीम के तहत 2,500 रुपये से 3,000 रुपये तक देना राजकोषीय अनुशासन के दायरे में होगा.
बिजनेस टुडे को दिए इंटरव्यू में अभिजीत बनर्जी ने बताया, ''न्याय स्कीम को लेकर मुझसे कांग्रेस पार्टी ने सलाह ली थी. मैंने उन्हें बताया था कि न्यूनतम आय के तहत प्रति माह 2,500 रुपये देना सही रहेगा. यह राजकोषीय अनुशासन के दायरे में होगा. इस पर सालाना 1.50 लाख करोड़ रुपये खर्च का अनुमान लगाया था.'' अभिजीत बनर्जी ने आगे कहा, '' लोकसभा चुनाव की वजह से कांग्रेस की ओर से इसे सीधा दोगुना कर दिया गया.'' इस योजना के तहत कांग्रेस 6 हजार रुपये महीने का देने की तैयारी में है. इस योजना में 3.60 लाख करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है.
बनर्जी का मानना है कि इस योजना लागू होने के बाद राजकोषिय असमानता आने की आशंका है. ऐसे में इनकम टैक्स, जीएसटी की दरों में बढ़ोतरी हो सकता है. अगर ऐसा नहीं किया गया तो राजकोषीय असमानता आ सकता है. इसके साथ ही बनर्जी ने कहा कि इस स्कीम के लागू होने पर अगला कदम वाटर, इलेक्ट्रिसिटी और फर्टिलाइजर सब्सिडी को हटाने का होगा. इसके बाद ही न्याय स्कीम को प्रभावी ढंग से इस्तेमाल किया जा सकेगा.
क्या है न्याय स्कीम
कांग्रेस की 'न्याय स्कीम' के तहत हर गरीब परिवार की मासिक कमाई 12 हजार रुपये तक पहुंचाने का लक्ष्य होगा. उदाहरण के लिए अगर आपकी आय 7000 रुपये मासिक है तो फिर कांग्रेस सरकार की ओर से 5000 रुपये की मदद दी जाएगी. वहीं अगर आपकी मासिक आय 5 हजार रुपये है तो कांग्रेस की सरकार आपको 7 हजार रुपये देकर 12 हजार रुपये की न्यूनतम आय की श्रेणी में लाने का काम करेगी. हालांकि आपकी न्यूनतम आय 12 हजार रुपये को पार कर जाती है तो आप इस सुविधा के हकदार नहीं रहेंगे.