
बढ़ते एनपीए (नन परफॉर्मिग एसेट) की वजह से आलोचना झेल रही बीजेपी सरकार लगातार इसके लिए पूर्व यूपीए सरकार को जिम्मेदार ठहरा रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को दिल्ली में फिक्की की सालाना आम सभा में आरोप लगाया कि ये आजकल एनपीए का जो हल्ला मच रहा है, वो पहले की सरकार में बैठे अर्थशास्त्रियों की इस सरकार को दी गई सबसे बड़ी लायबिलिटी है. वहीं गुरुवार को रेल मंत्री पीयूष गोयल ने भी प्रेस कॉन्फ्रेंस कर एनपीए के लिए कांग्रेस वाली यूपीए सरकार को जिम्मेदार ठहराया.
गोयल के मुताबिक मार्च 2008 में बैंकों ने 1816000 करोड़ रुपये की कुल राशि लोन पर दी थी. मार्च 2014 तक यह बढ़कर 5215000 करोड़ रुपये हो गया. वहीं इस बीच जीडीपी में बढ़ोतरी नहीं देखी गई. इससे साफ मालूम चलता है कि कांग्रेस सरकार ने अविवेकी तरीके से लोन प्रदान किए. कई कॉरपोरेट को अनुचित तरीके से लोन दिए गए. यह कांग्रेस सरकार के समय सबसे बड़ा घोटाला था. पीएम मोदी ने भी फिक्की के कार्यक्रम में यूपीए सरकार पर तंज कसते हुए कहा था कि ये एनपीए सरकार का सबसे बड़ा घोटाला था.
गोयल ने कहा कि कई एनपीए अकाउंट को यूपीए शाासनकाल में छुपाकर रखा गया. गोयल ने बताया कि मोदी सरकार ने 2015 में एसेट क्वॉलिटी रिव्यू किया था और कॉरपोरेट को लोन वापस करने के लिए मजबूर किया. गोयल ने एनपीए के लिए कांग्रेस को कसूरवार ठहराया. गोयल के अनुसार जांच एजेंसी कई मामलों की जांच कर रही है, जल्द जरूरी एक्शन लिए जाएंगे. वहीं गोयल ने एग्जिट पोल के सवालों पर जवाब देने से मना कर दिया.
आपको बता दें कि मौजूदा वित्त वर्ष (2017-18) की पहली छमाही में देश के सरकारी बैंकों ने अपने एनपीए को मजबूत दिखाने के लिए कुल 55,356 करोड़ रुपये की कर्जमाफी का ऐलान किया है. सरकारी बैंकों द्वारा कॉरपोरेट सेक्टर को दी गई यह कर्जमाफी पिछले वित्त वर्ष 2016-17 की पहली छमाही के दौरान 35,985 करोड़ रुपये की कर्जमाफी का 54 फीसदी है.