
नए फाइनेंशियल ईयर के आगाज में अब चंद दिन बचे हैं. लेकिन नए फाइनेंशियल ईयर की शुरुआत से पहले यह जानना जरूरी है कि बीते 1 साल में आर्थिक मोर्चे और आम जनता से जुड़ी हुई चीजों के मोर्चे पर देश कहां खड़ा है. आज हम रिपोर्ट में इस बारे में जानकारी देंगे.
1. शेयर बाजार का हाल
साल 2018 के 2 अप्रैल से आज यानि 28 मार्च तक की बात करें तो सेंसेक्स ने 16 फीसदी रिटर्न दिया. इस दौरान सूचकांक 33, 255 से बढ़कर 38, 546 के स्तर पर आ गया. सेंसेक्स ने 29 अगस्त 2018 को रिकॉर्ड हाई 38, 989.65 का स्तर देखा. जबकि 4 अप्रैल 2018 को 52 हफ्तों का लो 32973 का स्तर टच किया. वहीं निफ्टी की बात करें तो यह 10,211 अंक के स्तर से बढ़कर 11,570 के स्तर पर पहुंच गया. निफ्टी ने 28 अगस्त 2018 को 11,739 का रिकॉर्ड हाई लेवल हासिल किया जबकि अक्टूबर 2018 में यह 10,000 के स्तर के करीब आ गया.
2. रुपये में रिकॉर्ड गिरावट
अगर इस फाइनेंशियल ईयर में रुपये की बात करें तो शुरुआती 9 महीनों में यह डॉलर के मुकाबले कमजोर साबित हुआ. अप्रैल 2018 में 64.88 के स्तर से रुपये की शुरुआत हुई लेकिन 10 अक्टूबर 2018 को डॉलर के मुकाबले इसमें रिकॉर्ड गिरावट आई. इस दौरान रुपया प्रति डॉलर 74.50 के स्तर पर पहुंच गया. यह अब तक की सबसे बड़ी गिरावट है. हालांकि आखिरी तीन महीनों में रुपया ने 2018 के नुकसान की कुछ हद तक भरपाई की है.
3. पेट्रोल-डीजल-गैस
इस फाइनेंशियल ईयर में पेट्रोल-डीजल और एलपीजी गैस के मोर्चे पर भी कई रिकॉर्ड बने. इस साल दिल्ली में 14 किलोग्राम नॉन सब्सिडी एलपीजी सिलेंडर की कीमत 900 रुपये को पार कर गई. 7 नवंबर 2018 को नॉन सब्सिडी एलपीजी सिलेंडर की कीमत 942.50 रुपये पर पहुंच गई. यह फाइनेंशियल ईयर का उच्चतम स्तर है. वहीं पेट्रोल की बात करें तो दिल्ली में यह 4 अक्टूबर 2018 को 84 रुपये प्रति लीटर पर पहुंच गया. पेट्रोल की कीमत का यह हाई लेवल है. जबकि डीजल की बात करें तो यह 17अक्टूबर 2018 को 75.69 के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया.
4 . सोना-चांदी की कीमतें
इस फाइनेंशियल ईयर में सोना की कीमत 30 हजार प्रति दस ग्राम के स्तर तक पहुंची. 17 अगस्त 2018 को सोना 30 हजार 335 रुपये प्रति दस ग्राम पर आ गया. वहीं फरवरी में 34 हजार 800 रुपये प्रति दस ग्राम पर आ गया. चांदी की बात करें तो यह इस साल जनवरी में 42 हजार रुपये प्रति किलोग्राम के स्तर तक पहुंच गया.
5. महंगाई के स्तर पर
वैसे तो मार्च महीने के महंगाई दर के आंकड़े अप्रैल में आएंगे लेकिन फरवरी से तुलना करें तो थोक मूल्य आधारित सालाना महंगाई दर में इजाफा हुआ है. बीते साल के फरवरी महीने में थोक महंगाई दर 2.74 फीसदी रही थी.जबकि इस साल फरवरी में महंगाई दर 2.93 फीसदी रही. खाद्य पदर्थो की कीमतें घटने से फरवरी 2019 में खुदरा महंगाई दर, पिछले वर्ष की समान अवधि के 4.44 फीसदी से घटकर 2.57 प्रतिशत हो गई. वहीं उपभोक्ता खाद्य मूल्य सूचकांक (सीएफपीआई) फरवरी 2018 के 3.26 प्रतिशत से घटकर 0.66 फीसदी हो गया.
6. लोन की ब्याज दर
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने इस फाइनेंशियल ईयर की पहली मॉनिटरी पॉलिसी बैठक अप्रैल में की थी. इस बैठक में 6 फीसदी के रेपो रेट में 0.25 फीसदी का इजाफा किया था. आरबीआई की दूसरी मॉनिटरी पॉलिसी की बैठक में एक बार फिर रेपो रेट 0.25 फीसदी बढ़ाकर 6.50 फीसदी कर दिया गया. हालांकि आरबीआई ने फरवरी 2019 की मॉनिटरी पॉलिसी बैठक में रेपो रेट में 25 बेसिस प्वाइंट की कटौती की. वर्तमान में आरबीआई का रेपो रेट 6.25 फीसदी है. बता दें कि किसी भी होम या कार लोन की ब्याज दरें रिजर्व बैंक की रेपो रेट से तय होती हैं. आरबीआई अगर रेपो रेट बढ़ाता है तो बैंक लोन पर ब्याज दरें बढ़ा देती हैं.
7. नौकरी के मोर्चे पर
EPFO के मुताबिक संगठित क्षेत्र में जनवरी महीने में कुल 8.96 लाख लोगों को रोजगार मिला है. जनवरी में जो नये रोजगार सृजित हुए वह एक साल पहले इसी महीने की तुलना में 131 फीसदी अधिक हैं. पिछले साल इसी महीने में ईपीएफओ अंशधारकों की संख्या 3.87 लाख बढ़ी थी. यह 17 महीने का उच्च स्तर है. वहीं कुल 17 महीनों में करीब 76 लाख लोगों को रोजगार मिला है.