
सप्ताह के पहले कारोबारी दिन उम्मीद के मुताबिक भारतीय शेयर बाजार में शानदार बढ़त देखने को मिली. ग्लोबली तनाव के बीच कारोबार के शुरुआती मिनटों में सेंसेक्स 400 अंक मजबूत होकर 37 हजार 100 के स्तर को पार कर गया. दोपहर में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि चीन ट्रेड पर फिर से बात करना चाहता है. बाजार में इस बयान के बाद जबरदस्त तेजी देखने को मिली है. सेंसेक्स करीब 785 प्वाइंट चढ़ गया, वहीं निफ्टी में भी करीब 227 अंकों की तेजी देखने को मिली है.
ट्रंप ने कहा कि चीन ने व्यापार पर वार्ता फिर से करने का अनुरोध किया है. गौरतलब है कि कुछ घंटों पहले ही चीन के तरफ से तय शीर्ष वार्ताकार ने सार्वजनिक तौर पर दोनों देशों से संयम बरतने का आह्वान किया था.
इसके पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के हालिया कदम से चीन-अमेरिका के बीच ट्रेड वॉर गहरा गया था. इसकी वजह से अमेरिकी शेयर बाजारों भारी गिरावट आई थी. अमेरिका द्वारा टैरिफ बढ़ाने का चीन ने कड़ा विरोध किया है.
सोमवार को शुरुआती कारोबार में एसबीआई, बजाज फाइनेंस, एचडीएफसी, महिंद्रा और यस बैंक के शेयर हरे निशान पर रहे जबकि वेदांता और टाटा स्टील में गिरावट देखने को मिली. हालांकि कुछ देर बार सेंसेक्स और निफ्टी दायरे में कारोबार करते देखे गए.
दोपहर 1 बजे के बाद सेंसेक्स और निफ्टी ने एक बार फिर रफ्तार पकड़ ली. सेंसेक्स 600 अंक से अधिक मजबूत हुआ. वहीं निफ्टी में भी 130 अंकों से ज्यादा की तेजी रही. बता दें कि बीते शुक्रवार को सेंसेक्स 228.23 अंकों या 0.63 फीसदी की तेजी के साथ 37,701.48 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 88 अंकों या 0.82 फीसदी की तेजी के साथ 10,829 के स्तर पर रहा.
एफपीआई पर सरचार्ज हटा चुकी है सरकार
विदेशी निवेशकों की मांग को ध्यान में रखते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बीते शुक्रवार को विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) पर लगाए गए सरचार्ज को वापस ले लिया. इस सरचार्ज को जुलाई में बजट में लगाया गया था. इस सरचार्ज को लगाए जाने के बाद से विदेशी निवेशकों ने जुलाई और अगस्त में भारतीय बाजार से 3.4 अरब डॉलर यानी 24,500 करोड़ रुपये निकाल लिए थे. इस वजह से रुपये पर भी काफी दबाव बढ़ गया और पिछले हफ्ते यह डॉलर के मुकाबले 72 के स्तर तक नीचे चला गया. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इकोनॉमी को रफ्तार देने के लिए कई और कदमों की घोषणा की. इसमें स्टार्टअप को ‘एंजल टैक्स’ से छूट के अलावा बिक्री संकट से जूझ रहे ऑटो इंडस्ट्री के लिए कई राहतों वाला पैकेज देने का एलान किया.
युआन 11 साल के निचले स्तर पर
इस बीच, हांगकांग में सरकार के खिलाफ प्रदर्शन के अलावा अमेरिका से तनाव बढ़ने की वजह से चीन की करेंसी युआन अपने 11 साल के निम्न स्तर पर है. सोमवार को शुरुआती कारोबार में युआन 7.05 प्रति डॉलर के स्तर पर है. इससे पहले फरवरी 2008 में युआन इस स्तर पर पहुंचा था.
बता दें कि ट्रेड वॉर को लेकर चीन और अमेरिका में टकराव बढ़ता ही जा रहा है. बीते शुक्रवार को अमेरिकी उत्पादों पर चीन द्वारा दो नए शुल्क लगाए जाने पर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भड़क गए. उन्होंने कहा कि अमेरिकी भी उत्पादों पर टैक्स बढ़ाएगा. अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, यूएस एक अक्टूबर से 250 बिलियन डॉलर के उत्पादों पर टैरिफ 25 प्रतिशत से बढ़ाकर 30 प्रतिशत करेगा.
चीन की युआन में गिरावट की एक वजह हांगकांग के हालात हैं. हांगकांग में पिछले तीन महीनों से प्रदर्शनकारी सरकार के खिलाफ सड़कों पर हैं और इस दौरान कई बार उनके प्रदर्शन ने हिंसक रुख भी अख्तियार किया है. बीते रविवार को पुलिस ने पहली बार प्रदर्शनकारियों पर पानी की बौछार का इस्तेमाल किया.