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भारत और चीन के ग्रोथ अनुमानों पर वैश्विक आर्थिक मंदी काफी हद तक निर्भर: सीतारमण

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि वैश्विक आर्थिक मंदी और अगले साल के ग्रोथ अनुमान भारत और चीन के ग्रोथ अनुमानों पर काफी हद तक निर्भर कर रहे हैं. वित्त मंत्री ने कहा कि इनका प्रदर्शन बाकी वैश्विक विकास पर भी निर्भर करता है.

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (फाइल फोटो-ANI) वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (फाइल फोटो-ANI)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 20 अक्टूबर 2019,
  • अपडेटेड 12:49 PM IST

  • वैश्विक आर्थिक मंदी अगले साल ग्रोथ अनुमान पर निर्भर
  • आर्थिक प्रगति के लिए मिलकर किए जा रहे काम

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि वैश्विक आर्थिक मंदी और अगले साल के ग्रोथ अनुमान भारत और चीन के ग्रोथ अनुमानों पर काफी हद तक निर्भर कर रहे हैं. वित्त मंत्री ने कहा कि इनका प्रदर्शन बाकी वैश्विक विकास पर भी निर्भर करता है.

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आईएमएफ मुख्यालय में सीतारमण और अमेरिकी ट्रेजरी सचिव स्टीवन म्नुचिन के बीच व्यापार सौदे की वार्ता चर्चा में है. स्टीवन म्नुचिन अगले महीने की शुरुआत में भारत आने वाले हैं.

इसके साथ ही निर्मला सीतारमण ने कहा कि भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक संबंधों को बढ़ाने पर काम किया जा रहा है. दोनों देश हर तरह से समझौते की ओर तेजी से काम कर रहे हैं.

निर्मला सीतारमण ने कहा कि वास्तव में मैंने मोटे तौर पर सचिव स्टीवन म्नुचिन  से इस बारे में जिक्र किया है लेकिन यह कुछ ऐसा है जिस पर अमेरिका के व्यापार प्रतिनिधि रॉबर्ट लेथाइजर काम कर रहे हैं.

निर्मला सीतारमण ने कहा कि ऐसी जानकारियां सामने आ रही हैं कि दोनों देशों के बीच मध्यस्थता का प्रयास किया जा रहा है, जो सराहनीय है. वित्त मंत्री ने कहा कि जिस तरह दोनों पक्ष काम कर रहे हैं उसके मुताबिक जल्द ही इस सौदे को दिशा मिलेगी.

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निर्माला सीतारमण ने सामाजिक कल्याण और बीमा कवर की बात भी की . निर्मला सीतारमण ने कहा कि भारत में  भारतीयों के लिए एक सामाजिक कल्याण कवर या सामाजिक बीमा कवर की व्यवस्था नहीं थी. अगर उन्हें कवर देना होता  था तो यह जाहिर नहीं था कि इसका उपयोग कहां किया जा रहा है.

निर्मला सीतारमण ने कहा कि मुझे लगता है कि अधिकांश निजी बीमा या कई परिवारों के लिए जो आय के निश्चित स्तर से नीचे हैं, आयुष्मान भारत एक शानदार बड़ी कवरेज है. बीमा कवरेज के लिए अब बहुत अधिक निजी क्षेत्र का विकल्प भी है.

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