
पीएनबी लोन घोटाले के कथित मुख्य आरोपी और भगोड़े कारोबारी नीरव मोदी के बारे में कहा जाता है कि वो बहुत थोड़े वक्त में ही हीरा कारोबार में दुनिया का बड़ा नाम बन गया. इंडिया टुडे की जांच से खुलासा हुआ है कि नीरव मोदी का हीरा कारोबार महज एक दिखावा था. यह ऐसे अवैध पैसे के दम पर खड़ा किया भ्रमजाल था जो फर्जी ‘लेटर्स ऑफ अंडरटेकिंग’ (LoU) के जरिए अपने कथित ग्राहकों के नाम पर पंजाब नेशनल बैंक से हासिल की गई थी.
नीरव मोदी ने इस सारे गड़बड़झाले के लिए बहुत सोच समझ कर और शातिर तरीके से प्लानिंग की थी. इसके लिए हॉन्गकॉन्ग और अन्य जगहों पर नीरव मोदी ने कई दिखावटी कंपनियां खड़ी कीं. इंडिया टुडे जांच के तहत हॉन्गकॉन्ग में ऐसी ही कई कंपनियों तक पहुंचा. ये वही कंपनियां हैं जिनके नाम पीएनबी से LoU जारी हुए थे.
ये LoU हजारों करोड़ रुपये के थे और पीएनबी ने ये सारा पैसा नीरव मोदी की शेल कंपनियों के नाम पर खो दिया. इन शेल कंपनियों को जो पैसा मिला था वो पैसा नीरव मोदी की भारत स्थित कुछ और कंपनियों के खातों में पहुंचा दिया गया.
नीरव मोदी की शेल कंपनियों में से अधिकतर के पते हॉन्गकॉन्ग के बिजनेस डिस्ट्रिक्ट्स में दिखाए गए. कुछ ऐसी कंपनियों के पते मॉरिशस और बेल्जियम के एंटवर्प में भी दिखाए गए. हॉन्गकॉन्ग स्थित नीरव मोदी की कंपनियों को पैसा पीएनबी के जारी किए LoU के जरिए अन्य बैंकों की 6 ब्रांचों से मिला. इनमें से कई कंपनियां केंद्रीय जांच एजेंसियों की रडार पर हैं.
हॉन्गकॉन्ग में इंडिया टुडे
नीरव मोदी और उसके करीबियों की ओर से शुरू की गई ऐसी ही एक कंपनी का नाम है- सिनो ट्रेडर्स, जिसका दफ्तर हॉन्गकॉन्ग की स्टेनले स्ट्रीट में वर्ल्ड ट्रस्ट टॉवर में स्थित है. जब इंडिया टुडे इस पते पर पहुंचा तो पाया कि सिनो ट्रेडर्स को उसी पते से चलाया जा रहा है जो पता पीएनबी को इटर्नल डायमंड कॉर्पोरेशन लिमिटेड के नाम वाली क्लाइंट कंपनी के लिए दिया गया था.
वर्ल्ड ट्रस्ट टॉवर के बिल्डिंग प्रबंधन ने इंडिया टुडे को बताया कि ये कंपनी 6 महीने पहले बंद हो चुकी है. अब उसके दफ्तर की जगह को कोई और कंपनी इस्तेमाल कर रही है. इस कंपनी के अधिकारियों ने बताया कि इटर्नल डायमंड कॉर्पोरेशन लिमिटेड का दफ्तर इसी बिल्डिंग की 16वीं मंजिल पर चला गया है.
कौन है आशीष बागरिया?
16वीं मंजिल पर इटर्नल डायमंड के दरवाजे को कई बार खटखटाने पर भी अंदर से कोई जवाब नहीं मिला. बाद में बिल्डिंग मैनेजमेंट की ओर से इस बात की पुष्टि की गई कि दफ्तर का रजिस्ट्रेशन इटर्नल डायमंड कॉर्पोरेशन लिमिटेड के नाम पर ही जिसे आशीष बागरिया की ओर से चलाया जाता है.
ये आशीष बागरिया कौन है और पीएनबी लोन घोटाले में इटर्नल डायमंड कॉर्पोरेशन की क्या भूमिका है? बता दें कि आशीष और इटर्नल डायमंड के नाम प्रवर्तन निदेशालय (ED) की जांच में सामने आए हैं. एजेंसी ने पता लगाया कि सिनो ट्रेडर्स को जो पैसा भेजा गया था वो वापस इटर्नल डायमंड के खाते में आया, फिर वहां से इसे भारत स्थित एक्सिस बैंक के एक खाते में भेजा गया. इस कड़ी का आखिरी खाता जिसमें पैसा आया वो नीरव मोदी की ही बनाई एक और शेल कंपनी का ही था.
पीएनबी के दस्तावेज दिखाते हैं कि सिनो ट्रेडर्स के नाम से जो LoU जारी किए गए, उनके पैसे का लाभ स्टेलर डायमंड्स और सोलर एक्सपोर्ट्स को मिला. दोनों कंपनियों को करोड़ों रुपए इटर्नल डायमंड की ओर से भेजे गए. दिलचस्प बात ये है कि इन दोनों कंपनियों का दफ्तर एक ही पते पर स्थित था और दोनों एक दूसरे को ही पैसा भेजती रहीं.
इंडिया टुडे की जांच में सामने आया कि इटर्नल डायमंड को हुंग होम इंडस्ट्रियल एरिया में स्थित एक और बिजनेस डिस्ट्रिक्ट में शिफ्ट किया जा चुका है. कंपनी की वेबसाइट में इसके हुंग होम वाले पते से ही चलने की बात कही गई है. लेकिन इस पते पर कंपनी के नाम से कोई कारोबार चलता नहीं दिखा. सूत्रों के मुताबिक लगता है कि ये कंपनी नीरव मोदी और उसके सहयोगियों ने बैंकों से धोखाधड़ी के लिए ही खड़ी की होगी.
हॉन्गकॉन्ग स्थित आशीष बगारिया के नंबर पर जब कई बार कॉल की गई तो एक बार उसने जवाब दिया और माना कि वो आशीष ही बोल रहा है लेकिन फिर उसने तुरंत फोन काट दिया. बाद में शेल कंपनियों को ट्रैक कर रहे इंडिया टुडे के रिपोर्टर्स को प्राइवेट नंबर से कुछ कॉल आईं, लेकिन दूसरी ओर से कुछ बोला नहीं गया.
LoU के जरिए ही सनशाइन जेम्स नाम की एक और शेल कंपनी में पैसा गया. LoU से पैसा हासिल करने वालों की लिस्ट में इस कंपनी का पता हॉन्गकॉन्ग के ही हुंग होम एरिया के हार्बर सेंटर टॉवर में दिखाया गया. ये पता उस जगह से नजदीक ही था जहां इटर्नल डायमंड का दफ्तर ढूंढा गया था.
सनशाइन जेम्स का दफ्तर जिस पते पर मौजूद था, वहां काम करने वाली एक महिला ने बताया कि कंपनी को नए पते पर शिफ्ट किया जा चुका है. नए पते पर भी ऐसी किसी कंपनी का वजूद दिखाई नहीं दिया. उसी फ्लोर पर काम करने वाले लोगों ने बताया कि कंपनी का दफ्तर कुछ महीने पहले बंद हो चुका है.
दिलचस्प बात ये थी कि दफ्तर के प्रवेश द्वार पर नोटिस लगा था जिसमें लिखा था कि चीनी नववर्ष की वजह से दफ्तर बंद है और इस इवेंट के पूरा होने के बाद खुलेगा. इसका सीधा मतलब था कि दफ्तर हॉन्गकॉन्ग में फरवरी तक चल रहा था. तभी भारत में पीएनबी लोन घोटाले का पहली बार खुलासा हुआ था.
सोलर एक्सपोर्ट्स, स्टेलर डायमंड्स और डायमंड्स आर यूएस को रकम मिली. हॉन्गकॉन्ग में स्थित ऑरा जेम्स, सिनो ट्रेडर्स और सनशाइन जेम्स के खातों में पीएनबी के LoU के जरिए पैसा ट्रांसफर किया गया. आखिरी तौर पर पैसा नीरव मोदी की ओर से संचालित की जा रही कंपनियों जैसे कि इटर्नल डायमंड, सिनो ट्रेडर्स, फैंसी क्रिएशन्स और ऑरा जेम्स में 2014 में पहुंचा.