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इस बजट से नोटबंदी-GST का दर्द भूल जाएंगे लोग? सरकार की ये है तैयारी

नोटबंदी को लेकर अभी भी मोदी सरकार बैकफुट पर है. क्योंकि सरकार को उम्मीद थी कि नोटबंदी से बड़े पैमाने पर कालेधन का खुलासा होगा. परंतु नोटबंदी के बाद जिस तरह से 99 फीसदी से ज्यादा पुराने नोट बैंक के पास वापस आए गए. उसके बाद विपक्ष का सरकार पर हमला और तेज हो गया है.

1 फरवरी को अंतरिम बजट होगा पेश (फाइल फोटो) 1 फरवरी को अंतरिम बजट होगा पेश (फाइल फोटो)
अमित कुमार दुबे
  • नई दिल्ली,
  • 24 जनवरी 2019,
  • अपडेटेड 2:34 PM IST

लोकसभा चुनाव 2019 से करीब 2 महीने पहले 1 फरवरी को मोदी सरकार अंतरिम बजट पेश करेगी. इस बजट में सरकार का पूरा फोकस आम आदमी पर होगा. वैसे भी पिछले 5 सालों में मोदी सरकार कई बेहतरीन योजनाएं लेकर आई हैं, जिससे आम आदमी की स्थिति बेहतर हुई है. सरकार उन योजनाओं को लोकसभा चुनाव में भुनाने की कोशिश करेगी.

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लेकिन नोटबंदी को लेकर अभी भी मोदी सरकार बैकफुट पर है. क्योंकि सरकार को उम्मीद थी कि नोटबंदी से बड़े पैमाने पर कालेधन का खुलासा होगा. परंतु नोटबंदी के बाद जिस तरह से 99 फीसदी से ज्यादा पुराने नोट बैंक के पास वापस आए गए. उसके बाद विपक्ष का सरकार पर हमला और तेज हो गया है.

विपक्ष का आरोप है कि मोदी सरकार ने बिना सोच-समझे नोटबंदी का ऐलान किया था, इससे कालेधन का तो पता नहीं चला, लेकिन आम आदमी आर्थिक स्थिति और बिगड़ गई. विपक्ष का तर्क है कि नोटबंदी की वजह हर वर्ग के लोग परेशान हो गए. नोट बदलने के चक्कर में करीब 100 लोगों ने दम तोड़ दिया.  

दरअसल, विपक्ष 8 नवंबर 2016, से ही नोटबंदी को लेकर सरकार को घेरने में लगा है. हालांकि सरकार का दावा है कि नोटबंदी की वजह कालेधन, नक्सल और आतंकवाद पर लगाम लगा है. लेकिन विपक्ष नोटबंदी का मुद्दा 2019 में भी उछाल सकता है. अब सरकार चाहती है कि अगर किसी वर्ग को नोटबंदी की वजह से परेशानी हुई है तो अंतरिम बजट के जरिये उन्हें खुश कर दिया जाए.

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इसके अलावा जीएसटी को लेकर भी विपक्ष हमलावर है, खासकर कांग्रेस का कहना है कि जीएसटी की वजह से छोटे कारोबारियों का धंधा चौपट हो गया है. कारोबार बंद होने से लोगों को घर चलाना मुश्किल हो गया है. हालांकि GST मसले को गंभीरता लेते हुए सरकार ने पिछले कुछ महीनों में GST की दरों में कई बार बदलाव किए हैं. लेकिन अब भी विपक्ष GST को भुनाने में जुटा है.

ऐसे में मोदी सरकार अंतरिम बजट के जरिये उन वर्गों को खुश कर सकता है, जो नोटबंदी और फिर जीएसटी की वजह से थोड़े नाराज हैं. खासकर मिडिल क्लास को खुश करने के लिए आयकर छूट की सीमा बढ़ाने पर सरकार विचार कर रही है. साथ ही सरकार किसानों को कम ब्याज दर पर लोन और बीमा की सुविधा देने का ऐलान कर सकती है. इसके अलावा होम लोन के ब्याद दर में कटौती का प्रस्ताव लेकर सरकार आ सकती है.

वहीं जीएसटी की वजह छोटे कारोबारियों में थोड़ी नाराजगी है. सरकार भले ही बजट में बड़े उद्योगपतियों को नजरअंदाज करे, लेकिन छोटे कारोबारियों की नाराजगी दूर करने के लिए GST में उन्हें और रियायत मिल सकती है. अब बस सभी को एक फरवरी का इंतजार है जब मोदी सरकार का संसद में पिटारा खुलेगा.

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