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पाकिस्तान भले हो सऊदी अरब का करीबी दोस्त, 15 गुना ज्यादा है भारत का द्विपक्षीय व्यापार

पाकिस्तान की अपनी सफल यात्रा के बाद सऊदी अरब के प्रिंस मंगलवार को भारत आ रहे हैं.  सऊदी अरब को पाकिस्तान का ज्यादा करीबी माना जाता है, लेकिन अगर व्यापार की बात करें तो उसके साथ भारत का दि्वपक्षीय व्यापार पाक मुकाबले 15 गुना ज्यादा है.

पीएम मोदी के साथ सऊदी के प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान (फाइल फोटो: रायटर्स) पीएम मोदी के साथ सऊदी के प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान (फाइल फोटो: रायटर्स)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 19 फरवरी 2019,
  • अपडेटेड 1:46 PM IST

पाकिस्तान भले ही सऊदी अरब का करीबी दोस्त बन गया हो, लेकिन सच तो यह है कि सऊदी अरब से व्यापार के मामले में भारत उससे काफी आगे है. भारत-सऊदी अरब का द्व‍िपक्षीय व्यापार पाकिस्तान-सऊदी अरब के मुकाबले 15 गुना ज्यादा है.

सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान पाकिस्तान की यात्रा संपन्न करने के बाद मंगलवार को भारत पहुंच रहे हैं. पाकिस्तानी अखबार द न्यूज के मुताबिक उनकी इस यात्रा के दौरान पाकिस्तान और सऊदी अरब के बीच 20 अरब डॉलर का निवेश समझौता हुआ है. इसके तहत सऊदी अरब 10 अरब डॉलर का निवेश ग्वादर में रिफाइनरी एवं पेट्रोकेमिकल कॉम्प्लेक्स बनाने के लिए करेगा.

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गौरतलब है कि साल 2017-18 में सऊदी अरब के साथ पाकिस्तान का द्विपक्षीय व्यापार 1.87 अरब डॉलर का रहा है. इसमें निर्यात सिर्फ 17 करोड़ डॉलर और आयात 1.7 अरब डॉलर का था. दूसरी तरफ, साल 2017-18 में सऊदी अरब के साथ भारत का द्विपक्षीय व्यापार 27.48 अरब डॉलर का रहा है. सऊदी अरब से भारत में आयात 22.06 अरब डॉलर और भारत से सऊदी अरब को निर्यात 5.41 अरब डॉलर का रहा है. सऊदी अरब में करीब 20 लाख पाकिस्तानी हैं, जबकि वहां भारतीय या भारतीय मूल 40 लाख से ज्यादा लोग हैं.

भारत में बढ़ेगा सऊदी अरब का निवेश

करीब दस महीने पहले सऊदी अरब ने पश्च‍िमी भारत में रिफाइनरी स्थापित करने के लिए 44 अरब डॉलर का समझौता किया था. क्राउन प्रिंस के इस बार के भारत दौरे में भी अरबों डॉलर के निवेश का समझौता हो सकता है. इस बात की प्रबल संभावना लग रही है कि सऊदी अरब भारत के नेशनल इन्वेस्टमेंट ऐंड इंफ्रास्ट्रक्चर फंड (NIIF) में भारी निवेश करेगा. भारत के कच्चे तेल की जरूरत का 20 फीसदी हिस्सा सऊदी अरब से ही आयातित होता है. 

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भारतीय भेजते हैं ज्यादा धन

एक अनुमान के अनुसार पाकिस्तानी लोग सऊदी अरब से हर साल करीब 6 अरब डॉलर की राशि अपने घर भेजते हैं, जबकि सऊदी अरब में रहने वाले भारतीय भारत में हर साल 10 अरब डॉलर से ज्यादा भेजते हैं. भारत में एफआईडी आधारित जॉइंट वेंचर के मामले में सऊदी अरब का दुनिया में 15वां स्थान है, जबकि इस मामले में अरब देशों में यूएई के बाद सऊदी अरब का ही स्थान है.

सऊदी अरब के विभिन्न सेक्टर में करीब 70 भारतीय कंपनियां काम कर रही हैं. यही नहीं, सऊदी अरब में कार्यरत 300 से ज्यादा कंपनियों में भारतीय या तो पार्टनर हैं या उसके मालिक हैं. सऊदी अरब में कार्यरत प्रमुख भारतीय कंपनियों में न्यू इंडिया इंश्योरेंस, सऊदी इंडियन इंश्योरेंस, टेलीकम्युनिकेशंस कंसल्टेंट्स इंडिया, विप्रो लिमिटेड, टाटा मोटर्स, टाटा कंसल्टैंसी सर्विसेज लिमिटेड (TCS), लार्सन ऐंड टूब्रो सऊदी अरबिया एलएलसी, सऊदी अल-तेराइस कंपनी, अयिम पुंज लॉयड कंस्ट्रक्शन कॉन्ट्रैक्टिंग कंपनी, लुल्लू सऊदी हाइपरमार्केट एलएलसी, वर्तुसा पोलारिस, स्टार प्रिंटिंग प्रेस, गोदरेज ऐंड बॉयस आदि शामिल हैं.

 सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान बिन अब्दुल अजीज अल सउद अपने इस दौरे में पीएम मोदी सहित कई शीर्ष मंत्रियों और नेताओं से मुलाकात करेंगे. 

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