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अब इंडिगो में भी संकट! दो फाउंडर्स में मतभेद से संचालन में आ सकती बाधा

भारतीय एविएशन उद्योग के दिन अच्छे नहीं चल रहे. किंगफिशर, जेट एयरवेज के बर्बाद होने के बाद अब सबसे बड़ी एयरलाइंस इंडिगो में समस्या की खबरें आ रही हैं.

अब इंडिगो में संकट अब इंडिगो में संकट
दिनेश अग्रहरि
  • नई दिल्ली,
  • 16 मई 2019,
  • अपडेटेड 10:48 AM IST

देश की सबसे बड़ी एयरलाइंस इंडिगो के दो संस्थापकों के बीच गंभीर मतभेद की खबरें आ रही हैं. अगर इन मतभेदों को दूर नहीं किया गया तो जेट के बाद अब इंडिगो एयरलाइंस का भी कामकाज प्रभावित हो सकता है. कई प्रमुख आर्थिक अखबारों में सूत्रों के हवाले से यह खबर दी गई है. हालांकि इस बारे में प्रमोटर्स की कोई टिप्पणी नहीं आई है.

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इकोनॉमिक टाइम्स के अनुसार, दो संस्थापकों राहुल भाटिया और राकेश गंगवाल के बीच एयरलाइंस की रणनीतियों और महत्वाकांक्षाओं को लेकर कुछ मतभेद हैं. हालांकि, खबर यह भी है कि दोनो संस्थापक मतभेद दूर करने की कोशिश में भी लगे हैं, ताकि एयरलाइंस का कामकाज प्रभावित न हो.

इंडियन एक्सप्रेस ने सूत्रों के हवाले से खबर दी है कि पिछले साल अप्रैल में एयरलाइन के सीईओ आदित्य घोष के इस्तीफे की घोषणा और कई शीर्ष पदों पर विदेशि‍यों की नियुक्ति के बाद से ही दोनों प्रमोटर्स में मतभेद तेज हो गए हैं.

पिछले कुछ हफ्तों में दोनों संस्थापकों में मतभेद गहरा गए हैं, लेकिन दोनों अभी कानून का सहारा नहीं लेना चाहते और दूसरे विकल्पों पर विचार कर रहे हैं. दो लीगल फर्म समस्या दूर करने में दोनों संस्थापकों की मदद कर रहे हैं.

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गौरतलब है कि इंडिगो देश ही नहीं, दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ने वाली एयरलाइंस में से है और इसके पीछे मुख्य फोर्स अमेरिकी एविएशन इंडस्ट्री में काम कर चुके राकेश गंगवाल को माना जाता है. गंगवाल की वजह से ही इंडिगो ने रिकॉर्ड संख्या में विमानों के ऑर्डर दिए हैं और भारत में आक्रामक तरीके से अपना काम बढ़ा रही है.

अमेरिकी नागरिक बन चुके गंगवाल पर्दे के पीछे रहकर काम करते हैं, जबकि राहुल भाटिया भारत में एयरलाइंस के ग्रोथ और नियमित कामकाज को देखते हैं. यह मतभेद पिछले दो साल में कई मौकों पर देखा गया. इसकी मुख्य वजह यह है कि गंगवाल जहां तेजी से एयरलाइंस को बढ़ाना चाहते हैं, वहीं भाटिया थोड़ा सतर्क रहकर आगे बढ़ने में भरोसा करते हैं.

 31 मार्च, 2019 के तक इंडिगो एयरलाइंस का संचालन करने वाली कंपनी इंटरग्लोब एविएशन में राहुल भाटिया की 38 फीसदी हिस्सेदारी है, जबकि गंगवाल की 37 फीसदी हिस्सेदारी है. इस एयरलाइन की स्थापना भाटिया और गंगवाल ने 2006 में की थी. कंपनी को 2013 में शेयर मार्केट में सूचीबद्ध किया गया था.

इंडिगो किसी तरह के संकट में आया तो यह भारतीय एविएशन बाजार के लिए काफी भयावह स्थिति होगी, क्योंकि इसके पहले हम दो निजी एयरलाइंस किंगफिशर और जेट एयरवेज को बर्बाद होते देख चुके हैं. सरकारी एयरलाइंस एयर इंडिया की भी हालत भी बेहद खराब है. यानी तीन एयरलाइंस तो पहले ही बर्बाद हो चुके है.

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 इंडिगो कोलकाता को जोड़ने वाली छह नई उड़ानों का संचालन करेगी

दूसरी तरफ, कंपनी की तेज विस्तार की योजना लगातार जारी है. इंडिगो ने कोलकाता को जोड़ने वाली छह नई उड़ानों के संचालन की घोषणा की है. नई उड़ानों का संचालन 20 जुलाई से किया जाएगा. इसके अतिरिक्त किफायती एयरलाइन चार जुलाई से दिल्ली-काठमांडू मार्ग पर तीसरी सीधी उड़ान की शुरुआत करेगी. डीजीसीए के आंकड़ों के मुताबिक घरेलू यात्री बाजार में 2019 की पहली तिमाही में 44.3 प्रतिशत की हिस्सेदारी के साथ इंडिगो देश की सबसे बड़ी एयरलाइन है.

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