
येल स्कूल ऑफ मैनेजमेंट अपने यहां डीन की पोजिशन को पेप्सिको की भारतीय मूल की मुख्य कार्यकारी इंदिरा नूई के नाम पर रखने जा रहा है. और इसकी एक खास वजह भी है.
बता दें कि इंदिरा इस नामी संस्थान से पढ़ाई कर चुकी हैं और हाल ही में उन्होंने इस संस्थान को एक अघोषित राशि दान की है और इसके बाद वह यहां सबसे अधिक राशि का योगदान करने वाली पूर्व-छात्रा बन गई हैं. इसके अलावा, वह ऐसी पहली महिला हैं जिन्होंने इस शीर्ष प्रबंधन संस्थान के डीन पद के लिए दान दिया है.
येल ने नूई की ओर से दान में दी गई राशि का खुलासा नहीं किया लेकिन कहा कि संस्थान के डीन पद के लिए दान और एक नए कोष की शुरुआत के मद्देनजर वह येल स्कूल आफ मैनेजमेंट की ‘सबसे उदार स्नातक’ बन गई हैं. संस्थान ने एक बयान में कहा, वह शीर्ष प्रबंधन संस्थान में डीन के पद के लिए दान करने वाली पहली महिला हैं.
पेप्सिको की चेयरपर्सन ने 1980 में यहां स्नातक किया. नूई ने कहा है कि संस्थान के अनुभव ने हमेशा के लिए उनके जीवन की दिशा बदल दी. इसके साथ ही उन्होंने ने कहा ‘संस्थान ने जो मुझे दिया है उसके आगे मेरा उपहार फीका है.
येल ने नेतृत्व के लिए एक विस्तृत विश्वदृष्टि की जरूरत, कारोबार और समाज के बीच साझा बिंदु के प्रति सम्मान की बुनियादी समझ पैदा की. नूई भारतीय मूल की उन प्रमुख व्यक्तियों में शामिल हो गई हैं जिन्होंने अमेरिकी विश्वविद्यालयों में उदारता से योगदान किया है.
पिछले साल अक्तूबर में नूई की बहन और ग्रैमी के लिए नामित संगीतकार चंद्रिका टंडन और उनके पति रंजन ने न्यूयॉर्क विश्वविद्यालय के स्कूल और इंजीनियरिंग को 10 करोड़ डॉलर का योगदान किया था जो भारतीय मूल के अमेरिकी समुदाय के सदस्यों द्वारा अब तक किया गया सबसे बड़ा योगदान था. इससे पहले 2010 में हार्वर्ड बिजनेस स्कूल को टाटा कंपनियों से पांच करोड़ डॉलर का उपहार मिला था. उद्योगपति रतन टाटा ने 1975 में यहां पढ़ाई की थी.