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क्या मंदी को मात दे पाएंगे निर्मला के ऐलान? जानें एक्सपर्ट की राय

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को कहा कि भारत अभी भी दुनिया में सबसे तेजी से वृद्धि करने वाली अर्थव्यवस्था बनी हुई है. वहीं वित्त मंत्री ने अर्थव्यवस्था में सुधार लाने के लिए कई फैसले पलटे तो कई नई घोषणाएं की.

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (फाइल फोटो-Aajtak) वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (फाइल फोटो-Aajtak)
हिमांशु कोठारी
  • नई दिल्ली,
  • 23 अगस्त 2019,
  • अपडेटेड 11:08 PM IST

देश में अलग-अलग सेक्टरों से लगातार आ रही मंदी की खबरों और शेयर बाजार में गिरावट के बीच शुक्रवार वित्त मंत्री निर्मता सीतारमण ने एक महत्वपूर्ण प्रेस कॉन्फ्रेंस कर एक के बाद एक कई ऐलान किए. निर्मला सीतारमण ने देश को आश्वस्त किया कि भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूत है और चीन-अमेरिका जैसे देशों के मुकाबले बेहतर प्रदर्शन कर रही है.

वित्त मंत्री निर्मता सीतारमण ने मांग बढ़ाने, उद्योग जगत की चिंताओं को दूर करने और बाजार को सकारात्मक संदेश देने के लिए कई अहम ऐलान किए. हालांकि आर्थिक जानकार उनके प्रयासों को मौजूदा हालात में नाकाफी बता रहे हैं. सीतारमण की इन घोषणाओं पर इंडिया टुडे (हिंदी) के संपादक अंशुमान तिवारी का कहना है कि सरकार ने ऐसा कोई कदम नहीं उठाया है, जिसके चलते अर्थव्यवस्था को स्थायी मजबूती मिलने का भरोसा जगे. साथ ही उन्होंने कई मुद्दों पर अपनी राय रखी.

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वित्त मंत्री की घोषणाः बैंकों को 70 हजार करोड़ रुपये

विश्लेषणः बैंकों में 70 हजार करोड़ रुपये डालने की घोषणा नई नहीं है. बजट में इसका ऐलान पहले ही किया जा चुका है. सरकार बॉन्ड्स के जरिए पैसा जारी करती है. इससे तत्काल बैंकों को किसी तरह का कोई फायदा नहीं होने वाला है. बैंकों के NPAs काफी ज्यादा हैं.

वित्त मंत्री की घोषणाः FPI पर सरचार्ज वापस

विश्लेषणः सरकार के इस फैसले से शेयर बाजार के सेंटीमेंट पर कुछ ज्यादा प्रभाव देखने को नहीं मिलेगा. हालांकि कुछ दिनों के लिए तेजी जरूर देखी जा सकती है. समस्या इससे नहीं है कि बजट में सरचार्ज का ऐलान किया गया था. असल में समस्या रियल इकोनॉमी में है. जहां ग्रोथ में गिरावट है, सेविंग्स गिर रही है और खर्चे भी कम हो रहे हैं. उसके लिए न बजट में कुछ था और न ही अब सरकार ने उसके लिए कुछ राहत पैकेज दिया है.

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सरचार्ज हटाए जाने से शेयर बाजार को ऐसी ताकत नहीं मिलेगी, जिससे शेयर बाजार में स्थायी बढ़त देखी जा सके. ऑटो सेक्टर और रियल एस्टेट सेक्टर के शेयरों में गिरावट सरचार्ज के इतर, मंदी के चलते कंपनियों की बिगड़ती हालत के कारण भी है.

वित्त मंत्री की घोषणाः ऑटो सेक्टर की मांग बढ़ाएंगे

विश्लेषणः सरकार ने अब भी ऑटो सेक्टर को राहत देने के लिए कुछ खास नहीं किया है. ऑटो सेक्टर की मांग फिलहाल टैक्स में छूट और नई नीतियों की है, जिसे लेकर कोई राहत भरा ऐलान नहीं किया गया है.

वित्त मंत्री की घोषणाः स्टार्टअप्स से एंजेल टैक्स वापस

विश्लेषणः जब इकोनॉमी में गिरावट आती है तो मांग नहीं होती है. ऐसे में स्टार्टअप्स में कोई जल्द निवेश नहीं करता है. जिसके कारण एंजेल टैक्स वापस लेने का असर ज्यादा देखने को नहीं मिलेगा.

सवालः कैसे सुधरेंगे हालात?

सलाहः सरकार जब टैक्स सुधार करेगी, राजस्व में सुधार लाएगी, लोगों की मांग में बढ़ोतरी के लिए कदम उठाएगी, तभी अर्थव्यवस्था को स्थायी तौर पर पटरी पर लाया जा सकता है.

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